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‘पॉलिसी में सुधार करे ओला और ऊबर वरना लाइसेंस किया जाएगा रद्द’
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चंडीगढ़। कैब चालकों की ओर से लगातार बन रहे दबाव के बाद स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए) ने शनिवार को ओला-ऊबर और कैब-ऑटो संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। अधिकारियों ने ओला और ऊबर के प्रतिनिधियों से कहा कि अपनी पॉलिसी में सुधार करें। ऐसा न होने पर उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। एसटीए अमित कुमार ने माना कि दोनों कंपनियों की ओर से खामियां हैं। बाद में तय हुआ कि एसटीए की त्रैमासिक फीस कंपनी ही भरेंगी। साथ ही अधिकारियों ने कहा कि तीन दिन के अंदर दोनों कंपनियां अनियमितताओं को दूर करें।
बैठक में तय हुआ कि कंपनियां को किराया नियमानुसार बढ़ाना होगा। इस दौरान एसटीए ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निजी नंबर की गाड़ियों पर शिकंजा कसें। इसके अलावा अस्थायी नंबर की गाड़ियों से सवारी ढोने का काम करने पर इसे गैरकानूनी माना जाएगा और गाड़ी जब्त कर ली जाएगी।
एसटीए ने माना है गैर कानूनी तरीके से चल रहीं बाइक टैक्सी
एक आरटीआई के जबाव में एसटीए ने माना था कि शहर में इन-ड्राइवर समेत कई कंपनियां गैर कानूनी तरीके से कैब चला रही हैं। रैपिडो जैसी कंपनियां जो, बाइक टैक्सी चला रही हैं वो भी गैर कानूनी हैं। उन्हें एसटीए से लाइसेंस प्राप्त नहीं है। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 66 (1) के तहत कैब कंपनियों में चलाने के लिए परमिट होना जरूरी है। परमिट उसी वाहन को मिलता है जिसका व्यावसायिक श्रेणी में आरटीओ में पंजीकरण हो। निजी नंबर के वाहनों का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। प्रशासन ने देखा कि इन कंपनियों का कोई दफ्तर चंडीगढ़ में नहीं है इसलिए एसटीए ने केंद्र सरकार को लिखकर इन ड्राइवर मोबाइल एप को ही प्ले स्टोर से हटाने की मांग की है।
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बैठक में तय हुआ कि कंपनियां को किराया नियमानुसार बढ़ाना होगा। इस दौरान एसटीए ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि निजी नंबर की गाड़ियों पर शिकंजा कसें। इसके अलावा अस्थायी नंबर की गाड़ियों से सवारी ढोने का काम करने पर इसे गैरकानूनी माना जाएगा और गाड़ी जब्त कर ली जाएगी।
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एसटीए ने माना है गैर कानूनी तरीके से चल रहीं बाइक टैक्सी
एक आरटीआई के जबाव में एसटीए ने माना था कि शहर में इन-ड्राइवर समेत कई कंपनियां गैर कानूनी तरीके से कैब चला रही हैं। रैपिडो जैसी कंपनियां जो, बाइक टैक्सी चला रही हैं वो भी गैर कानूनी हैं। उन्हें एसटीए से लाइसेंस प्राप्त नहीं है। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 66 (1) के तहत कैब कंपनियों में चलाने के लिए परमिट होना जरूरी है। परमिट उसी वाहन को मिलता है जिसका व्यावसायिक श्रेणी में आरटीओ में पंजीकरण हो। निजी नंबर के वाहनों का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। प्रशासन ने देखा कि इन कंपनियों का कोई दफ्तर चंडीगढ़ में नहीं है इसलिए एसटीए ने केंद्र सरकार को लिखकर इन ड्राइवर मोबाइल एप को ही प्ले स्टोर से हटाने की मांग की है।