फिरौती, अपहरण और...: 45 लोगों की टीम, एक कॉल का इंतजार; गाजियाबाद के व्यापारी का बेटा पांच दिन बाद ऐसे छुड़ाया
गाजियाबाद के पत्थर व्यापारी मनीष गुप्ता के बेटे शशांक का 9 सितंबर को अपहरण कर चार करोड़ की फिरौती मांगी गई। रविवार को जेवर में पुलिस मुठभेड़ में दो अपहरणकर्ता घायल होकर गिरफ्तार हुए, जबकि तीन अन्य को कॉम्बिंग से पकड़ा गया। अपराधियों से XUV कार, दो तमंचे व कारतूस बरामद हुए।


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गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने पत्थर व्यापारी मनीष के बेटे शशांक को गाजियाबाद के फ्लैट से सकुशल मुक्त करा लिया है। वहीं जेवर में हुई पुलिस मुठभेड़ के दौरान अपहरण में शामिल दो बदमाशों के पैर में गोली लगने के बाद गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों से हथियार और कार बरामद की है। इसके अलावा तीन अन्य अपहरणकर्ताओं को कांबिंग के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। अपह्रताओं ने शशांक को छोड़ने के लिए चार करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की थी।
रविवार को मुठभेड़ में पुलिस की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में फर्रुखाबाद निवासी मोहित गुप्ता और कन्नौज निवासी आलोक यादव गोली लगने से घायल हुए हैं। वहीं, अन्य तीन आरोपी बिसरख निवासी निमय शर्मा, कन्नौज निवासी श्यामसुंदर और फर्रुखाबाद निवासी सुमित कुमार को कॉम्बिंग के दौरान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बदमाशों से वारदात में प्रयुक्त एक्सयूवी 300, दो तमंचे 315 बोर और 4 कारतूस बरामद किए हैं।
गाजियाबाद के नेहरू नगर निवासी पत्थर कारोबारी मनीष गुप्ता के पुत्र शशांक गुप्ता 9 सितंबर को संदिग्ध अवस्था में लापता हो गए थे। उसकी बलेनो कार दनकौर में यमुना एक्सप्रेसवे पर मिली थी। कार में लगे जीपीएस से ट्रैक करते हुए परिजन कार तक पहुंचे और घटना की सूचना पुलिस को दी थी। कमिश्नरेट पुलिस की ओर से स्वाट टीम, दनकौर कोतवाली, जेवर कोतवाली, ईकोटेक थाना समेत अन्य टीमों को लगाया गया था।
रविवार को पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की घेराबंदी कर गाजियाबाद से अपह्रत युवक को सुरक्षित छुड़ा लिया। पुलिस की टीम की जेवर क्षेत्र में बदमाशों से मुठभेड़ हुई है। पुलिस अपहरणकर्ताओं से जुड़े अन्य पहलुओं की जांच कर रही है। शंशाक गुप्ता को सकुशल बरामद कर लिया गया है। कार्रवाई में दो आरोपियों के पैर में गोली लगी है। कार्रवाई में कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। - सादमियां खान, डीसीपी, ग्रेटर नोएडा
हिरासत में लिए बदमाश से शशांक तक पहुंची पुलिस
शशांक की तलाश में जुटी पुलिस ने घटना से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लिया हुआ था और बदमाशों की कॉल इंतजार कर रही थी। शुक्रवार देर रात हिरासत में लिए गए बदमाश के पास अगवा करने वाले आरोपी की कॉल आई। उसने जगह बदलने के लिए के लिए कहा। पुलिस टीम सक्रिय हुई और पुलिस की 45 लोगों की टीम निजी वाहनों से लोकेशन पर पहुंच गई। बदमाश जगह बदलने के लिए शशांक को लेकर निकल ही रहे थे, तभी पुलिस ने घेराबंदी कर बदमाशों की कार को आगे पीछे से टक्कर मारकर रोक लिया।
शशांक परिवार का इकलौता बेटा है। पिता के साथ कारोबार भी देखता है। परिजन उसका अधिक ध्यान रखते थे और अकेला नहीं जाने देते थे। शशांक की कार में जीपीएस कार लाकिंग सिस्टम लगा था कि उसे इंटरनेट के जरिए कहीं भी रोक दिया जाए। इस बात की जानकारी शशांक को भी नहीं थी। उस दिन जब शशांक देर तक नहीं लौटा तो परिजन को चिंता हुई और कार यमुना एक्सप्रेसवे की ओर जाती देख जीपीएस से कार को बंद कर दिया था।
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