NCERT: साइकिल से रॉकेट और चंद्रयान तक दिखा सफर, भारत की अंतरिक्ष यात्रा पर एनसीईआरटी ने पेश किए विशेष मॉड्यूल
NCERT: एनसीईआरटी ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा को लेकर दो विशेष शैक्षणिक मॉड्यूल जारी किए हैं। ये मॉड्यूल 1960 के दशक में साइकिल और बैलगाड़ी पर रॉकेट ले जाने से लेकर चंद्रयान और गगनयान जैसे महत्वपूर्ण मिशनों तक भारत की उपलब्धियों को दर्शाते हैं।
विस्तार
मॉड्यूल में दर्ज भारत की अंतरिक्ष यात्रा की कहानी
दो मॉड्यूल, 'India: A Rising Space Power' शीर्षक के तहत, इस बात को उजागर करते हैं कि 1962 में विक्रम साराभाई के नेतृत्व में स्थापित इंडियन नेशनल कमिटी फॉर स्पेस रिसर्च (INCOSPAR) कैसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में विकसित हुई और भारत को विश्व स्तर पर अग्रणी अंतरिक्ष राष्ट्रों में शामिल किया।मॉड्यूल में बताया गया है कि भारत का पहला रॉकेट इतना छोटा और हल्का था कि इसके पुर्जों को साइकिल और बैलगाड़ी पर ले जाया जाता था। मोटर चालित वाहन जैसे कार और ट्रक विद्युत और चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करते हैं, जो रॉकेट के संवेदनशील उपकरणों के लिए हानिकारक हो सकते थे। इसलिए, साधारण परिवहन का उपयोग करके सभी उपकरण सुरक्षित रखे गए।
मॉड्यूलों में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भी सम्मानित किया गया है। इसमें स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा का जिक्र है, जो 1984 में सोवियत मिशन पर अंतरिक्ष में गए पहले भारतीय बने। वहीं जून 2025 में ग्रुप कैप्टन शुभांषु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहने वाले पहले भारतीय बने।
पीएम मोदी का उद्धरण भी शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्धरण भी मॉड्यूल में शामिल है: "अंतरिक्ष भले ही दूर लगे, लेकिन यह हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यह हमारे आधुनिक संचार का आधार है और दूरदराज परिवारों को भी जोड़ता है। भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम हमारे स्केल, स्पीड और स्किल के दृष्टिकोण का उत्तम उदाहरण है।"
मॉड्यूल में चंद्रयान-1 (2008) से पानी के अणुओं की खोज, मंगलयान (2013) से भारत को पहला एशियाई देश बनने की उपलब्धि, चंद्रयान-2 (2019) का लगातार चंद्र डेटा प्रदान करना और आदित्य-L1 (2023) के माध्यम से सूर्य के बाहरी वायुमंडल और सौर तूफानों का अध्ययन करने की जानकारी शामिल है।
इसके अलावा, आने वाले NASA-ISRO NISAR सैटेलाइट के बारे में भी मॉड्यूल में जानकारी दी गई है, जो पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र, बर्फ की ढकान और प्राकृतिक आपदाओं पर उच्च-रिज़ॉल्यूशन डेटा प्रदान करेगा। इस प्रकार, NCERT के ये मॉड्यूल छात्रों और युवाओं के लिए भारत की अंतरिक्ष यात्रा और विज्ञान में अग्रणी उपलब्धियों की प्रेरणादायक कहानी प्रस्तुत करते हैं।