खेल दिवस: मैट तैयार कर बजरंग ने घर में किया अभ्यास, कोच कुलदीप ने मोबाइल पर सिखाए दांवपेंच
- पहलवान बजरंग पूनिया ने लॉकडाउन में घर में मैट डालकर जितेंद्र संग की प्रैक्टिस, अनलॉक में कर्नाटक पहुंच गए
- चीफ कोच कुलदीप मलिक ने मोबाइल पर सिखाए कुश्ती के दांवपेंच, अपने घरों में गुर सीखकर प्रैक्टिस करते रहे पहलवान
- शूटरों के लिए अभी परेशानी जारी, ओलंपिक कोटा लेने वालों को मिली प्रैक्टिस की छूट, अन्य को करनी पड़ेगी कड़ी मेहनत
विस्तार
कोरोना काल में लॉकडाउन से सबसे ज्यादा खेल प्रभावित हुए हैं, क्योंकि स्टेडियम अभी तक बंद चल रहे हैं। खिलाड़ियों की प्रैक्टिस भी लॉकडाउन से प्रभावित हुई तो उनको खुद ही अवसर तलाशने पड़े। क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए लगातार प्रैक्टिस करते रहना जरूरी थी, जिससे उनकी लय बनी रहे और उनको आगे ज्यादा परेशानी नहीं हो।
यही सोचते हुए पहलवान बजरंग पूनिया ने खुद अपने घर में मैट तैयार करके प्रैक्टिस शुरू कर दी। चीफ कोच कुलदीप मलिक भी कोरोना काल में ज्यादा दिन कुश्ती से दूर नहीं रहे और मोबाइल पर पहलवानों को जोड़कर दांवपेंच सिखाए। शूटरों के लिए जरूर परेशानी है, क्योंकि वह घर भी प्रैक्टिस नहीं कर सकते थे तो अब भी केवल ओलंपिक कोटा लेने वालों को प्रैक्टिस की छूट मिली है। यह जरूर है कि वह शरीर को फिट रखने के लिए लगातार व्यायाम कर रहे हैं।
घर में मैट तैयार करके जितेंद्र के साथ करता रहा प्रैक्टिस: बजरंग पूनिया
पहलवान बजरंग पूनिया पिछले साल ही ओलंपिक के लिए जगह बना चुके थे और वह लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन बजरंग पूनिया की प्रैक्टिस पर मार्च 2020 में उस समय ब्रेक लग गया था, जब साई सेंटर में चल रहा नेशनल कैंप कोरोना के कारण स्थगित कर दिया गया। बजरंग पूनिया बताते हैं कि उसके बाद कई दिन तक घर में रहा लेकिन जब लगने लगा कि लॉकडाउन अभी जल्दी खत्म होने वाला नहीं है तो घर के अंदर ही प्रैक्टिस शुरू करने का फैसला लिया।
घर में प्रैक्टिस करने के लिए ही घर के पीछे हॉल में मैट डाला तो व्यायाम करने के लिए कई उपकरण भी रख लिए। जिसके बाद पहलवान जितेंद्र के साथ रोजाना सुबह व शाम को व्यायाम के साथ ही प्रैक्टिस शुरू कर दी। वहां रोजाना 4-6 घंटे तक प्रैक्टिस करते रहे। अनलॉक में जब बाहर प्रैक्टिस करने की अनुमति मिली तो कर्नाटक में पहुंचकर प्रैक्टिस शुरू कर दी। इस तरह से कोरोना काल में आराम से बैठने की जगह खुद ही प्रैक्टिस करने का तरीका निकाला और उसका काफी फायदा भी मिला।
मोबाइल पर पहलवानों को दांवपेंच बताए, घर रहकर करते रहे प्रैक्टिस: कुलदीप मलिक
भारतीय कुश्ती टीम के चीफ कोच कुलदीप मलिक भी लॉकडाउन में कुछ दिन घर में आराम से बैठे। लेकिन उसके बाद योजना बनाई गई कि जिस तरह से विद्यार्थियों को स्कूलों से मोबाइल के सहारे ऑनलाइन पढ़ाया जा रहा है। उस तरह ही पहलवानों को मोबाइल या लैपटॉप से ऑनलाइन दांवपेंच सिखाए जाएं। चीफ कोच कुलदीप मलिक बताते हैं कि जब लॉकडाउन को बढ़ाया गया तो उन्हें लगने लगा कि यह अभी लंबा चलने वाला है। इसलिए ही ऑनलाइन कुश्ती व दांवपेंच के बारे में ट्रेनिंग शुरू कर दी गई।
पहलवानों को उन सभी कुश्ती की वीडियो दिखाई जाती थी, जिनमें बजरंग, विनेश आदि बड़े पहलवानों ने देश को गोल्ड मेडल दिलाए। उसके बाद पहलवानों को बताया जाता था कि उस कुश्ती में आखिर क्या बेहतर था, जिससे वह गोल्ड मेडल जीतने में कामयाब रहे। इसके अलावा पहलवानों को प्रोत्साहित किया जाता था कि वह भी इस तरह से मेडल जीत सकते हैं और उनको दांवपेंच बताए गए, जिनकी वह घर में अकेले भी प्रैक्टिस कर सकते थे। इस तरह से पहलवानों को कुश्ती से जोड़कर रखा गया।
शूटरों को हुई परेशानी, किसी तरह खुद को फिट रख रहे: अंकुर मित्तल
वर्ल्ड चैंपियन शूटर अंकुर मित्तल कहते हैं कि अधिकतर शूटर दिल्ली की कर्णी सिंह अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस करते हैं। लेकिन कोरोना काल में लॉकडाउन के कारण शूटिंग रेंज को बंद कर दिया गया। जिससे शूटिंग बंद हो गई और शूटिंग ऐसा खेल है, जिसकी कोई अपने घर भी प्रैक्टिस नहीं कर सकता है। यह जरूर था कि पिस्टल व रायफल को हाथ में उठाने की प्रैक्टिस करते रहे और घर में खुद को फिट रखने के लिए व्यायाम करते रहे।
अनलॉक में कुछ खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने की अनुमति मिली तो उसमें भी केवल ओलंपिक कोटा लेने वाले शूटरों को कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में आने की अनुमति है। इसलिए शूटर अभी तक प्रैक्टिस से बाहर हैं और शूटरों को सबसे पहले अपनी पुरानी स्थिति में आने के लिए मेहनत करनी होगी तो उसके बाद आगे के लिए प्रैक्टिस करनी पड़ेगी।