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TAX: शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 24 प्रतिशत से बढ़कर हुआ 8.77 लाख करोड़
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: वीरेंद्र शर्मा
Updated Tue, 13 Dec 2022 06:31 AM IST
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सार
चालू वित्त वर्ष में व्यक्तिगत और कॉरपोरेट कर समेत प्रत्यक्ष कर संग्रह 17.50 लाख करोड़ रह सकता है। अप्रत्यक्ष करों की हिस्सेदारी 14 लाख करोड़ रुपये के करीब होगी।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर अवधि के दौरान सालाना आधार पर 24.26 फीसदी बढ़कर 8.77 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। यह आंकड़ा 2022-23 के पूरे बजट अनुमान का 61.79 फीसदी है। चालू वित्त वर्ष के बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। यह 2021-22 के दौरान कुल 14.10 लाख करोड़ के कर संग्रह से अधिक है।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर बताया कि शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 30 नवंबर, 2022 तक 8.77 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 के दौरान एक अप्रैल से 30 नवंबर के बीच करदाताओं को 2.15 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए। यह आंकड़ा 2021-22 की तुलना में 67 फीसदी अधिक है। कर संग्रह किसी भी देश की आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों में बढ़ोतरी का संकेतक है।
चालू वित्त वर्ष में व्यक्तिगत और कॉरपोरेट कर समेत प्रत्यक्ष कर संग्रह 17.50 लाख करोड़ रह सकता है। अप्रत्यक्ष करों की हिस्सेदारी 14 लाख करोड़ रुपये के करीब होगी। 2022-23 में कुल कर संग्रह करीब 31.50 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। राजस्व सचिव तरुण बजाज का कहना है कि कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में बजट अनुमान से करीब चार लाख करोड़ रुपये अधिक रह सकता है। आयकर, सीमा शुल्क और जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी से इसके अनुमानित लक्ष्य को बड़े आंकड़े के साथ पार करने की उम्मीद है। मार्च, 2023 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में निर्धारित कर संग्रह का लक्ष्य 27.50 लाख करोड़ है।
बजाज का कहना है कि कर राजस्व में बढ़ोतरी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि की तुलना में अधिक बनी रहेगी। इससे अर्थव्यवस्था को संगठित बनाने और बेहतर अनुपालन में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आयकरदाताओं की सुविधा के लिए सरकार की ओर से विभिन्न कदम उठाए गए हैं।

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वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी कर बताया कि शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 30 नवंबर, 2022 तक 8.77 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष यानी 2022-23 के दौरान एक अप्रैल से 30 नवंबर के बीच करदाताओं को 2.15 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए। यह आंकड़ा 2021-22 की तुलना में 67 फीसदी अधिक है। कर संग्रह किसी भी देश की आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों में बढ़ोतरी का संकेतक है।
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चालू वित्त वर्ष में व्यक्तिगत और कॉरपोरेट कर समेत प्रत्यक्ष कर संग्रह 17.50 लाख करोड़ रह सकता है। अप्रत्यक्ष करों की हिस्सेदारी 14 लाख करोड़ रुपये के करीब होगी। 2022-23 में कुल कर संग्रह करीब 31.50 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। राजस्व सचिव तरुण बजाज का कहना है कि कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में बजट अनुमान से करीब चार लाख करोड़ रुपये अधिक रह सकता है। आयकर, सीमा शुल्क और जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी से इसके अनुमानित लक्ष्य को बड़े आंकड़े के साथ पार करने की उम्मीद है। मार्च, 2023 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में निर्धारित कर संग्रह का लक्ष्य 27.50 लाख करोड़ है।
बजाज का कहना है कि कर राजस्व में बढ़ोतरी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि की तुलना में अधिक बनी रहेगी। इससे अर्थव्यवस्था को संगठित बनाने और बेहतर अनुपालन में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आयकरदाताओं की सुविधा के लिए सरकार की ओर से विभिन्न कदम उठाए गए हैं।