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तीन माह से घर नहीं गईं मरीजों की सेवा में जुटी ईशानी, बोलीं- देश को मेरी जरूरत, फर्ज निभाने से नहीं हटूंगी पीछे
मोनिका नागर, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Sun, 10 May 2020 03:02 PM IST
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अपनी मां ललिता वर्मा के साथ नर्सिंग ऑफिसर ईशानी वर्मा।
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कोरोना वायरस के चलते बहुत सी युवतियां अपने घरों से दूर इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों की सेवा में लगातार जुटी हुई हैं। ऐसी ही एक कोरोना योद्धा ईशानी वर्मा जो कि 3 महीने से अपने घर नहीं गई हैं। उनकी मां ललिता वर्मा ने अपनी बेटी का हाल अमर उजाला के साथ साझा किया। ललिता वर्मा ने बताया कि उनका परिवार पंजाब के मंडी में रहता है।
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उनकी बेटी ईशानी वर्मा पीजीआई में नर्सिंग ऑफिसर है। उन्होंने बताया कि उनके पति और वह खुद बीमार रहती हैं। उनकी बेटी ईशानी ने बहुत मेहनत से पढ़ाई करके पीजीआई में नौकरी हासिल की। जब उन्हें पता चला कि ईशानी की ड्यूटी कोरोना मरीज के पास लगी है तो वह लोग बहुत घबरा गए।
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एक बार तो ईशानी के पापा ने बोल दिया कि नौकरी छोड़ के घर वापस आ जाओ, क्योंकि ईशानी के माता-पिता दोनों बीमार हैं। लेकिन ईशानी ने अपने पापा को समझाया कि सारा नर्सिंग स्टाफ ड्यूटी कर रहा है तो मैं अपनी ड्यूटी से पीछे कैसे हट सकती हूं। इस समय देश को हमारी जरुरत है, इसलिए मैं अपना फर्ज निभाने से पीछे नहीं हटूंगी।
ईशानी की मां हुई भावुक बोली- हमें बेटी पर गर्व
ललिता वर्मा ने बताया कि जब तक ड्यूटी करने के बाद ईशानी का फोन नहीं आता था तब तक वह खाना नहीं खाते थे। रोजाना ड्यूटी से आने के बाद ईशानी अपने माता-पिता से बात करती थी। जब ड्यूटी पूरी करने के बाद उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया तब भी वह रोजाना वीडियो कॉल कर हमारा हाल पूछती थी।
उस दिन के बाद से हमें गर्व हुआ कि हमारी बेटी बहुत ही समझदार और मेहनती है। साथ ही वह अपने माता-पिता के साथ अपने देश के प्रति भी अपनी जिम्मेदारी को समझती है। यह कहते हुए ललिता वर्मा भावुक होकर रो पड़ी और कहने लगी कि हमें अपनी बेटी पर गर्व है और ऐसी बेटी हर माता-पिता को मिले।