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Noida News: राजधानी का पहला गोबर आधारित बायोगैस संयंत्र आज होगा शुरू
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एमसीडी ने नंगली डेयरी कालोनी में किया गया तैयार, सीएम करेंगी उद्घाटन
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200 मीट्रिक टन गोबर से बायोगैस बनेगी
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। राजधानी में अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नई पहल शुरू होने जा रही है। नजफगढ़ रोड स्थित नंगली डेयरी कॉलोनी में तैयार किया गया दिल्ली का पहला गोबर आधारित बायोगैस संयंत्र तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शनिवार को इसका शुभारंभ करेंगी।
नंगली और उसके पास ककरोला डेयरी कालोनी में लगभग 20,000 से अधिक मवेशी हैं जिनसे प्रतिदिन करीब 200 मीट्रिक टन गोबर व अपशिष्ट उत्पन्न होता है। लंबे समय से यह गोबर सड़कों, नालों और आसपास के क्षेत्रों में गंदगी फैलाने व बदबू का कारण बन रहा था। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए एमसीडी ने 2018 में बायोगैस संयंत्र की योजना बनाई थी। इसके लिए 17 दिसंबर 2018 को परियोजना का कार्य मेसर्स सीईआईडी कंसल्टेंट एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण मॉडल पर सौंपा गया।
परियोजना को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की शहरी विकास निधि से आंशिक वित्तपोषण प्राप्त हुआ है। संयंत्र के लिए नंगली डेयरी कॉलोनी में 2.72 एकड़ भूमि आवंटित की गई। इस पर लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत आई। यह बायोगैस संयंत्र प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले 200 मीट्रिक टन गोबर से बायोगैस तैयार करेगा जिसे ऊर्जा उत्पादन में इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे न केवल डेयरी कॉलोनी में साफ-सफाई की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा। परियोजना से आसपास के इलाकों में बदबू और प्रदूषण में कमी आने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
बड़ी डेयरियों में भी संयंत्र स्थापित किए जाएंगे
यह दिल्ली का पहला गोबर बायोगैस प्लांट है जिसे एक मॉडल परियोजना के रूप में देखा जा रहा है। स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि यह प्रयोग सफल होने पर अन्य बड़ी डेयरियों में भी इसी तरह के संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इससे एक ओर अपशिष्ट निपटान का स्थायी समाधान मिलेगा तो दूसरी ओर हरित ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
निमंत्रण पत्र में प्रोटोकॉल उल्लंघन किया
नंगली डेयरी कॉलोनी में तैयार दिल्ली के पहले गोबर बायोगैस संयंत्र के उद्घाटन के संबंध में एमसीडी की ओर छपाए गए निमंत्रण पत्र ने विवाद खड़ा कर दिया है। अधिकारियों ने प्रोटोकॉल की गंभीर अनदेखी की है। पत्र में डिप्टी मेयर, स्थायी समिति की अध्यक्ष और नेता सदन के नाम ऊपर-नीचे लिखे गए हैं। इसके अलावा उनसे ऊपर विधायक और आयुक्त का नाम छापा गया है। इस पर कई पार्षदों और पदाधिकारियों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह परंपरा के खिलाफ है। पदाधिकारियों को दरकिनार कर अधिकारियों और विधायकों को तरजीह देना निंदनीय है। इस मामले में एमसीडी के पदाधिकारियों ने अधिकारियों से जवाब मांगने की तैयारी शुरू कर दी है।

200 मीट्रिक टन गोबर से बायोगैस बनेगी
अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली। राजधानी में अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नई पहल शुरू होने जा रही है। नजफगढ़ रोड स्थित नंगली डेयरी कॉलोनी में तैयार किया गया दिल्ली का पहला गोबर आधारित बायोगैस संयंत्र तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शनिवार को इसका शुभारंभ करेंगी।
नंगली और उसके पास ककरोला डेयरी कालोनी में लगभग 20,000 से अधिक मवेशी हैं जिनसे प्रतिदिन करीब 200 मीट्रिक टन गोबर व अपशिष्ट उत्पन्न होता है। लंबे समय से यह गोबर सड़कों, नालों और आसपास के क्षेत्रों में गंदगी फैलाने व बदबू का कारण बन रहा था। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए एमसीडी ने 2018 में बायोगैस संयंत्र की योजना बनाई थी। इसके लिए 17 दिसंबर 2018 को परियोजना का कार्य मेसर्स सीईआईडी कंसल्टेंट एंड इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण मॉडल पर सौंपा गया।
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परियोजना को आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की शहरी विकास निधि से आंशिक वित्तपोषण प्राप्त हुआ है। संयंत्र के लिए नंगली डेयरी कॉलोनी में 2.72 एकड़ भूमि आवंटित की गई। इस पर लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत आई। यह बायोगैस संयंत्र प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले 200 मीट्रिक टन गोबर से बायोगैस तैयार करेगा जिसे ऊर्जा उत्पादन में इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे न केवल डेयरी कॉलोनी में साफ-सफाई की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा। परियोजना से आसपास के इलाकों में बदबू और प्रदूषण में कमी आने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
बड़ी डेयरियों में भी संयंत्र स्थापित किए जाएंगे
यह दिल्ली का पहला गोबर बायोगैस प्लांट है जिसे एक मॉडल परियोजना के रूप में देखा जा रहा है। स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि यह प्रयोग सफल होने पर अन्य बड़ी डेयरियों में भी इसी तरह के संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इससे एक ओर अपशिष्ट निपटान का स्थायी समाधान मिलेगा तो दूसरी ओर हरित ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।
निमंत्रण पत्र में प्रोटोकॉल उल्लंघन किया
नंगली डेयरी कॉलोनी में तैयार दिल्ली के पहले गोबर बायोगैस संयंत्र के उद्घाटन के संबंध में एमसीडी की ओर छपाए गए निमंत्रण पत्र ने विवाद खड़ा कर दिया है। अधिकारियों ने प्रोटोकॉल की गंभीर अनदेखी की है। पत्र में डिप्टी मेयर, स्थायी समिति की अध्यक्ष और नेता सदन के नाम ऊपर-नीचे लिखे गए हैं। इसके अलावा उनसे ऊपर विधायक और आयुक्त का नाम छापा गया है। इस पर कई पार्षदों और पदाधिकारियों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यह परंपरा के खिलाफ है। पदाधिकारियों को दरकिनार कर अधिकारियों और विधायकों को तरजीह देना निंदनीय है। इस मामले में एमसीडी के पदाधिकारियों ने अधिकारियों से जवाब मांगने की तैयारी शुरू कर दी है।