MiG-21 की विदाई: आखिरी गर्जना... और बन गया इतिहास, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने आखिरी बार भरी मिग-21 की उड़ान
चंडीगढ़ एयरफोर्स स्टेशन से मिग-21 ने आखिरी उड़ान भरी और इसके साथ ही इतिहास भी बन गया। शुक्रवार को भारतीय वायुसेना ने जंगी जहाज मिग-21 को रिटायर कर दिया। इस खास मौके पर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने मिग-21 की आखिरी उड़ान भरी।
 
     
                            विस्तार
एयरफोर्स स्टेशन चंडीगढ़ की जमीन और आसमान शुक्रवार को एक ऐतिहासिक व शौर्य से भरे पल के गवाह बने। मौका था भारतीय वायुसेना के पहले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान को विदाई और आखिरी सलामी देने का। वर्ष 1963 से लेकर अब तक वायुसेना में शामिल रहे इस विमान को यादगार ढंग से अलविदा कहा गया। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान, वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी व जल सेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी मुख्य रूप से मिग-21 को विदाई देने पहुंचे।
 
देश के विभिन्न राज्यों से चंडीगढ़ पहुंचे भारतीय वायुसेना के वे पूर्व अफसर भी इस गौरवशाली पलों के साक्षी बने जिन्होंने कई हजार घंटे इस विमान के साथ कॉकपिट में गुजारे। आसमान में अपने गर्जना से दुश्मन को थर्राने और कई बार उसे धूल चटाने वाले मिग-21 की विदाई देखने के दौरान ये वेटरन भावुक दिखे। मिग की अलविदा उड़ान देखते वक्त उनकी आंखों में चमक और चेहरे पर उत्साह की अनोखी झलक थी।
अब हर कोई मिग की अंतिम उड़ाने देखने को उत्सुक था। अंतत: इंतजार खत्म हुआ और बादल फॉर्मेशन में मिग-21 ने गजब की एंट्री की। इसी फॉर्मेशन में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, ग्रुप कैप्टन मोहित गुप्ता और एयर कमोडोर अमित शामिल रहे। वायुसेना अध्यक्ष एपी सिंह ने मिग-21 के टेल नंबर 2777 विमान के साथ अपनी अंतिम उड़ान भरी और इस शानदार फ्लाइंग के बाद उनके चेहरे पर भी संतोषजनक खुशी थी।
इसी दौरान एयरफोर्स में सातवीं महिला फाइटर जेट पायलट स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा भी अपने तीन अन्य पायलट साथियों के साथ पैंथर्स फॉर्मेशन में चार मिग-21 लेकर आसमान में पहुंच गईं। सभी पायलट यह दिखा रहे थे कि मिग-21 के साथ उनकी यह ऐतिहासिक अलविदा उड़ान आज आसमान से भी ऊंची है। उधर दर्शक दीर्घा में मौजूद पूर्व वायुवीरों की तालियों की गड़गड़ाहट यह बता रही थी कि आसमान में आखिरी बार गरजते अपने मित्र टाइगर को वे जोशीले अंदाज में विदाई दे रहे हैं।
...जब चार जगुआर को शिकस्त दे गए दो मिग
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                मिग-21 आज भी ताकतवर हैं मगर हर विमान की एक उम्र होती है। मिग-21 ने तो आसमान में अपनी उम्र से कुछ ज्यादा ही जिंदगी जी है। बूढ़ा हो गया लेकिन लड़ाकू कौशल कम नहीं हुआ। यही संदेश देने के लिए आसमान में एक कॉम्बैट फ्लाइंग ड्रिल पेश की गई। इसमें दो मिग-21 को चार जगुआर विमानों से भिड़ना था। यह नजारा दांतों तले अंगुली चबाने के लिए मजबूर करने वाला था। दोनों मिग विमान आसमान में निगरानी में तैनात हैं, तभी अचानक चार जगुआर उनकी टेरिटरी में प्रवेश कर जाते हैं। आसमान में ही जगुआर विमानों की घेराबंदी कर मिग-21 ने दिखा दिया कि भले ही जा रहे हैं मगर दम अभी बाकी है। इसी दौरान वायुसेना के राजदूत कहे जाने वाली सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम के हॉक एमके-132 विमानों ने भी आसमान में तिरंगा छटा बिखेरते हुए हैरतअंगेज कारनामे दिखाए। मिग को दिल से विदाई देने के लिए आसमान में धुएं से हार्ट एरो भी बनाया गया। उधर आगरा से पहुंची आकाशगंगा टीम के जांबाज स्काई डाइवर्स ने 8000 फीट पर उड़ रहे एएन-32 विमान से कूदकर मिग-21 को स्काई सैल्यूट किया।
रक्षा मंत्री ने जारी की मिग-21 की डाक टिकट
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                एयर शो के बाद छह मिग विमानों को वाटर कैनन सैल्यूट दिया गया। सभी छह मिग विमान मंच के पास पहुंचे और हमेशा के लिए स्विच ऑफ हो गए। पायलटों ने अपने-अपने विमानों का आखिरी बार निरीक्षण किया और मिग-21 की पुरानी फिटनेस रिपोर्ट व पायलटों की फीडबैक से संबंधित दस्तावेज फार्म-700 के रूप से किताब एयरफोर्स चीफ एपी सिंह को सौंप दी गई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सभी पायलटों से मिले और उनका हौसला बढ़ाया। रक्षामंत्री ने मिग-21 की एक ऐतिहासिक डाक टिकट जारी की और इस लड़ाकू विमान की यादों को सहेजकर रखने के लिए यहां बनाई गई मेमोरी लेन का अवलोकन भी किया।