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भारतमाला परियोजना घोटाला: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राजस्व विभाग के अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएं की खारिज

अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर Published by: अमन कोशले Updated Tue, 28 Oct 2025 06:53 PM IST
सार

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भारतमाला परियोजना घोटाले में आरोपी राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएँ खारिज कर दी हैं।

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Bharatmala Project Scam: CG High Court Dismisses Anticipatory Bail Pleas of Revenue Department Officials
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आज मंगलवार को भारतमाला परियोजना घोटाले के आरोपी राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की अग्रिम जमानत याचिकाएँ खारिज कर दी है । ये सभी अधिकारी ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के प्रकरण में आरोपी हैं।


चीफ जस्टिस रमेशचन्द्र सिन्हा की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की। जिन आरोपियों की याचिकाएं खारिज हुई हैं, उनमें तत्कालीन एसडीएम निर्भय कुमार साहू, लेखराम देवांगन, लखेश्वर प्रसाद किरन, शशिकांत कुर्रे, डी.एस. उइके, रौशन लाल वर्मा और दीपक देव शामिल हैं। साहू के अलावा बाकी सभी आरोपी तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारी हैं। ईओडब्ल्यू और एसीबी ने इन अधिकारियों के खिलाफ भारतमाला परियोजना के भूमि अधिग्रहण में गड़बड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया था। जांच में पाया गया कि अधिकारियों ने भूमाफियाओं को मिलीभगत से कई गुना ज्यादा मुआवजा राशि दिलवाई, जिससे सरकार को करीब 600 करोड़ रुपये की हानि हुई। इस मामले के उजागर होने के बाद सभी आरोपियों को निलंबित कर दिया गया था।
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आज हुई सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से अग्रिम जमानत के लिए दायर याचिकाओं पर बहस हुई। अदालत ने कहा कि मामला गंभीर आर्थिक अनियमितताओं और भ्रष्टाचार से जुड़ा है, जिसकी जांच अभी जारी है। ऐसे में आरोपियों को अग्रिम जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है,यह कहते हुए चीफ जस्टिस की डीबी ने सभी याचिकाएं निरस्त कर दीं। बता दें कि हाल ही में ईओडब्ल्यू-एसीबी ने इस प्रकरण में 8 हजार से अधिक पन्नों का चालान जिला विशेष न्यायालय में पेश किया था। जांच एजेंसी की ओर से डिप्टी एडवोकेट जनरल डॉ. सौरभ कुमार पांडेय ने अदालत में पक्ष रखा। अदालत ने कहा कि घोटाले की जांच पूरी होने तक आरोपियों को किसी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती।
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