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AI समय: पास्ता तैयार करना एक कला, रोबोट पास्ता नहीं बना सकते केवल तरीका बता सकता है
प्रिया कृष्णन
Published by: शुभम कुमार
Updated Sat, 23 Nov 2024 04:32 AM IST
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सार
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रोबोट नहीं बना सकते पास्ता
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अमर उजाला
विस्तार
जब एआई सब कुछ कर सकता है, तो वह खाना क्यों नहीं पका सकता? बस यही पता करने के लिए मैंने एक प्रयोग किया। यह प्रतियोगिता थी इन्सान और चैटजीपीटी के बीच। एक तरफ था दक्ष रसोइया एरिक किम, तो दूसरी तरफ था चैटजीपीटी। एरिक वर्षों से पास्ता तैयार करते आए हैं, और मैं भी उनके हाथ के बनाए पास्ते की दीवानी हूं। मैं यह देखने के लिए उत्साहित थी कि क्या वही स्वाद चैटजीपीटी द्वारा तैयार रेसिपी से मिल सकेगा।चूंकि मैं भारतीय मूल की हूं, मैंने चैटजीपीटी को अपने भारतीय शैली के स्वाद के बारे में बताया। अपने बारे में भी कुछ जानकारियां दीं।
एआई ने ठीक वैसी ही रेसिपी तैयार की, जो बिल्कुल मेरे निर्देशों से मिलती थी। इससे पहले मैंने ओपनएआई के एक वैज्ञानिक मार्क चेन से भी बात की, जिन्होंने मुझे बताया कि चैटजीपीटी-4 हर चीज में माहिर है। उसने इंटरनेट से खुद को काफी समृद्ध कर लिया है। एआई के बारे में कहा जाता रहा है कि उसकी रेसिपी सुनने और देखने में तो अच्छी लगती है, लेकिन असलियत कुछ और होती है। लेकिन मार्क बताते हैं कि चैटजीपीटी ने अब अपनी क्षमताओं में काफी सुधार किया है। मार्क की बात सुनकर मेरी उम्मीदें बढ़ने लगी थीं। मैंने चैटजीपीटी से पास्ता की रेसिपी डाउनलोड की और उसे ध्यान से पढ़ लिया।
एरिक मेरे साथ ही था, जो चैटजीपीटी की विधि से पास्ता तैयार करने में मेरी मदद कर रहा था। चैटजीपीटी के बताए गए चरणों के अनुसार ही हमने मसाले डाले और मसालों को उतनी ही देर तक भूना, जितना एआई ने बताया। कहीं किसी चूक की कोई गुंजाइश ही नहीं थी। चैटजीपीटी के निर्देशों का शब्दश: पालन करने के बावजूद हमने देखा कि चिकन जलने लगा था, लेकिन हमें तीन मिनट तक उसे और भूनना था। पूरी रसोई धुएं से भर गई थी, जिसे देखकर हमें डर लग रहा था कि कहीं पड़ोसी शोर न मचाने लगें। लेकिन क्या करें, तीन मिनट तो इसे झेलना ही था। फिर मैंने रसोई की खिड़कियां खोल दीं।
खैर, किसी तरह से पास्ता तैयार हुआ। देखने में वह वैसा नहीं लग रहा था, जैसी तस्वीरें चैटजीपीटी ने दिखाई थीं। हालांकि स्वाद में वह ठीक-ठाक ही था। अब बारी थी एरिक किम की। उसने ठीक वही सामग्री उपयोग कीं, जो चैटजीपीटी ने बताई थीं। लेकिन उसके पकाने का तरीका कुछ अलग था। एरिक को नए-नए तरह के व्यंजन तैयार करने का शौक है। वह अपने काम से प्यार करता है, जो उसके पास्ता बनाने के अंदाज में दिख भी रहा था। एरिक बताता है कि खाना बनाना एक कला है, जिसमें धैर्य बहुत जरूरी है। लेकिन यह एक विज्ञान भी है, जिसमें मात्राओं व संतुलन का बेहद ध्यान रखा जाना चाहिए। मैंने देखा कि एरिक की विधि में कुछ भी बर्बाद नहीं हो रहा था। कोई धुआं नहीं, न कोई परेशानी।
अब बारी थी प्रतियोगिता के नतीजे की। चैटजीपीटी ने जो बनाया और एरिक ने जो बनाया, उसमें कोई तुलना नहीं हो सकती। एरिक ने जो बनाया, वह ज्यादा संतुलित दिख रहा था। एरिक का यह कहना बिल्कुल ठीक है कि एआई लगातार सीख रहा है और खुद को बेहतर बना रहा है। ठीक उसी तरह जैसे वह कोई डिश बनाकर यू-ट्यूब पर डालता है और फिर दर्शकों की तरफ से जो प्रतिक्रियाएं आती हैं, उससे वह आगे और सुधार करता है। हालांकि मुझे लगता है कि एआई की रेसिपी बुरी नहीं थी, लेकिन उसे एक हल्के से मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत थी। कोई ऐसा, जो सूंघ सके, छू सके। चैटजीपीटी यह नहीं बता सकता कि कब सूंघना है, कब छूकर महसूस करना है।
हाइपरपैरामीटर
एआई और मशीन लर्निंग में हाइपरपैरामीटर की अहम भूमिका है। ये वे पैरामीटर हैं, जिन्हें मशीन लर्निंग मॉडल के प्रशिक्षण से पहले सेट किया जाता है। ये मॉडल के प्रदर्शन पर असर डालते हैं। हाइपरपैरामीटर का उद्देश्य मॉडल की कार्यक्षमता और सामान्यीकरण क्षमता को बेहतर बनाना है। इसका सही चुनाव करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। यदि गलत हाइपरपैरामीटर का चुनाव किया गया, तो परिणाम विपरीत आने की आशंका रहती है।
हैलुसिनेशन
एआई के क्षेत्र में हैलुसिनेशन शब्द का उपयोग तब होता है, जब एआई मॉडल अपने आउटपुट में तथ्यात्मक गलतियां करता है या फिर कोई काल्पनिक जानकारी प्रस्तुत करता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब एआई किसी विशेष प्रश्न का उत्तर देने के लिए जो डाटा या जानकारी उत्पन्न करता है, वह वास्तविकता से मेल नहीं खाती। इसे एआई हैलुसिनेशन कहा जाता है। उदाहरण के लिए एआई के किसी भाषा मॉडल से किसी व्यक्ति के बारे में जानकारी देने के लिए कहा जाए और वह व्यक्ति वास्तविक दुनिया में मौजूद ही न हो, तो मॉडल एक काल्पनिक व्यक्ति के बारे में जानकारी दे सकता है। इसका कारण एआई डाटा के पास महत्वपूर्ण जानकारी का अभाव या कम जानकारी होना है।