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बिलासपुर: सांसद भोजराज नाग को हाईकोर्ट से झटका, इस याचिका को कोर्ट ने किया खारिज, जानें मामला
अमर उजाला नेटवर्क, बिलासपुर
Published by: Digvijay Singh
Updated Fri, 12 Sep 2025 02:13 PM IST
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सार
बिलासपुर हाईकोर्ट ने कांकेर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित सांसद भोजराज नाग की ओर से दायर उस अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने चुनाव याचिका को प्रथम दृष्टया निरस्त करने की मांग की थी।

सांसद भोजराज नाग
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
बिलासपुर हाईकोर्ट ने कांकेर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित सांसद भोजराज नाग की ओर से दायर उस अंतरिम आवेदन को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने चुनाव याचिका को प्रथम दृष्टया निरस्त करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना में हुई कथित अनियमितताओं के पर्याप्त तथ्य पेश किए हैं, इसलिए मामला मेरिट पर सुनवाई योग्य है।

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बता दें कि कांकेर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित सांसद भोजराज नाग के खिलाफ बिरेश ठाकुर ने 18 जुलाई 2024 को चुनावी याचिका दायर कर 2024 लोकसभा चुनाव परिणाम रद्द करने, कई बूथों की पुनःमतगणना और 15 मतदान केंद्रों पर पुनः मतदान की मांग की थी। याचिका में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी व छेड़छाड़, वोटिंग डेटा के प्रसारण में देरी और वोटों की गिनती में गंभीर अनियमितताएं बताई गई है और कई मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान और गिनती की मांग की गई। याचिकाकर्ता ने गोंडरदेही, डोंडी लोहारा और कई अन्य विधानसभा क्षेत्रों के बूथों पर वोटों के अंतर और डेटा ट्रांसमिशन में हेरफेर की आशंका जताई है।
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निर्वाचित सांसद भोजराज नाग ने दलील दी कि याचिका में भ्रष्ट आचरण का कोई ठोस आरोप नहीं है, इसलिए यह रिप्रेजेंटेशन आफ पीपुल एक्ट, 1951 की धारा 81, 82 और 83 का उल्लंघन है और इसे खारिज किया जाना चाहिए। साथ ही चुनाव आयोग को पक्षकार नहीं बनाया गया, इसलिए याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। याचिका वकील के जरिए दाखिल की गई, जबकि कानून के मुताबिक उम्मीदवार को खुद याचिका दाखिल करनी चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि याचिका में सभी आवश्यक तथ्य और साक्ष्य मौजूद हैं। याचिकाकर्ता ने स्पष्ट रूप से ईवीएम में गड़बड़ी,डेटा ट्रांसमिशन में देरी और मतदान प्रक्रिया में अनियमितताओं का जिक्र किया है, जो विस्तृत सुनवाई योग्य है। न्यायालय ने साफ किया कि चुनाव आयोग को पक्षकार बनाने की कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है और याचिका धारा 81, 82, 83 के अनुरूप है। याचिका बीरेश ठाकुर ने विधिवत रूप से दाखिल की है, सभी पन्नों पर उनके हस्ताक्षर मौजूद हैं। सांसद भोजराम की आपत्ति में दम नहीं, इसलिए याचिका खारिज नहीं की जा सकती। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तीन नवंबर 2025 को निर्धारित की है।