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इन्होंने माना कि अच्छी नहीं है पुलिस की छवि
अमर उजाला, पंचकूला
Updated Sun, 01 Dec 2013 01:53 PM IST
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आए दिन पुलिस द्वारा जनता से बदसलूकी के मामले सामने आते रहते हैं, जिस कारण लोग पुलिस से डर लगने लगे हैं। यह कहना है, सेक्टर-14 थाने में बने पुलिस कम्यूनिटी हब में आयोजित हुई महफिल में एक जनाब का। मौका था ह्यूमन सोशल जस्टिस पैनल की छठी वर्षगांठ का।
कोई पुलिस वाला दिख जाए तो लोगों के मुंह से गाली निकलती है। पुलिस को पसंद नहीं किया जाता और भी काफी कुछ इन जनाब ने कहा। जब मंच पर पुलिस कमिश्नर राजबीर देसवाल के बोलने की बारी आई तो उन्होंने भी अपने मन की बात कह डाली।
देसवाल ने कहा... वी आर नॉट लाइक बॉय सोसायटी। मैं भी मानता हूं कि पुलिस की छवि अच्छी नहीं है, लेकिन हम अपने आप को बदल रहे हैं। जैसे समाज के सभी लोग अच्छे नहीं होते, वैसा ही कुछ पुलिस में भी होता है। कमिश्नर ने पुलिस की कुछ ऐसी बातें गिनवाई, जो समाज के लिए उदाहरण पेश करती हैं।
देसवाल ने कहा कि अभी सभी लोग उन्हें पुलिस वाला मान रहे हैं, लेकिन जब दो-चार शेर सुना देंगे, तो पुलिस वाला नहीं, कुछ और ही समझेंगे। कमिश्नर के इस जवाब पर एक जनाब ने एक शेर पढ़ दिया... माना के गुलजार नहीं कर सके इस जहां को हम, लेकिन जहां से गुजरे वहां से कांटे कम करते चले गए...।
पैनल ने मांगा पुलिस का सहयोग
कार्यक्रम में मौजूद पैनल की चेयरपर्सन मनजीत कौर, प्रधान रिटायर कर्नल वीएस ढिल्लो व एडवाइजर आईपीएस आनंद सहित अन्य पदाधिकारियों ने पुलिस से सहयोग मांगा। कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि कई ऐसे मामले आते हैं, जिसमें लोग पुलिस के पास जाए बगैर समझौता चाहते हैं। इस पर कमिश्नर ने जवाब दिया कि पुलिस कम्यूनिटी हब बनाया ही इसी मकसद के लिए है। अगर ऐसे मामले पैनल के पास आते हैं, तो उन्हें निपटाने में इस हब का इस्तेमाल किया जाए।
कई जगह पर अटकते हैं कानूनी पेच
इस कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा भीख मांगना या कई अपराधों में नाबालिगों का हाथ होने पर भी सवाल उठे। इस डीसीपी अश्विन शेणवी ने जवाब दिया की कई जगह पर कानूनी पेच होते हैं। पुलिस कानून से बाहर जाकर कोई काम नहीं सकती। वहीं, डीसीपी ने पुलिस और जनता के बीच के तालमेल के बारे में कहा कि अब दोनों के बीच की दूरियां काफी कम हो रही हैं। पुलिस कम्यूनिटी हब इसका एक ताजा और बेहतरीन उदाहरण है।
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कोई पुलिस वाला दिख जाए तो लोगों के मुंह से गाली निकलती है। पुलिस को पसंद नहीं किया जाता और भी काफी कुछ इन जनाब ने कहा। जब मंच पर पुलिस कमिश्नर राजबीर देसवाल के बोलने की बारी आई तो उन्होंने भी अपने मन की बात कह डाली।
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देसवाल ने कहा... वी आर नॉट लाइक बॉय सोसायटी। मैं भी मानता हूं कि पुलिस की छवि अच्छी नहीं है, लेकिन हम अपने आप को बदल रहे हैं। जैसे समाज के सभी लोग अच्छे नहीं होते, वैसा ही कुछ पुलिस में भी होता है। कमिश्नर ने पुलिस की कुछ ऐसी बातें गिनवाई, जो समाज के लिए उदाहरण पेश करती हैं।
देसवाल ने कहा कि अभी सभी लोग उन्हें पुलिस वाला मान रहे हैं, लेकिन जब दो-चार शेर सुना देंगे, तो पुलिस वाला नहीं, कुछ और ही समझेंगे। कमिश्नर के इस जवाब पर एक जनाब ने एक शेर पढ़ दिया... माना के गुलजार नहीं कर सके इस जहां को हम, लेकिन जहां से गुजरे वहां से कांटे कम करते चले गए...।
पैनल ने मांगा पुलिस का सहयोग
कार्यक्रम में मौजूद पैनल की चेयरपर्सन मनजीत कौर, प्रधान रिटायर कर्नल वीएस ढिल्लो व एडवाइजर आईपीएस आनंद सहित अन्य पदाधिकारियों ने पुलिस से सहयोग मांगा। कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि कई ऐसे मामले आते हैं, जिसमें लोग पुलिस के पास जाए बगैर समझौता चाहते हैं। इस पर कमिश्नर ने जवाब दिया कि पुलिस कम्यूनिटी हब बनाया ही इसी मकसद के लिए है। अगर ऐसे मामले पैनल के पास आते हैं, तो उन्हें निपटाने में इस हब का इस्तेमाल किया जाए।
कई जगह पर अटकते हैं कानूनी पेच
इस कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा भीख मांगना या कई अपराधों में नाबालिगों का हाथ होने पर भी सवाल उठे। इस डीसीपी अश्विन शेणवी ने जवाब दिया की कई जगह पर कानूनी पेच होते हैं। पुलिस कानून से बाहर जाकर कोई काम नहीं सकती। वहीं, डीसीपी ने पुलिस और जनता के बीच के तालमेल के बारे में कहा कि अब दोनों के बीच की दूरियां काफी कम हो रही हैं। पुलिस कम्यूनिटी हब इसका एक ताजा और बेहतरीन उदाहरण है।