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सपनों की उड़ान: कठुआ की बेटी बनी प्रोबेशनरी सब इंस्पेक्टर; सविता की कहानी बनी हर महिला के लिए मिसाल
अमर उजाला, नेटवर्क कठुआ
Published by: निकिता गुप्ता
Updated Fri, 27 Jun 2025 01:05 PM IST
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सार
कठुआ जिले के आतंक प्रभावित बदनोता गांव की सविता ने कठिन परिस्थितियों को पार कर सब-इंस्पेक्टर बन देशसेवा का संकल्प साकार किया। अब वे राजौरी में प्रोबेशनरी अफसर के रूप में न सिर्फ सुरक्षा बल्कि जनसेवा में भी अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।

सब इंस्पेक्टर सविता
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
कठुआ जिले के दूर दराज और आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र बदनोता में जन्मी और पली-बढ़ी सविता ने तमाम बाधाओं को पार करते हुए सब इंस्पेक्टर बन देशसेवा का सपना साकार कर दिखाया है। सविता का गांव वही इलाका है जहां बीते वर्ष आतंकियों ने सेना के काफिले पर हमला कर पांच जवानों को शहीद कर दिया था।
सविता ने बग्गन लोहाई मल्हार में विवाह के बाद भी पढ़ाई जारी रखी और पीएचडी के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटी रहीं। इसी दौरान उन्होंने सब इंस्पेक्टर के पदों की भर्ती के बारे में जानकारी मिलने पर फार्म भरा और देश सेवा का संकल्प लिया। वर्ष 2024 में चयन के बाद उन्होंने पुलिस ट्रेनिंग स्कूल कठुआ में एक वर्ष का कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया।
बकौल सविता उनकी सफलता के पीछे परिवार का अहम योगदान रहा। सविता के पिता अध्यापक हैं, मां गृहिणी हैं, दो भाई भी हैं जबकि पति भी एक शिक्षक हैं। बताया कि परिवार में पहले कोई पुलिस सेवा में नहीं था, फिर भी सभी ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया। वर्तमान में सविता की तैनाती राजौरी में प्रोबेशनरी सब इंस्पेक्टर के रूप में है।
उनकी सोच है कि पुलिस की वर्दी सिर्फ सुरक्षा का प्रतीक नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है। वे न केवल आतंकवाद के खिलाफ सशक्त भूमिका निभाना चाहती हैं, बल्कि महिलाओं को भी प्रेरित करना चाहती हैं कि वे आगे आएं और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।

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सविता ने बग्गन लोहाई मल्हार में विवाह के बाद भी पढ़ाई जारी रखी और पीएचडी के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटी रहीं। इसी दौरान उन्होंने सब इंस्पेक्टर के पदों की भर्ती के बारे में जानकारी मिलने पर फार्म भरा और देश सेवा का संकल्प लिया। वर्ष 2024 में चयन के बाद उन्होंने पुलिस ट्रेनिंग स्कूल कठुआ में एक वर्ष का कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया।
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बकौल सविता उनकी सफलता के पीछे परिवार का अहम योगदान रहा। सविता के पिता अध्यापक हैं, मां गृहिणी हैं, दो भाई भी हैं जबकि पति भी एक शिक्षक हैं। बताया कि परिवार में पहले कोई पुलिस सेवा में नहीं था, फिर भी सभी ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया। वर्तमान में सविता की तैनाती राजौरी में प्रोबेशनरी सब इंस्पेक्टर के रूप में है।
उनकी सोच है कि पुलिस की वर्दी सिर्फ सुरक्षा का प्रतीक नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम है। वे न केवल आतंकवाद के खिलाफ सशक्त भूमिका निभाना चाहती हैं, बल्कि महिलाओं को भी प्रेरित करना चाहती हैं कि वे आगे आएं और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।