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शहर से ले जाकर हाईवे पर फेंका कूड़ा
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शहर से ले जाकर हाईवे पर फेंका कूड़ा
गाजियाबाद। नगर निगम को कूड़ा डंप करने की जगह नहीं मिली तो अब उनके कर्मियों ने कूड़ा डंप करने का नया ठिकाना दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बना लिया। एक्सप्रेसवे वे की साइड लेन और फुटपाथ पिछले तीन दिनों से कूड़े से अट गए हैं। एनएचएआई की ओर से नगर आयुक्त और अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
एनएचएआई के परियोजना प्रबंधक मुदित गर्ग ने बताया कि 14 लेन के इस एक्सप्रेसवे को बनाने में करीब साढ़े आठ हजार करोड़ की लागत आई है। यूपी गेट से लेकर डासना के बीच एक्सप्रेसवे को बनाने में करीब दो हजार करोड़ खर्च किए गए। लेकिन पिछले कई दिनों से रात में एक्सप्रेस वे पर जगह-जगह कूड़ा डंप किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बम्हेटा के निकट, विजय नगर बाईपास के पास, राहुल विहार के सामने भीमनगर के पास, एबीएस कट के निकट अंडरपास पर कूड़ा डाला जा रहा है। कर्मचारियों को भेजकर सफाई कराई जा रही है।
पूर्व मेयर के घर के पास लगा कूडे़ का ढेर
नगर निगम के पूर्व मेयर डीसी गर्ग के नेहरू नगर थर्ड के ई में आवास के पास ही कूड़े का ढेर लग गया है। वहीं अशोक नगर में नासिरपुर फाटक से पहले कूड़े का ढेर लगा है। कॉलोनी निवासी अजीत निगम ने बताया कि नगर निगम से कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है कूड़े की बदबू से रहना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा नेहरू नगर, संजय नगर, अशोक नगर, पुराना बस अड्डे के पास, पटेल नगर, नंदग्राम, हिंडन विहार समेत शहर की अधिकांश कॉलोनी में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। अधिकारियों और नेताओं की कॉलोनी राजनगर और कविनगर में कूड़े के ढेर नहीं लगने दिए जा रहे हैं।
फॉरेस्ट की जमीन पर डंप किया कचरा
नगर निगम ने अब महामाया स्टेडियम के पीछे उस जमीन पर कचरा डालना शुरू कर दिया है, जिस पर सिटी फॉरेस्ट विकसित किया जाना है। शनिवार को नगर निगम ने इस जमीन पर वाहनों के आवागमन के लिए नाले पर भारी-भरकम स्लैब रखवाए। इसके बाद करीब 50 ट्रक कचरा यहां डंप किया गया। राज्यपाल आनंदी बेन के आवागमन को लेकर नगर निगम शहर की सड़कों के किनारे डंप हुए कचरे को उठा रहा है। इस कचरे को अब ऐसी जगह डाला जा रहा है, जहां से यह लोगों को न दिखे। हालांकि महामाया स्टेडियम के पीछे इस जमीन पर नगर निगम कूड़ा डंप नहीं कर सकता है। सिटी फॉरेस्ट के लिए आरक्षित इस जमीन पर कचरा डालने की वजह से न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा, बल्कि बगल में ही रहने वाले हजारों परिवार के लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं पर्यावरण प्रेमी एनजीटी में इसकी शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।
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गाजियाबाद। नगर निगम को कूड़ा डंप करने की जगह नहीं मिली तो अब उनके कर्मियों ने कूड़ा डंप करने का नया ठिकाना दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे बना लिया। एक्सप्रेसवे वे की साइड लेन और फुटपाथ पिछले तीन दिनों से कूड़े से अट गए हैं। एनएचएआई की ओर से नगर आयुक्त और अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है।
एनएचएआई के परियोजना प्रबंधक मुदित गर्ग ने बताया कि 14 लेन के इस एक्सप्रेसवे को बनाने में करीब साढ़े आठ हजार करोड़ की लागत आई है। यूपी गेट से लेकर डासना के बीच एक्सप्रेसवे को बनाने में करीब दो हजार करोड़ खर्च किए गए। लेकिन पिछले कई दिनों से रात में एक्सप्रेस वे पर जगह-जगह कूड़ा डंप किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बम्हेटा के निकट, विजय नगर बाईपास के पास, राहुल विहार के सामने भीमनगर के पास, एबीएस कट के निकट अंडरपास पर कूड़ा डाला जा रहा है। कर्मचारियों को भेजकर सफाई कराई जा रही है।
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पूर्व मेयर के घर के पास लगा कूडे़ का ढेर
नगर निगम के पूर्व मेयर डीसी गर्ग के नेहरू नगर थर्ड के ई में आवास के पास ही कूड़े का ढेर लग गया है। वहीं अशोक नगर में नासिरपुर फाटक से पहले कूड़े का ढेर लगा है। कॉलोनी निवासी अजीत निगम ने बताया कि नगर निगम से कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है कूड़े की बदबू से रहना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा नेहरू नगर, संजय नगर, अशोक नगर, पुराना बस अड्डे के पास, पटेल नगर, नंदग्राम, हिंडन विहार समेत शहर की अधिकांश कॉलोनी में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। अधिकारियों और नेताओं की कॉलोनी राजनगर और कविनगर में कूड़े के ढेर नहीं लगने दिए जा रहे हैं।
फॉरेस्ट की जमीन पर डंप किया कचरा
नगर निगम ने अब महामाया स्टेडियम के पीछे उस जमीन पर कचरा डालना शुरू कर दिया है, जिस पर सिटी फॉरेस्ट विकसित किया जाना है। शनिवार को नगर निगम ने इस जमीन पर वाहनों के आवागमन के लिए नाले पर भारी-भरकम स्लैब रखवाए। इसके बाद करीब 50 ट्रक कचरा यहां डंप किया गया। राज्यपाल आनंदी बेन के आवागमन को लेकर नगर निगम शहर की सड़कों के किनारे डंप हुए कचरे को उठा रहा है। इस कचरे को अब ऐसी जगह डाला जा रहा है, जहां से यह लोगों को न दिखे। हालांकि महामाया स्टेडियम के पीछे इस जमीन पर नगर निगम कूड़ा डंप नहीं कर सकता है। सिटी फॉरेस्ट के लिए आरक्षित इस जमीन पर कचरा डालने की वजह से न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा, बल्कि बगल में ही रहने वाले हजारों परिवार के लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं पर्यावरण प्रेमी एनजीटी में इसकी शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।