Punjab: फिरोजपुर में बीएसएफ की तीन पोस्टें, शहीद भगत सिंह की माता की समाधि डूबी, धुस्सी बांध टूटा
बांधों से पानी छोड़े जाने से फिरोजपुर, फाजिल्का, होशियारपुर, तरनतारन व गुरदासपुर में हालात बिगड़े गए हैं। फिरोजपुर में ग्रामीणों ने चारपाई पर वाहनों की ट्यूब बांधकर परिवार को सुरक्षित जगह पहुंचाया।

विस्तार
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बांधों से छोड़े जा रहे पानी के कारण पंजाब के कई जिलों में बाढ़ से स्थिति खराब हो गई है। फिरोजपुर, फाजिल्का, होशियारपुर, तरनतारन और गुरदासपुर के कई गांवों में पानी भर गया है। फिरोजपुर में बीएसएफ की तीन पोस्टें डूब गई हैं। इनमें पोस्ट टेंट वाला, ओल्ड गजनी वाली और पोस्ट जोगिंदर सिंह पूरी तरह डूब गई हैं। हुसैनीवाला बाॅर्डर स्थित शहीद स्मारक भी बाढ़ की चपेट में आ गया है। शहीद-ए-आजम भगत सिंह की माता की समाधि पूरी तरह जलमग्न हो गई है।

इससे पहले शुक्रवार को तीर्थ पोस्ट पानी में डूब गई थी। यहां से 50 जवानों को सुरक्षित निकाला गया था। बॉर्डर एरिया में कई जगह फेंसिंग बह गई है। गांव राजोके गट्टी में ग्रामीणों ने चारपाई पर वाहनों की ट्यूब बांधकर अपने परिवार को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया। उनके घरों में लगभग चार से पांच फीट तक पानी भर गया है। कई ग्रामीणों के पशु पाकिस्तान की तरफ बह गए हैं।
यह भी पढ़ें: Kapurthala: ब्यास में कूदे दो सगे भाई, जालंधर के SHO पर लगे जलील करने के आरोप, तलाश जारी
ग्रामीणों के मुताबिक मोहम्मदी वाला, पल्लामेघा की तरफ पानी का बहाव बहुत तेज है। माझा सभरां की तरफ धुस्सी बांध टूट गया है। बांध में बीस फुट दरार आ चुकी है। ये बांध हरिके हेड के बाद मक्खू के नजदीक स्थित है। ग्रामीण मरम्मत में जुटे हैं। लोगों तक जिला प्रशासन की मदद नहीं पहुंच पा रही है। लोगों का कहना है कि मिट्टी भरने के लिए बैग मांगे गए थे, लेकिन अभी नहीं मिल पाए हैं। नाव भी उपलब्ध नहीं करवाई गई। यहां बीस गांव बाढ़ की चपेट हैं।
फिरोजपुर में दो हजार को सुरक्षित जगह पहुंचाया, गुरदासपुर में बांध में दरार
फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान और शहरी हलके के विधायक रणबीर सिंह भुल्लर ने बताया कि विभिन्न गांवों से दो हजार ग्रामीणों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। सेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ व अन्य संस्थाएं युद्धस्तर पर राहत कार्य में जुटी हैं। सात मोटर बोट लगाई गई हैं। वहीं, गुरदासपुर के डीसी डाॅ. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि धुस्सी बांध में पड़ी दरार को भरा जा रहा है। गांव जगतपुर कलां में लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई गई है।
तरनतारन में तटबंध टूटा, फाजिल्का में ढाणियां डूबीं
ब्यास व सतलुज के संगम स्थल हरिके पत्तन हेडवर्क्स से 2.61 लाख क्यूसिक पानी छोड़े जाने से गांव घडुम के पास धुस्सी बांध का तटबंध टूट गया। इसकी मरम्मत का काम चल रहा है। फाजिल्का में सतलुज किनारे पांच ढाणियां दोना नानका, गुलाबा, रेते वाली भैणी, वल्लेशाह, मुहार जमशेर और कावांवाली बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। लोगों ने सामान घर की छतों पर रख दिया है।
बाढ़ में बचाव कार्य में जुटे शिक्षामंत्री को जहरीले सांप ने काटा
पंजाब में बाढ़ के दौरान बचाव कार्य में जुटे शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस को जहरीले सांप ने काट लिया था। वे अस्पताल में भर्ती थे लेकिन अब वह ठीक हैं। यह जानकारी खुद शिक्षामंत्री हरजोत बैंस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर दी। उन्होंने बताया कि बाढ़ के दौरान वह अपने विधानसभा हलका श्री आनंदपुर साहिब में लोगों के साथ बचाव कार्य में जुटे हुए थे। इसी दौरान उन्हें एक जहरीले सांप ने पैर में काट लिया। इसके बावजूद वह अपने कार्य में जुटे रहे। सांप उनकी हिम्मत नहीं तोड़ पाया था। उन्होंने नियमित अपना काम किया। उन्होंने कहा कि भगवान की कृपा और लोगों के प्यार और आशीर्वाद से अब मैं ठीक हूं। जहर का असर भी कम हो गया। मेरे खून की जांच भी सामान्य आई है। वहीं, अब बाढ़ की स्थिति से भी हलके का सुधार हुआ है। उन्होंने आखिर में लिखा है कि भगवान सब पर मेहर करें।

