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Delhi News: दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए होगी वैज्ञानिक तकनीक से बारिश

Noida Bureau नोएडा ब्यूरो
Updated Wed, 07 May 2025 09:39 PM IST
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Scientific technology will help in raining to tackle air pollution in Delhi
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दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए होगी वैज्ञानिक तकनीक से बारिश
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-दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली एनसीआर में पांच क्लाउड-सीडिंग ट्रायल्स के लिए 3.21 करोड़ के प्रोजेक्ट को दी मंजूरी

-इस प्रोजेक्ट को आईआईटी कानपुर के दिशा निर्देश पर संचालित किया जाएगा

अमर उजाला ब्यूरो
नई दिल्ली।
वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली में अब वैज्ञानिक तकनीक से बारिश कराई जाएगी। बुधवार को दिल्ली कैबिनेट ने इसपर बड़ा फैसला लिया है। सीएम रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली-एनसीआर के लिए ‘क्लाउड-सीडिंग ट्रायल और मूल्यांकन’ प्रस्ताव के लिए मंजूरी दी है। इस परियोजना के जरिए राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण और कम बारिश से प्रभावी ढंग से निपटना आसान होगा।



इस प्रोजेक्ट को आईआईटी कानपुर के दिशा निर्देश पर चलाया जाएगा, जो पूरे प्रोजेक्ट की योजना, एयरक्राफ्ट की तैनाती, केमिकल के छिड़काव, वैज्ञानिक मॉडलिंग और ट्रायल्स की निगरानी करेंगे। दिल्ली सरकार इस ट्रायल के लिए आईआईटी कानपुर को फंड जारी करेगी। हरएक क्लाउड-सीडिंग ट्रायल की लागत करीब 55 लाख होगी। पांच ट्रायल्स के लिए कुल अनुमानित खर्च 2.75 करोड़ है। इसके अलावा, एक बार में एयरक्राफ्ट की कैलिब्रेशन, केमिकल स्टोरेज और लॉजिस्टिक के लिए 66 लाख खर्च होगा। इस तरह प्रोजेक्ट की कुल लागत 3.21 करोड़ होगी।
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पहला ट्रायल इस महीने के आखिर तक
दिल्ली के बाहरी इलाकों में क्लाउड सीडिंग का पहला ट्रायल इसी महीने के अंत तक होगा। करीब 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में ट्रायल कराने की तैयारी है। इस चरण में कुल पांच ट्रायल प्रस्तावित हैं। ट्रायल के बाद वैज्ञानिक आधार पर इसका मूल्यांकन किया जाएगा कि क्लाउड-सीडिंग वायु गुणवत्ता और वर्षा पर कितना प्रभाव डालती है।

इसके लिए 13 विभागों से लेनी होगी एनओसी
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि यह प्रस्ताव सीएम रेखा गुप्ता की अध्यक्षता वाली कैबिनेट में पास हो चुका है। हम जल्द से जल्द ट्रायल शुरू करना चाहते हैं। लेकिन प्रोजेक्ट के संचालन से पहले सरकार को 13 अहम विभागों और एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने होंगे। इनमें नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और अन्य विभाग शामिल हैं।
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