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नींद से जागा एसटीए... ओला-उबर को नोटिस जारी कर बाइक टैक्सी बंद करने के दिए आदेश
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चंडीगढ़। आखिर स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (एसटीए) की नींद खुल ही गई। सेक्टर-18 स्थित एसटीए ने ओला-उबर को नोटिस भेजकर तुरंत बाइक टैक्सी को बंद करने के आदेश दिए हैं। बता दें शहर में कई एग्रीगेटर कंपनियां निजी नंबर प्लेट व टेंपरेरी नंबर प्लेट पर बाइक टैक्सी चलाने की अनुमति दे रही हैं जबकि ये पूरी तरह से अवैध है।
नियमों के तहत शहर में कोई भी कंपनी बाइक टैक्सी नहीं चला सकती हैं, लेकिन अवैध रूप से ओला-उबर के अलावा इन-ड्राइवर, रैपिडो, ब्ला-ब्ला आदि कंपनियां बाइक टैक्सी चला रही हैं। इनमें से फोर-व्हीलर टैक्सी चलाने का लाइसेंस भी सिर्फ ओला-उबर के पास है। अन्य के पास शहर में बाइक टैक्सी तो दूर कैब चलाने की भी अनुमति नहीं है बावजूद इसके धड़ल्ले से अवैध काम हो रहा है। दरअसल निजी नंबर प्लेट पर टैक्सी सेवा नहीं चलाई जा सकती, लेकिन बाइक टैक्सी में ये कंपनियां ऐसा कर रही थीं इसलिए ही एसटीए को नोटिस जारी करना पड़ा है। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा- 66 (1) के तहत परमिट उसी वाहन को मिलता है जिसका व्यावसायिक श्रेणी में आरटीओ में पंजीकृत हो। अगर इन निजी नंबर की बाइक की दुर्घटना हो जाए तो पीड़ित को इंश्योरेंस क्लेम भी नहीं मिलेगा। इस मुद्दे को लेकर बीते दिनों ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन ने एसटीए के सामने प्रदर्शन किया था।
एसटीए ने नोटिस में ये लिखा
एसटीए ने नोटिस में लिखा है कि उनकी जानकारी में आया है कि ओला और उबर अपने मोबाइल एप से बाइक्स को कमर्शियल व्हीकल के तौर पर जोड़ रही हैं। ये अवैध है। कंपनी की तरफ से जो अवैध रूप से बाइक टैक्सी चलाई जा रही है इसे तुरंत बंद किया जाए। ऐसा नहीं हुआ तो कंपनियों के खिलाफ नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सबसे बड़ा सवाल : कंपनियां नहीं मान रहीं आदेश, रोकेंगे कैसे
एसटीए को भी पता है कि बाइक टैक्सियां बहुत समय से अवैध रूप से चल रही हैं। बड़ा सवाल है कि एसटीए इन पर कार्रवाई कैसे करेगा क्योंकि ये बहुत टेढ़ी खीर है। इन बाइक टैक्सियों के नंबर प्लेट भी अन्य बाइकों की तरह होते हैं। ऐसे में पहचान कर पाना बहुत मुश्किल होगा। एसटीए के पास स्टाफ की भी कमी है।
ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन ने किया एसटीए का धन्यवाद
ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन के प्रधान विक्रम सिंह पुंडीर ने एसटीए अमित कुमार का धन्यवाद किया। इससे 9000 बाइक टैक्सी पर नकेल कसेगी। उन्होंने कहा कि इन ड्राइवर, ब्ला-ब्ला और रैपिडो में लगभग 3000 प्राइवेट कैब चल रही हैं, इन पर भी शिकंजा कसा जाना चाहिए।
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नियमों के तहत शहर में कोई भी कंपनी बाइक टैक्सी नहीं चला सकती हैं, लेकिन अवैध रूप से ओला-उबर के अलावा इन-ड्राइवर, रैपिडो, ब्ला-ब्ला आदि कंपनियां बाइक टैक्सी चला रही हैं। इनमें से फोर-व्हीलर टैक्सी चलाने का लाइसेंस भी सिर्फ ओला-उबर के पास है। अन्य के पास शहर में बाइक टैक्सी तो दूर कैब चलाने की भी अनुमति नहीं है बावजूद इसके धड़ल्ले से अवैध काम हो रहा है। दरअसल निजी नंबर प्लेट पर टैक्सी सेवा नहीं चलाई जा सकती, लेकिन बाइक टैक्सी में ये कंपनियां ऐसा कर रही थीं इसलिए ही एसटीए को नोटिस जारी करना पड़ा है। मोटर व्हीकल एक्ट की धारा- 66 (1) के तहत परमिट उसी वाहन को मिलता है जिसका व्यावसायिक श्रेणी में आरटीओ में पंजीकृत हो। अगर इन निजी नंबर की बाइक की दुर्घटना हो जाए तो पीड़ित को इंश्योरेंस क्लेम भी नहीं मिलेगा। इस मुद्दे को लेकर बीते दिनों ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन ने एसटीए के सामने प्रदर्शन किया था।
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एसटीए ने नोटिस में ये लिखा
एसटीए ने नोटिस में लिखा है कि उनकी जानकारी में आया है कि ओला और उबर अपने मोबाइल एप से बाइक्स को कमर्शियल व्हीकल के तौर पर जोड़ रही हैं। ये अवैध है। कंपनी की तरफ से जो अवैध रूप से बाइक टैक्सी चलाई जा रही है इसे तुरंत बंद किया जाए। ऐसा नहीं हुआ तो कंपनियों के खिलाफ नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सबसे बड़ा सवाल : कंपनियां नहीं मान रहीं आदेश, रोकेंगे कैसे
एसटीए को भी पता है कि बाइक टैक्सियां बहुत समय से अवैध रूप से चल रही हैं। बड़ा सवाल है कि एसटीए इन पर कार्रवाई कैसे करेगा क्योंकि ये बहुत टेढ़ी खीर है। इन बाइक टैक्सियों के नंबर प्लेट भी अन्य बाइकों की तरह होते हैं। ऐसे में पहचान कर पाना बहुत मुश्किल होगा। एसटीए के पास स्टाफ की भी कमी है।
ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन ने किया एसटीए का धन्यवाद
ट्राइसिटी कैब एसोसिएशन के प्रधान विक्रम सिंह पुंडीर ने एसटीए अमित कुमार का धन्यवाद किया। इससे 9000 बाइक टैक्सी पर नकेल कसेगी। उन्होंने कहा कि इन ड्राइवर, ब्ला-ब्ला और रैपिडो में लगभग 3000 प्राइवेट कैब चल रही हैं, इन पर भी शिकंजा कसा जाना चाहिए।