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Noida News: अपहरण और दुष्कर्म के गुनाह का हिसाब... 10 साल का कारावास
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- नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में दोषी को 10 साल की सजा
(अदालत से)
- पॉक्सो अदालत ने 70 हजार रुपये जुर्माना लगाया, नहीं भरने पर काटनी होगी सात माह की अतिरिक्त सजा
माई सिटी रिपोर्टर
ग्रेटर नोएडा। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) विकास नागर की अदालत ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी सहरसा बिहार निवासी फारुख को दोषी करार देते हुए सोमवार को 10 साल की सजा सुनाई है। दोषी पर 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना जमा नहीं करने पर सात माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
मामला सेक्टर-20 कोतवाली नोएडा से संबंधित है। पीड़िता के पिता ने अपनी तहरीर में बताया था कि उनकी 16 वर्षीय पुत्री कक्षा 10वीं की छात्रा थी। 29 फरवरी 2016 को तड़के उसका अपहरण कर लिया गया था। उनके घर से लगभग एक लाख रुपये के आभूषण और 50 हजार रुपये नकद भी चुरा लिए थे। यह रुपये पुत्री की शादी के लिए जमा किए थे। मामले में पीड़िता की चिकित्सीय जांच 16 मार्च 2016 को जिला अस्पताल में कराई गई। पीड़िता का आयु प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से 19 मार्च 2016 को जारी किया गया था। जिसमें उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक और 22 वर्ष से कम दर्शाई गई थी।
अदालत ने फारुख के खिलाफ आरोपों का संज्ञान लिया। 8 अगस्त 2016 को आरोप तय किए गए। फारुख ने दोषी न होने का दावा कर मुकदमे की मांग की। अभियोजन पक्ष ने कुल छह गवाह पेश किए। अदालत ने फारुख को पॉक्सो एक्ट की धारा-4 के तहत दोषी करार दिया था। अदालत ने सजा सुनते हुए कहा फारुख ने नाबालिग अपहरण कर जबरन शादी करने के लिए मजबूर कर उसे अलग-अलग जगहों पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। अदालत ने पॉक्सो एक्ट की धारा-4 के तहत 10 वर्ष की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया। वहीं आईपीसी की धारा-366 के तहत के 2 वर्ष की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया। अदालत ने आदेश दिया कि दोनों अपराध एक ही क्रम में किए गए हैं, इसलिए दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। मुकदमे के दौरान जेल में बिताया गया समय मूल सजा में समायोजित किया जाएगा।
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- पॉक्सो अदालत ने 70 हजार रुपये जुर्माना लगाया, नहीं भरने पर काटनी होगी सात माह की अतिरिक्त सजा
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ग्रेटर नोएडा। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) विकास नागर की अदालत ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के दोषी सहरसा बिहार निवासी फारुख को दोषी करार देते हुए सोमवार को 10 साल की सजा सुनाई है। दोषी पर 70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना जमा नहीं करने पर सात माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
मामला सेक्टर-20 कोतवाली नोएडा से संबंधित है। पीड़िता के पिता ने अपनी तहरीर में बताया था कि उनकी 16 वर्षीय पुत्री कक्षा 10वीं की छात्रा थी। 29 फरवरी 2016 को तड़के उसका अपहरण कर लिया गया था। उनके घर से लगभग एक लाख रुपये के आभूषण और 50 हजार रुपये नकद भी चुरा लिए थे। यह रुपये पुत्री की शादी के लिए जमा किए थे। मामले में पीड़िता की चिकित्सीय जांच 16 मार्च 2016 को जिला अस्पताल में कराई गई। पीड़िता का आयु प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से 19 मार्च 2016 को जारी किया गया था। जिसमें उसकी आयु 18 वर्ष से अधिक और 22 वर्ष से कम दर्शाई गई थी।
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अदालत ने फारुख के खिलाफ आरोपों का संज्ञान लिया। 8 अगस्त 2016 को आरोप तय किए गए। फारुख ने दोषी न होने का दावा कर मुकदमे की मांग की। अभियोजन पक्ष ने कुल छह गवाह पेश किए। अदालत ने फारुख को पॉक्सो एक्ट की धारा-4 के तहत दोषी करार दिया था। अदालत ने सजा सुनते हुए कहा फारुख ने नाबालिग अपहरण कर जबरन शादी करने के लिए मजबूर कर उसे अलग-अलग जगहों पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। अदालत ने पॉक्सो एक्ट की धारा-4 के तहत 10 वर्ष की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया। वहीं आईपीसी की धारा-366 के तहत के 2 वर्ष की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया। अदालत ने आदेश दिया कि दोनों अपराध एक ही क्रम में किए गए हैं, इसलिए दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। मुकदमे के दौरान जेल में बिताया गया समय मूल सजा में समायोजित किया जाएगा।