ममदोट की तरफ बीएसएफ की पोस्ट टेंट वाला, ओल्ड गजनी वाली व जोगिंदर सिंह पूरी तरह पानी की चपेट में है। जबकि तीर्थ पोस्ट पानी में डूब चुकी है। कई जगहों पर फेंसिंग बह गई है। जिले के बाढ़ प्रभावित कई गांवों में जिला प्रशासन की नाव नजर नहीं आई है, ग्रामीण चारपाई पर वाहनों की ट्यूब लगाकर खुद सुरक्षित जगहों पर पहुंचे हैं। घरों में लगभग चार से पांच फुट पानी भर गया है। कई ग्रामीणों के पशु पाकिस्तान की तरफ बह गए हैं।
ग्रामीणों के मुताबिक मोहम्मदी वाला, पल्लामेघा की तरफ पानी का बहाव बहुत तेज है, धुस्सी बांध की ग्रामीण मरम्मत में जुटे हैं। जिला प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं पहुंचाई जा रही है। जिला प्रशासन से बैग मांगे थे ताकि मिट्टी भर कर बांध मजबूत किया जाए, बैग तक मुहैया नहीं करवाए गए हैं। गांव राजोके गट्टी की तरफ से कुछेक ग्रामीण चारपाई पर वाहनों की ट्यूब बांध कर अपने परिवार को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रहे हैं, ग्रामीणों का आरोप है कि यहां पर जिला प्रशासन ने नाव मुहैया नहीं करवाई है। बहुत से ग्रामीणों के घरों में चार से पांच फुट पानी भर गया है। ग्रामीण अपनी लोहे की पेटियों से सामान निकाल कर सुरक्षित जगह छत पर पहुंचाते नजर आए।
हुसैनीवाला बार्डर स्थित शहीदी स्मारक पानी की चपेट में है। शहीद-ए-आजम भगत सिंह की माता की समाधि पूरी तरह पानी में डूब चुकी है। हुसैनीवाला से सटे बीस गांव पूरी तरह पानी में डूबे हुए हैं। बहुत से लोग मकानों की छत्तों पर बैठे हैं और कई लोग सुरक्षित जगहों पर पहुंच गए हैं। पानी का स्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है।
उधर, डिप्टी कमिश्नर राजेश धीमान और शहरी हलके के विधायक रणबीर सिंह भुल्लर दावा कर रहे हैं कि उन्होंने दो हजार ग्रामीणों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। उन्हें प्रत्येक सुविधा प्रदान कर रहे हैं। सेना, बीएसएफ, एनडीआरएफ व संस्थाएं युद्धस्तर पर राहत कार्य कर रही हैं। सात मोटर बोट लोगों को सुरक्षित जगहों पर लाने का कार्य कर रही है।