NCERT: 'अंतरिक्ष से पृथ्वी पर कोई सीमा नहीं दिखती...', नई पाठ्यपुस्तक में शुभांशु शुक्ला को भी पढ़ेंगे छात्र
NCERT: एनसीईआरटी की नई कक्षा 5 की पर्यावरण अध्ययन की किताब ‘आवर वन्ड्रस वर्ल्ड’ में स्पेस विजिटर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को शामिल किया गया है। उनकी बातों से बच्चों को वैश्विक नागरिकता और एकता का संदेश मिलेगा।
विस्तार
NCERT Textbook: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब कक्षा 5 की एनसीईआरटी की पर्यावरण अध्ययन की नई किताब "आवर वन्ड्रस वर्ल्ड" में बच्चों को प्रेरित करेंगे। किताब के अध्याय ‘पृथ्वी: हमारा साझा घर’ में शुक्ला की 18 दिन की ऐक्सिओम4 अंतरिक्ष यात्रा से एक प्रेरणादायक अंश शामिल किया गया है।
इस हिस्से में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई बातचीत के दौरान साझा किया, “जब मैंने पृथ्वी को अंतरिक्ष से देखा, तो पहला विचार यही आया कि पृथ्वी एकदम एक जैसी दिखती है। कोई सीमा नजर नहीं आती - न कोई देश, न राज्य। ऐसा लगता है जैसे हम सभी एक मानवता का हिस्सा हैं और पृथ्वी हमारा साझा घर है।”
शिक्षा का नया तरीका: ‘द वर्ल्ड अराउंड अस’ सीरीज़
आवर वन्ड्रस वर्ल्ड एनसीईआरटी की नई श्रृंखला ‘द वर्ल्ड अराउंड अस’ का हिस्सा है, जो नई शिक्षा नीति (NEP 2020) की समग्र सोच को दर्शाती है। यह किताब विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन को एक साथ जोड़कर बच्चों में नैतिक सोच, पर्यावरणीय जागरूकता और अनुभवजन्य शिक्षा को बढ़ावा देती है।
अनुभवात्मक और व्यवहारिक शिक्षा
किताब में डिजिटल पते की नई प्रणाली DIGIPIN (10-अंकीय कोड) के बारे में जानकारी दी गई है, जिससे बच्चे लोकेशन और नक्शे से जुड़ सकें। इसके अलावा इसमें बाढ़ से बचाव, स्वास्थ्य और स्वच्छता, भोजन संरक्षण के तरीके और सूक्ष्मजीवों की जानकारी जैसे जीवन उपयोगी कौशल भी शामिल हैं।
संस्कृति और विविधता का जश्न
यह किताब न सिर्फ विज्ञान बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता को भी उजागर करती है। इसमें माजुली द्वीप, सुंदरबन, हिवरे बाजार जैसे विशेष स्थानों, नृत्य रूपों, राष्ट्रीय नायकों और संवेदनशील पर्यावरण स्थलों पर आधारित रोचक अध्याय दिए गए हैं। बच्चों को नेचर वॉक, मॉडल बनाना, जर्नल लेखन और साक्षात्कार जैसी गतिविधियों के जरिए खुद से सीखने की प्रेरणा दी जाती है।
एकता और जिज्ञासा को बढ़ावा
शुभांशु शुक्ला का संदेश इस बात की मिसाल है कि नई पीढ़ी को सीमाओं से परे सोचने की जरूरत है। भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों के बीच, यह किताब बच्चों में वैज्ञानिक सोच, राष्ट्र गौरव और वैश्विक दृष्टिकोण को एक साथ जोड़ने का प्रयास करती है।
यह पाठ्यपुस्तक शुरुआती शिक्षा में ही यह समझ देने की कोशिश करती है कि यह पृथ्वी बिना किसी भेदभाव या सीमा के हम सभी का साझा घर है।