Children's Day: स्वामी से लेकर चुन्नी-मुन्नी तक, अब क्या कर रहे हैं राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले बाल कलाकार
बाल दिवस के मौके पर जानिए अब तक हिंदी फिल्मों के लिए किन बाल कलाकारों को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला और आज ये किस स्थिति में हैं।
विस्तार
मालगुडी डेज का स्वामी याद है? ...और शबाना आजमी की फिल्म मकड़ी की चुन्नी-मुन्नी? आई एम कलाम का छोटू तो याद होगा ही.. इन सभी किरदारों में एक बात समान है। ये किरदार निभाने वाले कलाकारों को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के तौर पर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। बाल दिवस के मौके पर जानिए अब तक हिंदी फिल्मों के लिए किन बाल कलाकारों को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला और आज ये किस स्थिति में हैं।
पहला पुरस्कार तमिल बाल कलाकार बेबी रानी को मिला
यूं तो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की शुरुआत 1953 में हो गई थी पर इसमें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार की श्रेणी साल 1968 में जोड़ी गई। इसमें पहला पुरस्कार जीतने वाली बाल कलाकार थीं बेबी रानी। इन्होंने 1968 में फिल्म ‘कुजांथाईक्कागा’ के लिए यह अवॉर्ड अपने नाम किया था।
ऋषि कपूर- मेरा नाम जोकर (1970)
राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले पहले बॉलीवुड अभिनेता
बात करें हिंदी फिल्मों की तो 1970 में ऋषि कपूर वो पहले अभिनेता बने, जिन्होंने यह पुरस्कार जीता। उन्हें पिता राज कपूर की फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ में राजू के किरदार के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार चुना गया था। आगे चलकर ऋषि कपूर ने 1973 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ‘बॉबी’ से बतौर एक्टर डेब्यू किया। अपने लगभग 50 साल के करियर में ऋषि कपूर ने कई सुपरहिट फिल्में दीं। 2020 में कैंसर के चलते उनका निधन हो गया।
राजू श्रेष्ठ- चितचोर (1976)
बचपन में मिली अपार सफलता, अब टीवी शोज में कॉमेडी करते हैं
ऋषि कपूर के बाद हिंदी फिल्मों के लिए यह पुरस्कार जीतने वाले अदाकार थे राजू श्रेष्ठ। राजू को 1976 में फिल्म ‘चितचोर’ के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया था। उस वक्त राजू की उम्र महज 10 साल थी। उस दौर में राजू सबसे मशहूर बाल कलाकारों में से एक हुआ करते थे। उन्होंने ‘अमर प्रेम’ में राजेश खन्ना, ‘परिचय’ में जितेंद्र और ‘दीवार’ में अमिताभ बच्चन समेत कई बड़े कलाकारों के साथ फिल्में की थी।
राजू अबतक करीब 200 फिल्मों में काम कर चुके हैं पर जो सफलता और प्यार उन्हें बचपन में मिला वो दर्शकों ने उन्हें जवानी में नहीं दिया। अब एक्टर इक्का-दुक्का टीवी शोज में कॉमिक रोल करते नजर आते हैं। बाकी वक्त में वो इंस्टाग्राम पर फनी रील्स बनाते हैं।
गीता खन्ना- आंगन की कली (1979)
अमिताभ संग भी काम किया, फिर गायब हुईं
इस फिल्म में भावना का किरदार निभाने वालीं बाल कलाकार गीता खन्ना यह पुरस्कार जीतने वाली तीसरी हिंदी कलाकार थीं। भावना ने फिल्म ‘आंगन की कली’ में राकेश रोशन और लक्ष्मी की गोद ली हुई बेटी का रोल प्ले किया था। करियर में आगे बेबी गीता ने अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘कालिया’ में भी काम किया। कुछ और फिल्मों में नजर आने के बाद वो इंडस्ट्री से गायब हो गईं।
