Food Poisoning: निजी कॉलेज में फूड पॉयजनिंग मामले पर प्रशासन सक्रिय, समिति करेगी जांच और देगी विस्तृत रिपोर्ट
Guntur District: निजी कॉलेज में भोजन विषाक्तता की शिकायत के बाद गुंटूर जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। अधिकारियों ने बताया कि समिति इस मामले की विस्तृत जांच करेगी।
विस्तार
Private College: गुंटूर जिले के एक निजी कॉलेज में भोजन विषाक्तता की घटना के बाद जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
जिला कलेक्टर ए थमीम अंसारिया ने घटना की जांच करने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति गठित करने के आदेश जारी किए।
तेनाली की उपजिलाधिकारी वी संजना सिम्हा ने पीटीआई-भाषा को बताया, "गुंटूर जिले के एक निजी कॉलेज में भोजन विषाक्तता की घटना के बाद जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। हम जांच कर रहे हैं और हमने परिसर में मेस सुविधाओं का भी निरीक्षण किया है, जहां लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग भोजन की व्यवस्था है।"
FSSAI मानकों के तहत जांच जारी
सिम्हा ने बताया कि अधिकारियों ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के मानदंडों के अनुपालन की जांच की, जिसमें किराने का सामान रखने की व्यवस्था, खाना पकाने की प्रक्रिया, स्वच्छता मानक और पीने व सफाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता शामिल है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने भोजन और पानी के नमूने एकत्र किए। उन्होंने बताया कि संस्थान अपना आधा पानी राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (CRDA) से और बाकी निजी टैंकरों से प्राप्त करता है।
उप-कलेक्टर ने बताया कि संस्थान में जल निस्पंदन प्रणाली होने के बावजूद, नमूने प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं और रिपोर्ट शुक्रवार या शनिवार तक आने की उम्मीद है।
लगभग 50 छात्रों में फूड पॉयजनिंग के लक्षण
सिम्हा के अनुसार, परिसर में प्रतिदिन लगभग 6,000 छात्र भोजन करते हैं, जिनमें से करीब 50 छात्र 29 अक्तूबर से लगातार फूड पॉयजनिंग के लक्षण दिखा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि संस्थान के प्रबंधन ने अधिकारियों को सूचित किया कि केवल कुछ ही छात्रों में लक्षण दिखाई दिए हैं, लेकिन जिला प्रशासन इससे सहमत नहीं था और उसने विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा।
सिम्हा ने बताया कि कुछ छात्रों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि अन्य का परिसर में ही इलाज किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि फूड पॉयजनिंग का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।
संस्थान ने अब बंद की चिकन और अंडे की खरीद
जिला प्रशासन ने परिसर में स्वच्छता और उचित खाद्य भंडारण व्यवस्था बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
छात्रों ने कथित तौर पर अधिकारियों को बताया कि पहले भी इसी तरह की समस्याएं हुई थीं और कॉलेज में भोजन की गुणवत्ता को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए थे।
सिम्हा ने आगे कहा, "पिछले दो दिनों से, संस्थान ने आगे की समस्याओं से बचने के लिए अपने नियमित विक्रेता से चिकन और अंडे खरीदना बंद कर दिया है।"