कश्मीर-इंदिरा पर टिप्पणी से घमासान: सिद्धू ने दोनों सलाहकारों को किया तलब, कैप्टन के बाद मनीष तिवारी भी भड़के
सांसद मनीष तिवारी ने भी कैप्टन की बात का समर्थन करते हुए पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत से मामले में दखल देने की मांग की है। तिवारी ने तल्ख अंदाज में सवाल किया कि पार्टी तो बहुत दूर की बात है, क्या ऐसे लोग देश में रहने लायक भी हैं।
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पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों की ओर से की जा रही विवादित टिप्पणियों के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस बीच सिद्धू ने सोमवार को पटियाला स्थित अपने आवास पर दोनों सलाहकारों मालविंदर सिंह माली और डॉ. प्यारे लाल गर्ग को तलब किया।
सुबह करीब साढ़े 10 बजे दोनों पटियाला में सिद्धू के घर पहुंचे। जहां करीब ढाई बजे तक बैठक चली। बैठक के बाद बाहर निकलने पर मीडिया से बात करते हुए मालविंदर सिंह माली ने गरम तेवर में कहा कि उनकी ओर से सोशल मीडिया पर जम्मू-कश्मीर के बारे में की गई टिप्पणी या पोस्ट में जो भी कहा गया है, वह फाइनल है। वहीं सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने कहा कि बैठक में पंजाब के विकास से जुड़े मुद्दों पर विचार किया गया।
माली ने कहा कि मुझे जो भी कहना था, वह सोशल मीडिया पर कह चुके हैं और वह फाइनल है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से उनके बयान को लेकर की जा रही निंदा पर माली ने कहा कि हर किसी को अपनी बात रखने का हक है। संवाद होते रहना चाहिए। अगर कोई गलती करता है तो उस पर दोबारा विचार करना चाहिए। हम सभी को मिलकर पंजाब के कल्याण के लिए काम करना चाहिए।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह माली ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर करके कश्मीर को भारत का हिस्सा न बताते हुए इसे केवल कश्मीरी लोगों का देश बताया था। साथ ही माली ने सवाल उठाया था कि जम्मू-कश्मीर को ओपन जेल में क्यों तबदील किया गया है। माली ने स्वर्गीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का एक विवादित पोस्टर भी अपने फेसबुक पेज पर लगाया, जिसमें वह मानव खोपड़ियों के एक ढेर के नजदीक खड़ी हैं और उनके हाथ में गन है। एक मानव खोपड़ी उनकी गन पर भी टंगी है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी इन टिप्पणियों का कड़ा संज्ञान लिया। वहीं बैठक के बाद बाहर निकले प्यारे लाल गर्ग ने कहा कि जब सरकार अच्छा काम करती है तो हम तारीफ करते हैं। अगर बुरा काम करती है तो उसकी आलोचना होती है। गर्ग ने बताया कि बैठक में पंजाब के सिर चढ़े कर्ज, प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार और माफिया राज पर प्रमुखता से चर्चा की गई। कर्ज के पिछले 20 साल का रिकार्ड देखा गया है कि किस तरह से पंजाब को कर्ज मुक्त करके दोबारा विकास के पथ पर ले जाया जा सकता है। साथ ही पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति को और बेहतर बनाने पर भी विचार हुआ।
कैप्टन ने लगाई फटकार, मनीष तिवारी ने भी साधा निशाना
कश्मीर और पाकिस्तान जैसे संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दों पर पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकारों द्वारा की गई बयानबाजी से सोमवार को पंजाब का सियासी पारा चढ़ गया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार को दोनों सलाहकारों को जमकर लताड़ा था। सोमवार को सांसद मनीष तिवारी ने भी कैप्टन की बात का समर्थन किया। तिवारी ने तल्ख अंदाज में सवाल किया कि पार्टी तो बहुत दूर की बात है, क्या ऐसे लोग देश में रहने लायक भी हैं।
वहीं कांग्रेस के नेता संदीप दीक्षित ने सिद्धू के सलाहकार द्वारा दिवंगत पीएम इंदिरा गांधी का विवादास्पद स्केच पोस्ट करने पर कहा कि यह आपत्तिजनक है। वे सिद्धू को सलाह देते हैं कि राजनीतिक रूप से उनसे दूरी बनाए रखें, उन्हें अपनी सीमा में रहने के लिए कहना चाहिए और उन चीजों पर टिप्पणी करना बंद कर देना चाहिए जिनके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। विपक्षी दल अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने सवाल उठाया कि जब देश पाकिस्तान के खिलाफ था तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ओर किसने हाथ बढ़ाया और पाक सेना प्रमुख को किसने गले लगाया। चीमा ने कहा कि जब नवजोत सिंह सिद्धू ऐसे हैं, तो सलाहकारों की शिकायत क्यों करें।
रविवार को मुख्यमंत्री ने सिद्धू के दोनों सलाहकारों डा. प्यारे लाल गर्ग और मालविंदर सिंह माली को हिदायत दी थी कि वे प्रदेश प्रधान को सलाह देने तक ही सीमित रहें और संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी न करें। इन दोनों को सिद्धू ने हाल ही में अपना सलाहकार नियुक्त किया है। उल्लेखनीय है कि माली ने शनिवार को अपने फेसबुक पेज पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का विवादास्पद कार्टून पोस्ट करने के कुछ घंटों बाद ही कैप्टन पर भी निशाना साधते हुए उनके निजी जीवन से जुड़े फोटो पोस्ट करते हुए अभद्र टिप्पणी की थी।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि कश्मीर भारत का अटूट अंग था और अब भी है। उन्होंने कहा कि इसके उलट माली ने पाकिस्तान की हां में हां मिलाने वाला बयान दिया है, जो पूरी तरह देश विरोधी है। उन्होंने माली की निंदा करते हुए कहा कि ना सिर्फ अन्य पार्टियां बल्कि कांग्रेस द्वारा भी व्यापक रूप में निंदा किए जाने के बावजूद माली ने अपना बयान वापस नहीं लिया।