मास्टर मंजूनाथ - स्वामी (1987)
स्वामी और विजय दीनानाथ चौहान जैसे हिट रोल किए, अब आईटी सेक्टर में कार्यरत
मालगुडी डेज में स्वामी का निभाने वाले एक्टर मास्टर मंजुनाथ को फिल्म स्वामी के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया था। बचपन में कई हिट फिल्में देने के बाद 19 साल की उम्र में पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्हें एक्टिंग से ब्रेक लिया।
मंजूनाथ ने ही साल 1990 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन की 'अग्निपथ' में विजय दीनानाथ चौहान के बचपन का रोल किया था। 1992 में आई सनी देओल की 'विश्वात्मा' उनकी आखिरी हिंदी फिल्म थी। इसके बाद उन्होंने एक आईटी कंपनी जॉइन कर ली। आज वो खुद की कंपनी चलाते हैं।
शफीक सैय्यद - सलाम बॉम्बे (1988)
नेशनल अवॉर्ड विजेता यह एक्टर आज ऑटो चलाता है
मीरा नायर की फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ में चायपाव नाम का लीड रोल निभाकर शफीक सैय्यद ने नेशनल अवॉर्ड जीता था। बंगलूरू की गरीब बस्ती में पैदा हुए शफीक बचपन में ही अपने कुछ दोस्तों के साथ मुंबई भाग गए थे। कई सालों तक चर्चगेट रेलवे स्टेशन के पास फुटपाथ पर रहे।
फिर एक दिन मीरा नायर ने उन्हें अपनी फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ के लिए कास्ट किया। इस फिल्म के रिलीज के पांच साल बाद शफीक ने शबाना आज्मी और ओम पुरी के साथ फिल्म ‘पतंग’ में भी काम किया। इसके बाद वो वापस बंगलूरू लौट गए।
शफीक अब शादीशुदा हैं और उनके चार बच्चे हैं। वो बंगलूरू में ऑटो चलाते हैं और साथ ही टीवी प्रोडक्शन यूनिट में असिस्टेंट के तौर पर काम भी करते हैं।
अमित फाल्के- मुझसे दोस्ती करोगे (1992)
हिंदी फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता, आज मराठी सिनेमा का जाना-माना नाम
9 साल के बच्चे की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म में अमित फाल्के ने गुल हसन नाम के बच्चे का किरदार निभाया था। इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था। इस फिल्म में इरफान खान ने भी अहम किरदार निभाया था। बहरहाल, अमित आज मराठी फिल्म इंडस्ट्री का जाना-माना नाम हैं। वो एक्टर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर होने के साथ ही सोनी मराठी के प्रोग्रामिंग हैड भी हैं।
धनराज- धन्ना (1997)
डायरेक्टर दीपक रॉय के निर्देशन में बनी इस फिल्म के लिए एक्टर धनराज ने सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अपने नाम किया था। इस फिल्म को चिल्ड्रिन फिल्म सोसाइटी ऑफ इंडिया ने प्रोड्यूस किया था। हालांकि, इस फिल्म और एक्टर धनराज के बारे में कोई खास जानकारी मौजूद नहीं है।
श्वेता बसु प्रसाद- मकड़ी (2002)
छोटी उम्र में डबल रोल करके सबको चौंकाया, विवादित रहा निजी जीवन
2002 में रिलीज हुई इस फिल्म में एक्ट्रेस श्वेता बसु प्रसाद ने चुन्नी और मुन्नी, दो सगी बहनों का डबल रोल प्ले किया था। फिल्म में शबाना आज्मी और मकरंद देशपांडे जैसे कलाकारों की मौजूदगी में श्वेता बसु प्रसाद ने अपनी कमाल के अभिनय से सभी का दिल और राष्ट्रीय पुरस्कार दोनों जीते।
