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Cheetah: कूनो में तैनात होंगे 'कमांडो' कुत्ते, शिकारियों से करेंगे चीतों की सुरक्षा, मिल रही खास ट्रेनिंग

एएनआई, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Wed, 28 Sep 2022 11:40 AM IST
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सार

भारत में आखिरी बार चीता 1948 में देखा गया था। इसी वर्ष कोरिया के राजा रामनुज सिंहदेव ने तीन चीतों का शिकार किया था। इसके बाद भारत में चीतों को नहीं देखा गया। 1952 में सरकार ने चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया।

Dogs getting trained at to be deployed in Kuno National Park to protect cheetahs
कुत्तों को दी जा रही खास ट्रेनिंग। - फोटो : एएनआई

विस्तार
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मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों की सुरक्षा में प्रशिक्षित डॉग तैनात होंगे। इन्हें हरियाणा के पंचकूला में खास ट्रेनिंग दी जा रही है। कुत्तों के प्रशिक्षण का एक वीडियो भी सामने आया है। 10 दिन पहले चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। सभी आठ चीतों को अभी विशेष निगरानी में रखा गया है। अन्य जानवरों व शिकारियों से बचाने के उद्देश्य से विशेष प्रशिक्षित कुत्तों को इनकी सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। 

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इन जर्मन शेफर्ड कुत्तों को पंचकूला स्थित भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के राष्ट्रीय कुत्तों के प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित किया जा रहा है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के बुनियादी प्रशिक्षण केंद्र के आईजी आईएस दुहान ने बताया कि विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के दौरान कुत्तों को बाघ की खाल और हड्डियों का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण WWF-इंडिया (वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर इंडिया) के सहयोग से दिया जा रहा है।
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देश में 1948 में आखिरी बार देखा गया था चीता
भारत में आखिरी बार चीता 1948 में देखा गया था। इसी वर्ष कोरिया के राजा रामनुज सिंहदेव ने तीन चीतों का शिकार किया था। इसके बाद भारत में चीतों को नहीं देखा गया। 1952 में सरकार ने चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया। इसके बाद भारत सरकार ने 1970 में एशियाई चीतों को ईरान से लाने का प्रयास किया।

ईरान सरकार से बातचीत भी की गई लेकिन यह पहल सफल नहीं हो सकी। मगर अब नामीबिया से आठ चीतों को मोदी सरकार लेकर आई है। केंद्र सरकार की पांच साल में 50 चीते लाने की योजना है। बता दें कि कूनो नेशनल पार्क में चीते को बसाने के लिए 25 गांवों के ग्रामीणों अपना घर छोड़ना पड़ा। 

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