{"_id":"64a40542f4e480d521067a48","slug":"arrangement-in-hospitals-worsened-due-to-health-workers-strike-in-jagdalpur-2023-07-04","type":"story","status":"publish","title_hn":"स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल: जगदलपुर में डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा; बिलासपुर में इमरजेंसी सेवाएं अभी जारी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल: जगदलपुर में डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा; बिलासपुर में इमरजेंसी सेवाएं अभी जारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जगदलपुर/बिलासपुर
Published by: मोहनीश श्रीवास्तव
Updated Tue, 04 Jul 2023 05:10 PM IST
सार
छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मियों के बाद मंगलवार से स्वास्थ्य कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ गई है। जगदलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लैब टैक्नीशियन से लेकर स्टाफ नर्स तक काम छोड़कर चले गए हैं। वहीं बिलासपुर में फिलहाल इमरजेंसी सेवा के कर्मचारी काम कर रहे हैं।
विज्ञापन
स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के चलते नर्सिंग छात्राओं ने अस्पताल में संभाला मोर्चा।
- फोटो : संवाद
विज्ञापन
विस्तार
छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मियों के बाद मंगलवार से स्वास्थ्य कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ गई है। जगदलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लैब टैक्नीशियन से लेकर स्टाफ नर्स तक काम छोड़कर चले गए हैं। इसके बाद मरीजों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल अधीक्षक से लेकर सभी सीनियर डॉक्टर, इंटर्न और जूनियर डॉक्टरों ने मोर्चा संभाल रखा है। यहां तक कि मरीजों की परेशानी को देखते हुए फैकल्टी ने भी काम करना शुरू कर दिया है।
Trending Videos
स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मंगलवार से अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के उप प्रान्ताध्यक्ष अजय प्रताप सिंह परिहार ने बताया कि, शासन को स्वास्थ्य विभाग के नियमित एवं संविदा कर्मचारियों की समस्या के निदान के लिए बारबार निवेदन और आवेदन किया गया। इसके बाद भी शासन की ओर से कर्मचारी हित में कोई सार्थक पहल नहीं की गई है। जिसके कारण अनिश्चत आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन
कर्मचारियों का कहना है कि, बस्तर जिले में चिकित्सक से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ के स्वीकृत पद के विरूद्ध कई पद रिक्त हैं। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य कर्मी पूरी निष्ठा के साथ कार्य कर रहें है। स्वास्थ्य विभाग का कार्य राज्य स्तर पर भी सराहा जाता रहा है। मलेरिया उन्मूलन की दिशा में अच्छे कार्य की वजह से रोग का फैलाव कम हुआ है। कोविड काल में भी चिकित्सक और पेरामेडिकल स्टाफ ने जी जान से काम किया, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी।
स्वास्थ्य विभाग के नियमित और अनियमित दोनों कर्मचारी शामिल
कर्मचारियों की इस हड़ताल में नियमित और अनियमित दोनों कर्मचारी शामिल हैं। इसमें संविदा, एनएचएम, डीएमएफटी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हैं। जिसके कारण मेडिकल कालेज, जिला चिकित्सालय, सामुदायिक और प्राथमिक व उप स्वास्थ्य केन्द्र में पूरी तहत से काम बंद रहने की बात कही गई है। वहीं हड़ताल को लेकर कर्मचारियों में गुटबाजी भी दिखाई दी। कई लोगों ने इस हड़ताल में जाने से मना कर दिया। जिसके कारण अधिकतर स्टाफ नर्स ने अपनी ड्यूटी बखूबी निभाई।
मुश्किल वक्त में दिखाना है काम
कर्मचारियों की हड़ताल के चलते अधीक्षक डॉक्टर अनुरूप साहू ने हर वार्ड का निरीक्षण किया। जहां स्टाफ की कमी मिलती वहां दूसरे वार्ड से भेजते। निरीक्षण के दौरान डॉक्टर अनुरूप साहू ने इंटर्न से लेकर जेआर डॉक्टरों का मनोबल बढ़ाया। कहा कि, अच्छे समय में तो सभी साथ देते है। पता तब चलता है जब विषम परिस्थितियों में कोई हो। उन्होंने सभी को हिदायत दी है कि वार्ड से कोई भी नदारत नहीं रहेगा, और ना ही मरीजों को तकलीफ होने दें। मरीजों की एक्स रे से लेकर अन्य जांच के लिए मदद करने नर्सिंग छात्राएं भी आगे आईं।
बिलासपुर : इमरजेंसी सेवाओं के कर्मचारी अभी शामिल नहीं
वहीं बिलासपुर में भी स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था गड़बड़ाने लगी है। संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सिम्स और जिला अस्पताल की चिकित्सीय व्यवस्था प्रभावित हो रही है। हालंकि, हड़ताल का आज पहला दिन है और स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने जरूरी चिकित्सीय सुविधाओं के लिए फिलहाल अपने कुछ कर्मचारियों को आंदोलन से दूर रखा है। ऐसे में थोड़ी राहत है। जल्द मांगों पर विचार न होने पर इमरजेंसी सेवा के कर्मचारियों को भी आंदोलन में शामिल करने की चेतावनी संघ ने दी है।
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
नेहरू चौक पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्य कर्मचारियो व प्रदर्शनकारियों ने बताया कि, उनकी 24 सूत्रीय मांगे हैं, जिसे लेकर वो हड़ताल पर है। सरकार के वादे और पौने पांच साल बीतने के बाद भी उनकी मांगे पूरी नहीं हुई है। केंद्रीय कर्मचारियों के समान वेतन, साल में 13 महीने का वेतन, चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान, नियमितीकरण और 62 वर्ष की सेवा गारंटी जैसी उनकी प्रमुख मांगें हैं। कर्मचारी संघ का कहना है कि, जल्द मांगों पर विचार न होने पर इमरजेंसी सेवा के कर्मचारियों को भी से आंदोलन में शामिल कर उग्र आंदोलन करेंगे।