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UGC Big Reform: यूजीसी प्रमुख का बड़ा बयान - चार वर्षीय स्नातक के बाद सीधे हो सकेगी पीएचडी, मास्टर्स जरूरी नहीं

एजुकेशन डेस्क, अमर उजाला Published by: देवेश शर्मा Updated Wed, 14 Dec 2022 07:03 PM IST
सार

यूजीसी ने चार साल के कार्यक्रम के रूप में ऑनर्स डिग्री पाठ्यक्रमों को परिभाषित करते हुए स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए नए क्रेडिट और पाठ्यक्रम की रूपरेखा की घोषणा की।

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Universities could choose between three and four year programmes, said UGC chairman M Jagadesh Kumar
ugc - फोटो : पीटीआई
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विस्तार
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UGC Big Reform in Varsity Education: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बुधवार को कहा कि चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले छात्र अब सीधे पीएचडी कर सकते हैं और उन्हें अब आगे मास्टर डिग्री करने की आवश्यकता नहीं होगी। हाल ही में यूजीसी ने चार साल के कार्यक्रम के रूप में ऑनर्स डिग्री पाठ्यक्रमों को परिभाषित करते हुए स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए नए क्रेडिट और पाठ्यक्रम की रूपरेखा की घोषणा की थी।  

अभी बंद नहीं होंगे तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम

यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय तीन और चार साल के कार्यक्रमों के बीच चयन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालयों पर छोड़ दिया गया है कि वे क्या पढ़ाना चाहते हैं या कौनसा पाठ्यक्रम संचालित करना चाहते हैं। इस बारे में वे खुद छात्रों की मांग और आवश्यकताओं के आधार पर तय कर सकते हैं। हालांकि, कुमार ने स्पष्ट किया कि चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम पूरी तरह से लागू होने तक तीन वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम बंद नहीं किए जाएंगे। 
 

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दो प्रमुख पाठ्यक्रम एक साथ भी कर सकेंगे

चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के फायदे गिनाते हुए यूजीसी प्रमुख ने कहा कि छात्रों को पीएचडी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मास्टर डिग्री करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि पहला फायदा यह है कि उन्हें पीएचडी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मास्टर डिग्री करने की जरूरत नहीं है। वे किसी दिए गए डिसिप्लिन का गहन ज्ञान हासिल करने या एक्सपर्टाइज के लिए एक या दो प्रमुख पाठ्यक्रम भी ले सकते हैं। 

ऑनर्स डिग्रियां भी दो श्रेणियों दी जाएंगी

यूजीसी प्रमुख प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि मौजूदा चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को संशोधित करके फ्रेमवर्क विकसित किया गया है। कार्यक्रम के तहत, छात्र वर्तमान की तरह तीन साल के पाठ्यक्रम के बजाय केवल चार साल की ऑनर्स डिग्री हासिल कर सकेंगे। ऑनर्स डिग्रियां भी दो श्रेणियों - ऑनर्स और ऑनर्स विद रिसर्च में प्रदान की जाएंगी। 
 

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