जिला गाजियाबाद से 'नो एंट्री': दिल्ली में 1 नवंबर से BS-3 वाहनों का प्रवेश बंद, सात जगहों पर टीम रहेंगी तैनात
Delhi-Ghaziabad GRAP: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश पर गाजियाबाद के बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल व्यावसायिक वाहनों को 1 नवंबर से दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेगी। जबकि बीएस-6, सीएनजी, एलएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों पर कोई पाबंदी नहीं होगी। आरटीओ प्रवर्तन और पुलिस की संयुक्त सात टीमों को बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा।
 
                            विस्तार
दमघोंटू होती जा रही आबोहवा के बीच बीएस-3 (पेट्रोल चलित) के 23,175 व बीएस-4 (डीजल चलित) के 4,482 व्यावसायिक वाहन स्वामियों को यह खबर झटका देने वाली है। दिल्ली में इन वाहनों का प्रवेश रोकने के लिए आरटीओ प्रवर्तन दल और पुलिस की संयुक्त टीमों का गठन किया गया है। एक नवंबर से टीमें तैनात होंगी। पकड़े जाने पर भारी जुर्माना या वाहन को जब्त तक किया जाएगा।
 
यह टीमें दिलशाद गार्डन, भौंपुरा, लोनी बॉर्डर, यूपी गेट, सूर्यनगर, तुलसी निकेतन, सोनिया विहार के अलावा नोएडा से आने वाले वाहनों को रोकने का काम करेंगी। आयोग का नया आदेश जारी होने तक यह सख्ती जारी रहेगी। इन वाहनों को सूचीबद्ध करके उनके स्वामियों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर इसके मैसेज भेजे जा रहे हैं। सोशल मीडिया की भी इसमें मदद ली जा रही है। वाहन स्वामी व चालकों से अपील की जा रही है कि वह प्रतिबंध की स्थिति में नियमों का पालन करें।
इन वाहनों पर पाबंदी नहीं
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                आरटीओ प्रवर्तन सियाराम वर्मा ने बताया कि बीएस-6 इंजन वाले वाहन, सीएनजी चलित वाहन, एलएनजी वाहन, इलेक्ट्रिक वाहनों पर दिल्ली जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। वाहन नंबर डालते ही डिटेल खुलकर सामने होगी और उसी हिसाब से मौके पर ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बीएस-6 से कम होता है प्रदूषण
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                एआरटीओ प्रशासन मनोज कुमार सिंह ने बताया कि बीएस-6 एक कड़ा उत्सर्जन मानक है। यह बीएस-3 व बीएस-4 स्टेज के वाहनों की तुलना में कम प्रदूषण करता है। बीएस-6 वाहनों में कम सल्फर वाला ईंधन इस्तेमाल होता है। इसमें सल्फर की मात्रा 10 पीपीएम होती है जबकि, बीएस-4 स्टेज में 50 पीपीएम मात्रा का सल्फर होता है।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                पकड़ा गया वाहन छूटने में होगी परेशानी
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                बीएस-3 के अधिकांश वाहनों की समय सीमा पूरी हो चुकी है। जबकि, बीएस-4 के वाहन भी मियाद के तहत सड़कों पर चल रहे हैं। मियाद खत्म हुए वाहन यदि सड़क पर अब दौड़ते मिले तो इनको छुड़ाने में परेशानी होगी। एडीसीपी यातायात सच्चिदानंद ने बताया कि एनजीटी के निर्धारित जुर्माने के अलावा कोर्ट के आदेश पर ही वाहन को छुड़ाने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
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