कैप्टन अमरिंदर सिंह का वित्तमंत्री सीतारमण से सवाल- आपको पता है कृषि होती क्या है
पंजाब के किसानों की मदद न करने पर केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को एलान किया कि उनकी सरकार संकट में घिरे किसानों की जमीन की कुर्की करने की इजाजत नहीं देगी। उन्होंने कहा कि किसानों को कर्ज और संपत्ति गिरवी रखकर बैंकों ने बुरी तरह उलझा दिया है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से किसानों की आमदनी दोगुनी करने के दावे को खारिज करते हुए इसे केवल लीपापोती करार दिया। कैप्टन ने कहा कि केंद्र के पास आमदनी दोगुनी करने का कोई ठोस एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री को पता है कि कृषि होती क्या है? उन्होंने मांग की कि केंद्रीय वित्त मंत्री को यह स्पष्ट करना चाहिए कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र की क्या योजना है?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए कैप्टन ने कहा कि उनकी तरह वह आंकड़ों को घुमा-फिराकर नहीं बता सकते लेकिन उनका विश्वास है कि सही माहौल और मदद देने से पंजाब के मेहनती किसान और उद्योग अपने स्तर पर ही अपनी आमदन बढ़ा सकते हैं।
फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को खत्म करने संबंधी केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे विचार संबंधी रिपोर्टों का हवाला देते हुए कैप्टन ने सुझाव दिया कि अगर केंद्र यह समझता है कि धान और गेहूं के भंडार अब फालतू हैं तो उसे राज्य के किसानों को और संकट में उलझाने के बजाय वैकल्पिक फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के किसानों को फसली विविधता अपनाने में सहायता करे।
किसानी कर्ज के लिए बैंक हैं बड़ी समस्या: कैप्टन
किसानों के कर्ज के संदर्भ में कैप्टन ने बैंकों को इस समस्या की जड़ बताते हुए कहा कि बैंकों ने किसानों को उनकी जमीन और जायदाद गिरवी रखकर निर्धारित सीमा से अधिक कर्ज दिया, जिस कारण किसानों ने यह पैसा गैर-उत्पादन कार्य के लिए खर्च करना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि इन किसानों की मदद करना बहुत जरूरी है, जिसके लिए राज्य सरकार ने कमजोर वित्तीय हालत की परवाह न करते हुए किसानों का अधिक से अधिक कर्ज माफ करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
पंजाब के पास नहीं है फालतू पानी: कैप्टन
पंजाब में घट रहे जल संसाधनों पर चिंता प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री ने दोहराया कि पंजाब के पास किसी को भी देने के लिए फालतू पानी नहीं है क्योंकि भूजल का स्तर बहुत नीचे चला गया है और सरकार अब पेयजल के लिए बड़े शहरों को नदियों का पानी सप्लाई करने की कोशिश कर रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इजराइल की कंपनी मेकोरोट पंजाब की मदद कर रही है लेकिन राज्य की दिक्कत यह है कि इसके पास खारापन दूर करके बरतने योग्य समुद्री पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि पानी की कमी से निपटने के लिए केंद्र सरकार से सहायता की जरूरत है।
कोरोना के बाद बड़ी आर्थिक मंदी के लिए चेताया कैप्टन ने
उन्होंने कहा कि हाथ मिलाने जैसी पुरानी आदतें जल्दी खत्म नहीं होती, लेकिन इसे बदलने की जरूरत है। भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संस्था द्वारा जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार इस समस्या से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है लेकिन लोगों को भी इसके खतरे की गंभीरता को देखते हुए खुद भी सावधानी बरतनी चाहिए।