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सामुदायिक केंद्र के फर्नीचर को लेकर पार्षद और ठेकेदार में हाथापाई, कपड़े फाड़े
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चंडीगढ़। सारंगपुर के सामुदायिक केंद्र में फर्नीचर के भुगतान के लिए शनिवार शाम वार्ड-15 से आम आदमी पार्टी के पार्षद रामचंद्र यादव और ठेकेदार प्रदीप बंसल के बीच जमकर मारपीट हुई। ठेकेदार और उनके वाहन चालक के कपड़े फट गए। सारंगपुर पुलिस ने जीएमएसएच-16 में पार्षद, ठेकेदार और चालक का मेडिकल करवाकर दोनों पक्षों से शिकायत ले ली है। जांच चल रही है, अभी केस दर्ज नहीं हुआ है।
थाना प्रभारी रोहित कुमार का कहना है कि जांच के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी। पार्षद का आरोप है कि ठेकेदार सामुदायिक केंद्र में लगवाए गए फर्नीचर का भुगतान न होने पर उनसे झगड़ने आया और मारपीट शुरू कर दी। वहीं, ठेकेदार का कहना है कि पार्षद ने तीन बार फर्नीचर बदलवाया फिर भी आपत्ति जता रहे हैं। मैं उनसे बात करने गया तो उन्होंने इशारा कर मुझसे रिश्वत मांगी। बाद में हमें कमरे में बंद करवाकर अपने लोगों से पिटवाया।
पार्षद रामचंद्र यादव ने बताया कि शनिवार शाम लगभग साढ़े पांच बजे ठेकेदार प्रदीप बंसल सारंगपुर सामुदायिक केंद्र पहुंचे। उनके साथ एक और व्यक्ति था। वहां कई लोग मुझसे अपने काम के लिए मिलने आए थे। ठेकेदार ने मुझसे कहा कि आपकी वजह से मेरा फर्नीचर का भुगतान रुका हुआ है। इस पर मैंने कहा कि भुगतान निगम को करना है, इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। मुझे यह तक जानकारी नहीं कि सामुदायिक केंद्र में कितने का फर्नीचर लगाए जा रहे हैं है। इस पर वह भड़क गए और भुगतान रुकवाने का आरोप लगाते हुए मेरी कॉलर पकड़ ली और सीने पर मुक्का मारने लगे। लोग बीचबचाव में आए तो उनसे भी भिड़ गए। लोग उन्हें पकड़ने लगे तो प्रदीप बंसल भगने लगे और सीढ़ियों से गिर गए, जिससे उन्हें चोट आई।
वहीं ठेकेदार प्रदीप बंसल ने कहा कि पार्षद ने फोन करके उन्हें सामुदायिक केंद्र बुलाया था। फर्नीचर में क्या कमी रह गई है, मैं यह देखने गया था। दफ्तर में वह अकेले बैठे थे, बाहर कॉलोनी के कुछ लोग बैठे थे। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हम जो चाहेंगे वही होगा और हाथ का इशारा करके रिश्वत की मांग की। इस पर मैंने आपत्ति जताई तो उन्होंने घंटी बजाकर लोगों को बाहर से बुलाया और मारपीट कर घायल कर दिया और कपड़े फाड़ दिए।
बॉक्स
दो लाख का एस्टीमेट, कुर्सी व टेबल पर बिगड़ी बात
नगर निगम ने सारंगपुर के सामुदायिक के लिए लगभग दो लाख रुपये का एस्टीमेट स्वीकृत किया था। इसमें पार्षद के दफ्तर के लिए सोफा सेट, टेबल-कुर्सी समेत अन्य फर्नीचर थे। आरोप है कि टेबल और कुर्सी को पार्षद ने तीन बार बदलवाया फिर भी कमियां गिनाते रहे। बजट में छोटी टेबल पास है और कुर्सी भी कम रेंज की तय है लेकिन पार्षद ने बड़ी टेबल और आरामदायक कुर्सी देने को कहा है। उधर, पार्षद का कहना है कि फर्नीचर कई जगह से फूला हुआ है। लकड़ी की गुणवत्ता भी खराब है।
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हाल में 11 सामुदायिक केंद्र के लिए हुए हैं प्रस्ताव पास
जून माह की वित्त एवं अनुबंध कमेटी की और सदन की बैठक में 11 सामुदायिक केंद्रों की मरम्मत व अन्य जरूरी कार्यों के लिए प्रस्ताव पास किए गए थे। इसमें सेक्टर-18 में 35.10 लाख, 19 में 19.07 लाख, 22 में 45.88 लाख, 15 में 35.37 लाख, मनीमाजरा में 40.69 लाख, इंदिरा कॉलोनी में 13.42 लाख, धनास में 14.04 लाख, धनास गांव में 28.24, धनास ईडब्ल्यूएस कॉलोनी में 59.81 लाख, डड्डूमाजरा में 57.45 लाख और सारंगपुर में 51.18 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। ज्यादातर पार्षदों की मांग है कि उनके दफ्तर के साथ शौचालय को अटैच किया जाए। स्थायी प्रबंध के लिए चीफ आर्किटेक्ट से अनुमति लेनी होगी, इसलिए पार्षदों का कहना है कि इसे अस्थायी ही बना दिया।
कोट