‘मकड़ी’ के अलावा श्वेता बसु प्रसाद ‘इकबाल’, ‘द ताशकंद फाइल्स’, ‘क्रिमिनल जस्टिस 3’ और ‘इंडिया लॉकडाउन’ समेत कई फिल्मों और वेब सीरीज में नजर आईं।
श्वेता की पर्सनल लाइफ थोड़ी विवादित रही। सितंबर 2014 में उन पर प्रोस्टिट्यूशन के आरोप लगे। हालांकि, बाद में कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। श्वेता बसु प्रसाद के मुताबिक वे हैदराबाद में संतोषम फिल्म अवॉर्ड अटैंड करने गई थीं और उसी होटल में ठहरी थीं जो आयोजकों ने उनके लिए मौजूद करवाया था। साल 2018 में उन्होंने रोहित मित्तल से शादी की जो एक साल ही चली।
डेब्यू फिल्म के लिए अवॉर्ड मिला, आज मराठी सिने जगत में मशहूर
2004 में रिलीज हुई फिल्म 'छोटा सिपाही' के लिए बाल कलाकार ओम भुटकर को सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया। यह उनकी पहली ही फिल्म थी। लेखक, अभिनेता और रंगमंच कलाकार ओम आज मराठी सिनेमा जगत में मशहूर हैं। उनकी फिल्म 'मुल्शी पैटर्न' पर ही सलमान खान की फिल्म 'अंतिम' बनी थी।
हर्ष मायर- आई एम कलाम (2010)
‘आई एम कलाम’ का छोटू बना ‘गुल्लक’ का अमन मिश्राफिल्म आई एम कलाम में छोटू का रोल निभाने के लिए बाल कलाकार हर्ष मायर को साल 2010 में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था। इस फिल्म के बाद हर्ष सलमान खान की चिल्लर पार्टी और रानी मुखर्जी की हिचकी में भी नजर आए। टीवी पर भी हर्ष ने कई शोज किए। TVF की सीरीज 'गुल्लक' से वे दर्शकों में एक अलग ही पहचान बना चुके हैं।
पार्थो गुप्ते- स्टेनली का डब्बा (2011)
अमेरिका के फिल्म स्कूल से पढ़ाई कर रहा है ‘स्टेनली’
2011 में रिलीज हुई डेब्यू फिल्म 'स्टेनली का डब्बा' के लिए पार्थो गुप्ते ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था। इस फिल्म को उनके पिता अमोल गुप्ते ने 5 लोगों की क्रू के साथ मिलकर मुंबई के एक स्कूल में ही शूट किया था। इस फिल्म के अलावा पार्थो 2014 में रिलीज हुई ‘हवा-हवाई’ में भी नजर आए थे। अमोल के मुताबिक पार्थो इन दिनों अमेरिका के एक फिल्म स्कूल से पढ़ाई कर रहे हैं।
‘चिल्लर पार्टी’ के भी सभी 10 बाल कलाकारों को मिला सम्मान
साल 2011 में ही फिल्म ‘चिल्लर पार्टी’ के भी सभी कलाकारों को संयुक्त रुप से सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार के राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था। इस लिस्ट में रोहन ग्रोवर, सनथ मेनन, नमन जैन, आरव खन्ना, इरफान खान, विशेश तिवारी, चिन्मई, वेदांत देसाई, दिविज हांडा और श्रिया शर्मा के नाम शामिल थे।
वरुण बुद्धदेव- तुलसीदास जूनियर (2022)
काेविड के चलते अटकी रही फिल्म, जब रिलीज हुई तो जीता राष्ट्रीय पुरस्कार
साउथ की सुपरहिट फिल्म ‘RRR’ में रामचरण के बचपन का किरदार निभाने वाला एक्टर याद है ? वही हैं वरुण बुद्धदेव। वरुण को साल 2022 में फिल्म ‘तुलसीदास जूनियर’ के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार कैटेगरी में स्पेशनल मेंशन मिला था। यह फिल्म कोविड के चलते काफी वक्त तक अटकी रही थी।
आज वरुण विराट कोहली से लेकर तमन्ना भाटिया समेत कई सेलेब्स के साथ एड करते नजर आते हैं। वे तृप्ती डिमरी की फिल्म ‘बुलबुल’, पंकज त्रिपाठी की फिल्म ‘कड़क सिंह’ और रणदीप हुड्डा की फिल्म ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ में भी नजर आए थे।