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सेहत की सुरक्षा: देश में पहली बार बुजुर्गों की संक्रमण से बचाने के लिए होगा विशेष वैक्सीन ट्रायल, तैयारी शुरू
वीणा तिवारी, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Tue, 26 Aug 2025 04:18 PM IST
सार
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर छोटे बच्चों का ध्यान रखने के लिए उनके माता-पिता साथ होते हैं। जबकि गौर किया जाए तो चंडीगढ़ जैसे शहर में ज्यादातर बुजुर्ग घरों में अकेले हैं। उनके केयरटेकर उनकी देखभाल कर रहे हैं।
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A health worker fills a syringe with measles Vaccine
- फोटो : ANI (File)
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विस्तार
चंडीगढ़ को सीनियर सिटीजन का शहर माना जाता है। इसका एक प्रमुख कारण ये है कि यहां रहने वाले ज्यादातर बुजुर्गों के बच्चे विदेशों में या घर से दूर हैं। ऐसे में उन बुजुर्गों की सेहत की सुरक्षा के लिए सरकार ने विशेष कार्य योजना बनाई है।
इसके अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग शहर के 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर बुढ़ापे में संक्रमण से बचाने के लिए लगने वाले दो महत्वपूर्ण वैक्सीन का ट्रायल करेगा। जिसमें न्यूमोकोकल और इन्फ्लूएंजा वैक्सीन शामिल है। ये दोनों वैक्सीन मुख्य रूप से चेस्ट इन्फेक्शन से बचाव में कारगर है, जिसकी बुजुर्गावस्था में सबसे ज्यादा शिकायत सामने आती है।
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर छोटे बच्चों का ध्यान रखने के लिए उनके माता-पिता साथ होते हैं। जबकि गौर किया जाए तो चंडीगढ़ जैसे शहर में ज्यादातर बुजुर्ग घरों में अकेले हैं। उनके केयरटेकर उनकी देखभाल कर रहे हैं। ऐसे में उनमें बुजुर्ग अवस्था में होने वाले संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ता है। इसलिए उन्हें उस स्थिति से बचाने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। जिसमें सरकार ने निमो कोकल और इनफ्लुएंजा वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति दी है।
इस ट्रायल के दौरान 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को चिन्हित कर उन्हें यह वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद लगातार उनका फॉलो अप लेकर उनमें मोर्बिलिटी और मोर्टालिटी का आकलन किया जाएगा। इस ट्रायल में यह भी आकलन किया जाएगा की इन दोनों वैक्सीन के न लगने से होने वाले संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग पर कितना दबाव बढ़ता है।
6 महीने और उससे अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों के लिए हर साल फ्लू (इन्फ्लूएंजा) का टीका लगवाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह गंभीर फ्लू से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए उच्च-खुराक या सहायक टीकों जैसे विशेष विकल्प उपलब्ध हैं, जो संक्रमण से बचाव में और भी अधिक प्रभावी हो सकते हैं। वृद्ध लोगों में इन्फ्लूएंजा के कारण होने वाली मृत्यु के जोखिम को 48% तक कम किया जा सकता है। अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
इसके अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग शहर के 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर बुढ़ापे में संक्रमण से बचाने के लिए लगने वाले दो महत्वपूर्ण वैक्सीन का ट्रायल करेगा। जिसमें न्यूमोकोकल और इन्फ्लूएंजा वैक्सीन शामिल है। ये दोनों वैक्सीन मुख्य रूप से चेस्ट इन्फेक्शन से बचाव में कारगर है, जिसकी बुजुर्गावस्था में सबसे ज्यादा शिकायत सामने आती है।
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राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. मंजीत सिंह ने बताया कि सामान्य तौर पर छोटे बच्चों का ध्यान रखने के लिए उनके माता-पिता साथ होते हैं। जबकि गौर किया जाए तो चंडीगढ़ जैसे शहर में ज्यादातर बुजुर्ग घरों में अकेले हैं। उनके केयरटेकर उनकी देखभाल कर रहे हैं। ऐसे में उनमें बुजुर्ग अवस्था में होने वाले संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ता है। इसलिए उन्हें उस स्थिति से बचाने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। जिसमें सरकार ने निमो कोकल और इनफ्लुएंजा वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति दी है।
इस ट्रायल के दौरान 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को चिन्हित कर उन्हें यह वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद लगातार उनका फॉलो अप लेकर उनमें मोर्बिलिटी और मोर्टालिटी का आकलन किया जाएगा। इस ट्रायल में यह भी आकलन किया जाएगा की इन दोनों वैक्सीन के न लगने से होने वाले संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग पर कितना दबाव बढ़ता है।
बनाया गया सेंटर
डॉ मंजीत ने बताया कि इस ट्रायल के लिए सेक्टर 45 स्थित सिविल अस्पताल में केंद्र बनाया गया है। जहां चिन्हित किए गए बुजुर्गों को दोनों टीके लगाए जाएंगे। वहीं एडवर्स इफेक्ट की घटनाओं में प्रबंधन के लिए सेक्टर 16 स्थित जीएसएसएच 16 में व्यवस्था की गई है।दोनों टीके इसलिए हैं जरूरी
न्यूमोकोकल टीका निमोनिया और मेनिन्जाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है। यह उन लोगों के लिए अनुशंसित है जिन्हें इन बीमारियों का ज्यादा खतरा है, जैसे कि शिशु और 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के वयस्क।6 महीने और उससे अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों के लिए हर साल फ्लू (इन्फ्लूएंजा) का टीका लगवाने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह गंभीर फ्लू से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए उच्च-खुराक या सहायक टीकों जैसे विशेष विकल्प उपलब्ध हैं, जो संक्रमण से बचाव में और भी अधिक प्रभावी हो सकते हैं। वृद्ध लोगों में इन्फ्लूएंजा के कारण होने वाली मृत्यु के जोखिम को 48% तक कम किया जा सकता है। अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।