मामले में दोनों पक्षों की ओर से मिली शिकायत के बाद डीडीआर दर्ज कर ली है। एरिया एसडीओ को बुलाया गया है, उनसे भी मामले की जानकारी ली जाएगी। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।
- रोहित कुमार, थाना प्रभारी सारंगपुर

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थाना प्रभारी रोहित कुमार का कहना है कि जांच के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी। पार्षद का आरोप है कि ठेकेदार सामुदायिक केंद्र में लगवाए गए फर्नीचर का भुगतान न होने पर उनसे झगड़ने आया और मारपीट शुरू कर दी। वहीं, ठेकेदार का कहना है कि पार्षद ने तीन बार फर्नीचर बदलवाया फिर भी आपत्ति जता रहे हैं। मैं उनसे बात करने गया तो उन्होंने इशारा कर मुझसे रिश्वत मांगी। बाद में हमें कमरे में बंद करवाकर अपने लोगों से पिटवाया।
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पार्षद रामचंद्र यादव ने बताया कि शनिवार शाम लगभग साढ़े पांच बजे ठेकेदार प्रदीप बंसल सारंगपुर सामुदायिक केंद्र पहुंचे। उनके साथ एक और व्यक्ति था। वहां कई लोग मुझसे अपने काम के लिए मिलने आए थे। ठेकेदार ने मुझसे कहा कि आपकी वजह से मेरा फर्नीचर का भुगतान रुका हुआ है। इस पर मैंने कहा कि भुगतान निगम को करना है, इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है। मुझे यह तक जानकारी नहीं कि सामुदायिक केंद्र में कितने का फर्नीचर लगाए जा रहे हैं है। इस पर वह भड़क गए और भुगतान रुकवाने का आरोप लगाते हुए मेरी कॉलर पकड़ ली और सीने पर मुक्का मारने लगे। लोग बीचबचाव में आए तो उनसे भी भिड़ गए। लोग उन्हें पकड़ने लगे तो प्रदीप बंसल भगने लगे और सीढ़ियों से गिर गए, जिससे उन्हें चोट आई।
वहीं ठेकेदार प्रदीप बंसल ने कहा कि पार्षद ने फोन करके उन्हें सामुदायिक केंद्र बुलाया था। फर्नीचर में क्या कमी रह गई है, मैं यह देखने गया था। दफ्तर में वह अकेले बैठे थे, बाहर कॉलोनी के कुछ लोग बैठे थे। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हम जो चाहेंगे वही होगा और हाथ का इशारा करके रिश्वत की मांग की। इस पर मैंने आपत्ति जताई तो उन्होंने घंटी बजाकर लोगों को बाहर से बुलाया और मारपीट कर घायल कर दिया और कपड़े फाड़ दिए।
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दो लाख का एस्टीमेट, कुर्सी व टेबल पर बिगड़ी बात
नगर निगम ने सारंगपुर के सामुदायिक के लिए लगभग दो लाख रुपये का एस्टीमेट स्वीकृत किया था। इसमें पार्षद के दफ्तर के लिए सोफा सेट, टेबल-कुर्सी समेत अन्य फर्नीचर थे। आरोप है कि टेबल और कुर्सी को पार्षद ने तीन बार बदलवाया फिर भी कमियां गिनाते रहे। बजट में छोटी टेबल पास है और कुर्सी भी कम रेंज की तय है लेकिन पार्षद ने बड़ी टेबल और आरामदायक कुर्सी देने को कहा है। उधर, पार्षद का कहना है कि फर्नीचर कई जगह से फूला हुआ है। लकड़ी की गुणवत्ता भी खराब है।
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हाल में 11 सामुदायिक केंद्र के लिए हुए हैं प्रस्ताव पास
जून माह की वित्त एवं अनुबंध कमेटी की और सदन की बैठक में 11 सामुदायिक केंद्रों की मरम्मत व अन्य जरूरी कार्यों के लिए प्रस्ताव पास किए गए थे। इसमें सेक्टर-18 में 35.10 लाख, 19 में 19.07 लाख, 22 में 45.88 लाख, 15 में 35.37 लाख, मनीमाजरा में 40.69 लाख, इंदिरा कॉलोनी में 13.42 लाख, धनास में 14.04 लाख, धनास गांव में 28.24, धनास ईडब्ल्यूएस कॉलोनी में 59.81 लाख, डड्डूमाजरा में 57.45 लाख और सारंगपुर में 51.18 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। ज्यादातर पार्षदों की मांग है कि उनके दफ्तर के साथ शौचालय को अटैच किया जाए। स्थायी प्रबंध के लिए चीफ आर्किटेक्ट से अनुमति लेनी होगी, इसलिए पार्षदों का कहना है कि इसे अस्थायी ही बना दिया।
कोट
मामले में दोनों पक्षों की ओर से मिली शिकायत के बाद डीडीआर दर्ज कर ली है। एरिया एसडीओ को बुलाया गया है, उनसे भी मामले की जानकारी ली जाएगी। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे।
- रोहित कुमार, थाना प्रभारी सारंगपुर