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Online Gaming: ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने बनाई संयुक्त आचार संहिता; केवाईसी, खर्च सीमा और निष्पक्षता का दावा
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Mon, 10 Mar 2025 12:06 PM IST
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सार
Online Gaming In India Code of Ethics: ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने एक संयुक्त आचार संहिता पर हस्ताक्षर किए हैं।हस्ताक्षर करने वाली कंपनियों में ड्रीम11, माई11सर्किल, खेलो फैंटेसी लाइव, एसजी11 फैंटेसी, विनजो, गेम्स24X7 और जंगली गेम्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। इस आचार संहिता में क्या-क्या बातें कही गईं हैं? इस पर कंपनियों की क्या राय है? आइए जानते हैं विस्तार से।

ऑनलाइन गेमिंग (प्रतीकात्मक तस्वीर)
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्योग निकायों, एआईजीएफ, ईजीएफ और एफआईएफएस ने संयुक्त रूप से एक "आचार संहिता" पर हस्ताक्षर किए हैं। इस आचार संहिता में सदस्य कंपनियों ने उपयोगकर्ता सुरक्षा, केवाईसी सत्यापन और खर्च सीमा जैसी जिम्मेदार गेमिंग प्रथाओं को बढ़ावा देने की बात कही गई है। सोमवार को एक संयुक्त बयान इसकी जानकारी दी गई।

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आचार संहिता पर हस्ताक्षर करने वाली कंपनियों में ड्रीम11, माई11सर्किल, खेलो फैंटेसी लाइव, एसजी11 फैंटेसी, विनजो, गेम्स24X7 और जंगली गेम्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। अखिल भारतीय गेमिंग महासंघ (एआईजीएफ), भारतीय फैंटेसी खेल महासंघ (एफआईएफएस) और ई-गेमिंग महासंघ (ईजीएफ) ने आज संयुक्त रूप से एक 'आचार संहिता' (सीओई) पर हस्ताक्षर किए।
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बयान में कहा गया है, "कोड ऑफ इथिक्स (सीओई) का उद्देश्य जिम्मेदार गेमिंग और विज्ञापन नीतियों के कार्यान्वयन के माध्यम से पूरे उद्योग में उपयोगकर्ता सुरक्षा के सुसंगत मानकों को लागू करना है और जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
बयान में दावा किया गया है कि सीओई को वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के आधार पर बनाया गया है और यह जिम्मेदार गेमिंग के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करता है। सीओई में आयु-सीमा, कठोर केवाईसी प्रक्रिया को अपनाना, यूजर की निर्धारित व्यय सीमा और खुद की इच्छा से गेम से बाहर निकलने को सक्षम बनाने जैसी चीजें शामिल की गई हैं।
बयान में कहा गया है, "यह उन सभी ऑनलाइन गेमिंग ऑपरेटरों पर लागू होगा जो महासंघों के सदस्य हैं और भारत में कौशल-आधारित वास्तविक-पैसे वाली गेमिंग सेवाएं प्रदान करते हैं और 50 करोड़ से अधिक भारतीय गेमर्स के हितों की रक्षा करते हैं।"
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने अप्रैल 2023 में जारी किए गए ऑनलाइन गेमिंग नियमों को अभी तक लागू नहीं किया है। तमिलनाडु ने पहले रियल मनी गेम्स (आरएमजी) पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन फरवरी में इन प्लेटफार्मों को विनियमित करने के लिए कड़े नियम जारी किए, जिनमें नाबालिगों के इन प्लेटफार्मों पर खेलने पर प्रतिबंध, खर्च की सीमा, आधी रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक गेमिंग के संचालन पर पाबंदी जैसी चीजें शामिल हैं। हैं, जब खेलों में लॉगिन की अनुमति नहीं होगी।
गेमिंग उद्योग निकायों की ओर से हस्ताक्षरित सीओई में आयु सीमा, प्रतिबंधित राज्यों में किसी भी प्रकार के परिचालन पर रोक, एक मजबूत केवाईसी तंत्र, डेटा की सुरक्षा, खिलाड़ियों के धन का उचित प्रबंधन और निष्पक्षता सुनिश्चित करना शामिल है।
अखिल भारतीय गेमिंग महासंघ (एआईजीएफ) के सीईओ रोलैंड लैंडर्स ने कहा, "अन्य उद्योग महासंघों के साथ सहयोग के माध्यम से, हम नैतिक गेमिंग के लिए नए मानक स्थापित कर रहे हैं, भारत के ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र की विश्वसनीयता को मजबूत कर रहे हैं, और एक स्थायी, वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहे हैं।"
ई-गेमिंग फेडरेशन (ईजीएफ) के सीईओ अनुराग सक्सेना ने कहा कि राष्ट्रीय हित, उपभोक्ता हित और उद्योग हित, सभी को लंबे समय से नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, "अनैतिक जुआ संचालक देश, उसके खजाने और उसके लोगों को परजीवी रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। मुझे खुशी है कि उद्योग आज संयुक्त आचार संहिता पर सहयोग कर रहा है।" एफआईएफएस के महानिदेशक नील कैस्टेलिन ने कहा कि सीओई देश में सुरक्षित, निष्पक्ष और जिम्मेदार गेमिंग वातावरण को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।