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Noida News: कहीं टिनशेड तो कहीं गुमटी में चल रहे पैथाेलॉजी केंद्र
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सोनभद्र। जिले में अस्पतालों की तरह ही अवैध रूप से पैथोलॉजी केंद्रों का भी संचालन हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में सिर्फ 38 पैथालॉजी केंद्र जिले में पंजीकृत हैं, जबकि 100 से ज्यादा केंद्र चल रहे हैं। कहीं गुमटी में पैथोलॉजी केंद्र चल रहे हैं तो कहीं टिनशेड में मरीजों की जांच की जा रही है।
बीमारियों के सटीक उपचार में लैब की रिपोर्ट बेहद कारगर होती है। खून के माध्यम से होने वाली कई तरह की जांच मरीज में बीमारी की गंभीरता से अवगत कराती है।
अमूमन जिले के सभी प्रमुख बाजारों, कस्बों में सरकारी व निजी अस्पतालों के आसपास बड़ी संख्या में पैथोलॉजी खुले हुए हैं। इन केंद्रों पर सटीक रिपोर्ट का दावा भी किया जाता है। सैंपल लेकर मरीजों से जांच के नाम पर मोटी फीस ली जाती है, लेकिन रिपोर्ट की विश्वसनीयता का कोई ठिकाना नहीं रहता।
पिछले साल अनपरा, रेणुकूट क्षेत्र में डेंगू, मलेरिया की रिपोर्ट को लेकर काफी विवाद मचा था। रॉबर्ट्सगंज मुख्यालय पर ही महिला में प्लेटलेट्स की अलग-अलग रिपोर्ट ने मरीज और परिजनों की चिंता बढ़ा दी थी।
लैब रिपोर्ट में गड़बड़ियों की शिकायत विभागीय अफसरों तक भी पहुंची, लेकिन कार्रवाई की बजाय मामला जांच तक ही सिमट कर रह गया।

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अमूमन जिले के सभी प्रमुख बाजारों, कस्बों में सरकारी व निजी अस्पतालों के आसपास बड़ी संख्या में पैथोलॉजी खुले हुए हैं। इन केंद्रों पर सटीक रिपोर्ट का दावा भी किया जाता है। सैंपल लेकर मरीजों से जांच के नाम पर मोटी फीस ली जाती है, लेकिन रिपोर्ट की विश्वसनीयता का कोई ठिकाना नहीं रहता।
पिछले साल अनपरा, रेणुकूट क्षेत्र में डेंगू, मलेरिया की रिपोर्ट को लेकर काफी विवाद मचा था। रॉबर्ट्सगंज मुख्यालय पर ही महिला में प्लेटलेट्स की अलग-अलग रिपोर्ट ने मरीज और परिजनों की चिंता बढ़ा दी थी।
लैब रिपोर्ट में गड़बड़ियों की शिकायत विभागीय अफसरों तक भी पहुंची, लेकिन कार्रवाई की बजाय मामला जांच तक ही सिमट कर रह गया।