सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Business ›   Business Diary ›   Sanjeev Sanyal said GST has merged many taxes into two taxes, the Centre was working on reforms since 2017

GST Reforms: संजीव सान्याल बोले- जीएसटी से कई करों को दो कर में बदलना हुआ संभव, अब कर दरों को समझना हुआ आसान

बिजनेस डेस्क,अमर उजाला Published by: शुभम कुमार Updated Fri, 05 Sep 2025 06:33 AM IST
विज्ञापन
सार

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने जीएसटी को तर्कसंगत सुधार बताते हुए कहा कि इससे पहले कर दरें समझना कठिन था, लेकिन अब केवल वस्तु का नाम बताने पर ही अनुमान लगाया जा सकता है कि वह किस स्लैब में है। सरकार 2017 से जीएसटी सुधारों पर काम कर रही थी, जिससे अब कर प्रणाली पारदर्शी और सरल हुई है।

Sanjeev Sanyal said GST has merged many taxes into two taxes, the Centre was working on reforms since 2017
प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य अर्थशास्त्री संजीव सान्याल - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने जीएसटी सुधारों को तार्किक बताते हुए कहा, नई व्यवस्था के चलते ही कई करों को दो में बदलना संभव हो पाया है। उन्होंने कहा, जीएसटी सुधारों पर सरकार अरसे से काम कर रही थी। अब नई व्यवस्था में लोगों को विभिन्न वस्तुओं पर कर स्लैब भी आसानी से समझ में आ जाएंगे।

loader
Trending Videos


जीएसटी से पहले के दौर का जिक्र करते हुए सान्याल ने कहा, किसी भी वस्तु पर कर दर का अंदाजा लगाना मुश्किल था, लेकिन अब सिर्फ वस्तु का नाम बताने से ही 90 फीसदी से ज्यादा बार आप समझ जाएंगे कि वस्तु किस स्लैब में है। उन्होंने कहा कि अगर खाने की चीज है, तो यह पांच फीसदी या शून्य पर होगा। यदि एयर कंडीशनर है, तो आपको पता है कि 18 फीसदी होगा। अब आप इसे मोटे तौर पर समझ सकते हैं। यदि तंबाकू उत्पाद है, तो यह 40 फीसदी में होगा। यह तर्क आधारित है, इसलिए यह भी एक सुधार है।
विज्ञापन
विज्ञापन


ये भी पढ़ें:- US-Japan Trade: अमेरिका-जापान व्यापार समझौता लागू, ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए; बेसलाइन टैरिफ 15%

जीएसटी से पहले की व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्थित थी
सान्याल ने कहा कि सरकार की मुख्य चिंता समग्र कर प्रणाली को जीएसटी में स्थानांतरित करना था। जीएसटी 1.0 में मूल सिद्धांतों पर आधारित सोच का अभाव था। हमने (जीएसटी में) बदलाव पहले से मौजूद व्यवस्था के आधार पर किया, जो अनुचित बात नहीं है, क्योंकि हम चाहते थे कि नई व्यवस्था को अपना लें और अर्थव्यवस्था में यथासंभव कम व्यवधान उत्पन्न हो। जीएसटी से पहले की व्यवस्था पूरी तरह से अव्यवस्थित थी। राज्य करों के साथ केंद्रीय कर भी अनगिनत थे। असल में किसी को पता ही नहीं था कि क्या हो रहा है। बहुत से लोग तो इंटरनेट का इस्तेमाल ही नहीं करते थे। जो लोग ईमानदारी से टैक्स चुकाते थे, उन्हें एक बेहद जटिल व्यवस्था से जूझना पड़ता था। इस लिहाज से, जीएसटी व्यवस्था काफी बेहतर है।

आठ वर्षों से सुधार पर काम
2017 से ही भारत जीएसटी प्रणाली में सुधार कर रहा था। करीब एक साल पहले विचार आया कि अब समय आ गया है। अब लोग समझते हैं कि जीएसटी व्यवस्था क्या है। अब हमें मूल सिद्धांतों पर वापस जाना होगा। नए जीएसटी सुधार पूरी तरह से प्रथम सिद्धांत पर आधारित हैं। इसमें हर वस्तु पर विचार किया गया है... जरूरी वस्तुएं क्या हैं, गरीब लोग क्या उपयोग करते हैं, मध्य वर्ग क्या उपयोग करता है आदि।

अमेरिकी टैरिफ और जीएसटी सुधार अलग-अलग मसले
क्या जीएसटी सुधार अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम कर सकेंगे…इस पर सान्याल ने कहा, ये पहलू आपस में संबंधित नहीं हैं। मैं समझता हूं कि यह बहस बाह्य टैरिफ के बारे में है, आंतरिक टैरिफ के बारे में नहीं। काफी समय से इस पर काम चल रहा था, जबकि ट्रंप टैरिफ मुद्दा तो कुछ ही हफ्ते पुराना है।

ये भी पढ़ें:- GST 2.0: भारतीय मजदूर संघ और स्वदेशी जागरण मंच ने जीएसटी की दरों में हुए बदलाव को सराहा, कहा- लोगों पर बोझ घटा

जीएसटी सुधार खुद के साथ मुक्त व्यापार समझौता
सान्याल ने जीएसटी प्रणाली की तुलना भारत के स्वयं के साथ हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौते से की। अब भारतीय राज्य आपस में स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकते हैं क्योंकि उनके पास एक ही ढांचा है। जीएसटी प्रणाली पूरी तरह सफल रही है। यह वास्तव में एक साझा आंतरिक बाजार में तब्दील हो गई है।

विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Union Budget से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed