Parag Agrawal: पांच साल में छोड़ीं चार नौकरियां, रेज्यूमे में एक साल तक का गैप, एच आर को किन बातों का रखना चाहिए ध्यान
ट्विटर के नए सीईओ पराग अग्रवाल का जीवन परिचय यानि रेज्यूमे बहुत दिलचस्प है। कोई सामान्य एच आर का व्यक्ति शायद उनको इसी आधार पर खारिज कर देता कि उन्होंने कई नौकरियां बदलीं और बीच में लंबा गैप भी किया। 2011 में ट्विटर जॉइन करने से पहले पराग अग्रवाल माइक्रोसॉफ्ट, याहू, एटी एंड टी लैब्स जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं। पराग के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक उन्होंने 2006 से लेकर 2011 तक यानी 5 सालों में तकरीबन चार-चार महीने में पांच कम्पनियां बदलीं।

विस्तार
सीवी या रेज्यूमे वह दस्तावेज होता है, जो रिक्रूटर्स और हायरिंग मैनेजर के सामने आपकी छवि निर्मित करता है। हमारे करियर में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब हम अपने रेज्यूमे को बेहतर बनाने के लिए अच्छी ऑपरच्यूनिटी को छोड़ देते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि हम अपने रेज्यूमे में स्टेबिलिटी दर्शाने के लिए नौकरी बदलने के लिए एक साल तक का इंतजार करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 4-4 महीनों में नौकरियां बदलीं और आज मल्टीनेशनल कंपनी के सीईओ बन गए हैं। जी हां हम पराग अग्रवाल की बात कर रहे हैं।

चार महीनों के बाद छोड़ी पांच कम्पनियां
2011 में ट्विटर जॉइन करने से पहले पराग अग्रवाल माइक्रोसॉफ्ट, याहू, एटी एंड टी लैब्स जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं। पराग के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक उन्होंने 2006 से लेकर 2011 तक यानी 5 सालों में पांच कम्पनियां बदलीं। हर कम्पनी में पराग ने तकरीबन चार महीनों का ही वक्त गुजारा। यहां देखिए उनके पांच साल का सफर -
- 2006 : माइक्रोसॉफ्ट के रिसर्च डिपार्टमेंट में काम करना शुरू किया। लेकिन चार महीनों के अंदर ही उन्होंने कंपनी छोड़ दी।
- 2007 : नौ महीनों के लंबे गैप के बाद यानी जून 2007 में उन्होंने याहू जॉइन की। एक साल चार महीने काम करने के बाद उन्होंने इस कंपनी से भी रिजाइन कर दिया।
- 2009 : आठ महीने के इंतजार के बाद जून 2009 में पराग वापस माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पाेरेशन के साथ जुड़े। लेकिन यहां भी चार महीने काम करने के बाद उन्होंने रिजाइन कर दिया।
- 2010 : आठ महीने के बाद एटी एंड टी लैब में जून 2010 से काम करना शुरू किया, लेकिन चार महीने बाद कम्पनी छोड़ दी।
- 2011 : आखिरकार अक्तूबर 2011 यानी 13 महीनों बाद पराग ने ट्विटर जॉइन किया और पिछले दस सालों से यहां काम कर रहे हैं।
साल | कम्पनी | इतने महीने किया काम |
जून 2006 से सितंबर 2006 | माइक्रोसॉफ्ट | 4 महीने |
जून 2007 से सितंबर 2008 | याहू | 1 साल 4 महीने |
जून 2009 से सितंबर 2009 | माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन | 4 महीने |
जून 2010 से सितंबर 2010 | एटी एंड टी लैब्स | 4 महीने |
अक्तूबर 2011 से अभी तक | ट्विटर | 10 साल 3 महीने |
यूजर बोले - तब अगर एचआर ने...
पराग के लिंक्डइन प्रोफाइल का स्क्रिनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पोस्ट को शेयर कर यूजर्स बोल रहे हैं कि पराग के रेज्यूमे में इतने महीनों का गैप और बार-बार नौकरी छोड़ने की बात को ध्यान में रखते हुए 10 में से 9 रिक्रूटर्स उनकी प्रोफाइल को रिजेक्ट कर देते। अगर उस समय ट्विटर की एचआर ने भी ऐसा किया होता, तो वह पराग जैसे हीरे को खो देती।