महंगाई का झटका: चंडीगढ़ में बिजली महंगी, 2.5 लाख परिवारों पर असर, जान लिजिए नए रेट, कल से लागू
 
                            चंडीगढ़ के 2 लाख 50 हजार उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लगा है। चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (सीपीडीएल) की ओर से बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। राजनीतिक दल और बाकी संगठनों के विरोध के बावजूद बढ़े रेट के साथ अब बिजली मिलेगी। एक नवंबर से इसको लागू कर दिया जाएगा।
 
अभी घरेलू में फिक्स चार्ज नहीं बढ़ा है लेकिन दो साल बाद इसमें भी बढ़ोतरी होगी। मौजूदा समय 30 रुपये प्रति किलोवॉट के हिसाब से फिक्स चार्ज लग रहा है लेकिन 2027-28 में यह 40 रुपये हो जाएगा। संयुक्त विद्युत नियामक आयोग (जेईआरसी) ने अगले पांच वित्तीय वर्षों (2025-26 से 2029-30) के लिए विभिन्न घरेलू और वाणिज्यिक श्रेणियों में बिजली बढ़ोतरी के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया है। आयोग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की शेष अवधि के लिए टैरिफ में 1% से कम वृद्धि और पांच वर्षीय नियंत्रण अवधि में लगभग 2% की औसत वार्षिक टैरिफ वृद्धि को मंजूरी दी है।
सीपीडीएल ने वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक पांच साल के लिए अपना एक ब्योरा दिया था। उसी के आधार पर बिजली दरों को बढ़ाने की मांग की गई थी। हालांकि, 1 फरवरी को यूटी बिजली विभाग का कार्यभार संभालने के बाद, सीपीडीएल ने स्लैब प्रणाली को भी पांच श्रेणियों में बदल दिया है। अब प्रत्येक स्लैब में 100 यूनिट शामिल हैं। पहले तीन स्लैब 0-150 यूनिट, 150 से 400 यूनिट और 400 यूनिट से ऊपर थे।
नई दरें इस प्रकार रहेंगी
- 1 से 100 यूनिट तक - 2.80 रुपये प्रति यूनिट
- 101 से 200 यूनिट तक - 3.75 रुपये प्रति यूनिट
- 201 से 300 यूनिट तक - 4.80 रुपये प्रति यूनिट
- 301 से 400 यूनिट तक - 5.00 रुपये प्रति यूनिट
- 400 यूनिट से ऊपर - 5.40 रुपये प्रति यूनिट
गैर-घरेलू (कॉमर्शियल) उपभोक्ताओं के लिए दरें
- 0 से 100 यूनिट तक - 4.55 रुपये प्रति यूनिट
- 101 से 200 यूनिट तक - 4.65 रुपये प्रति यूनिट
- 200 यूनिट से ऊपर - 5.55 रुपये प्रति यूनिट
- इसमें तीन-फेज कनेक्शन वालों के लिए दर 6.60 रुपये प्रति यूनिट तय की गई है।
दिल्ली-पंजाब मॉडल की तरह 200 यूनिट फ्री बिजली का प्रस्ताव खारिज
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                कई उपभोक्ताओं ने मांग की थी कि दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर चंडीगढ़ में भी 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी जाए। इस पर सीपीडीएल ने स्पष्ट किया कि बिजली सब्सिडी देना राज्य सरकार का अधिकार है, आयोग का नहीं। बिजली अधिनियम 2003 की धारा 65 के अनुसार किसी भी वर्ग के उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी का निर्णय संबंधित राज्य सरकार द्वारा किया जा सकता है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                                                                
वित्तीय स्थिरता और उपभोक्ताओं के हित में टैरिफ वृद्धि जरूरीः आयोग
कई उपभोक्ताओं ने सुझाव दिया था कि घरेलू बिजली की दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की जानी चाहिए। इस पर चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने कहा कि उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लागत-आधारित टैरिफ तय करना जरूरी है। आयोग ने भी माना कि वित्तीय स्थिरता और उपभोक्ताओं के हित में टैरिफ वृद्धि जरूरी है इसलिए टैरिफ बढ़ोतरी को बरकरार रखते हुए इसे उचित बताया गया है।
आम आदमी पार्टी ने दर्ज किया विरोध
आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजयपाल सिंह का कहना है कि बिजली को निजी हाथों में देकर सरकार लोगों को लूट रही है। इसकी संभावना पहले से थी। इस लूट में भाजपा की मिलीभगत है। हम आवाज उठाएंगे।
भाजपा ने कहा- अभी पूरी रिपोर्ट नहीं पढ़ी, देखने के बाद कुछ भी कहा जाएगा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जेपी मल्होत्रा का कहना है कि अभी पूरी रिपोर्ट नहीं पढ़ी है। उसको देखने के बाद ही कहना संभव होगा। बिजली के नए रेट बढ़ाने के मामले में पूरी स्टडी की जाएगी।
आईसीएफ ने आदेश के जटिल बताया
इंडियन सिटीजन फोरम के अध्यक्ष एसके नायर और सचिव नरेंद्र शर्मा ने बताया कि आयोग द्वारा जारी आदेश काफी जटिल है और इसमें कई नए बदलाव किए गए हैं। प्रत्येक पुरानी श्रेणी में अब नई उप-श्रेणियां बनाई गई हैं। बीपीएल श्रेणी के तहत अब 250 वाट लोड या 100 यूनिट प्रति माह की नई सीमा तय की गई है। यहां तक कि स्मॉल पावर इंडस्ट्रियल कैटेगरी को समाप्त कर दिया गया है। अब केवल सिंगल एलटी इंडस्ट्रियल सप्लाई के लिए 85 किलोवाट तक के लोड पर तीन स्लैब बनाए गए हैं। इसमें 1 से 500 यूनिट, 501 से 1000 यूनिट और 1000 यूनिट से अधिक प्रति महीने का प्रावधान रखा गया है।
घरेलू में पुरानी दर
यूनिट स्लैब रेट
- 0-150 2.75 रुपये प्रति यूनिट
- 151-400 4.80 रुपये प्रति यूनिट
- 400 से अधिक 5.40 रुपये प्रति यूनिट
- फिक्स्ड चार्जेस 30 रुपये प्रति किलोवॉट
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                कामर्शियल में पुरानी दर
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                           यूनिट                         स्लैब रेट
- 0-150 4.50 रुपये प्रति यूनिट
- 151-400 4.70 रुपये प्रति यूनिट
- 400 से ऊपर 5.90 रुपये प्रति यूनिट