Dharmendra: अपराधी से लेकर आचार्य तक, धर्मेंद्र ने हर किरदार में जीता दिल; इन फिल्मों में निभाई दमदार भूमिका
Dharmendra Iconic Roles: सिनेमाई दुनिया के दिग्गज अभिनेता रहे धमेंद्र का आज सोमवार को 89 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने अपने छह दशक के करियर में कई जबरदस्त भूमिकाएं निभाई, जो दर्शकों के दिलों-दिमाग में बस गए। जानिए उनके कुछ चर्चित किरदार के बारे में।
विस्तार
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और हीमैन धर्मेंद्र ने 89 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके जाने से एक युग का अंत हो गया। धर्मेंद्र ने अपने फिल्मी सफर में तरह-तरह के किरदार निभाए थे। वह एक ओर प्रेमी युवक के रूप में याद किए जाते थे, तो दूसरी ओर जांबाज हीरो के रूप में भी। फिल्म ‘शोले’ में उनकी वीरू की भूमिका आज भी दर्शकों को भुलाए नहीं भूलती। चलिए जानते हैं धर्मेंद्र के करियर के सर्वश्रेष्ठ 10 फिल्मों के बारे में, जिनमें उन्होंने निभाई दमदार भूमिका।
शोले
धर्मेंद्र के करियर की सबसे चर्चित भूमिका की बात की जाए, तो वह ‘शोले’ में उनकी वीरू की भूमिका है। अमिताभ बच्चन के साथ उनकी जोड़ी ने दोस्ती की मिसाल पेश की थी। इस फिल्म में धर्मेंद्र ने अपने किरदार को जीवंत कर दिया था।
सत्यकाम
धर्मेन्द्र ने फिल्म ‘सत्यकाम’ में सत्यप्रिय आचार्य की भूमिका निभाई थी, जो एक सिद्धांतवादी व्यक्ति थे। धर्मेंद्र द्वारा निभाया गया यह किरदार भारतीय सिनेमा के सबसे बेहतरीन किरदारों में से एक माना जाता है।

चुपके-चुपके
ऋषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में साल 1975 में बनी फिल्म ‘चुपके-चुपके’ में धर्मेंद्र ने प्रोफेसर परिमल त्रिपाठी और प्यारे मोहन इलाहाबादी की भूमिका निभाई थी। फिल्म में धर्मेंद्र की बेमिसाल कॉमिक टाइमिंग ने दर्शकों को प्रभावित किया थे। यह एक क्लासिक कॉमेडी फिल्म थी।
अनुपमा
ऋषिकेश मुखर्जी की ड्रामा फिल्म ‘अनुपमा’ इंडस्ट्री की सबसे ज्यादा सराही गई फिल्मों में से एक थी। यह कहानी एक जिद्दी युवक की है। इस फिल्म में धर्मेंद्र ने अशोक की भूमिका निभाई थी, जिसे उमा से प्यार हो जाता है। उमा के माता पिता अशोक को नहीं पसंद करते हैं। इससे पहले उमा कुछ गलत कदम उठाती उसके माता पिता अशोक से शादी के लिए मान जाते हैं। फिल्म में अभिनेता ने दमदार भूमिका निभाई थी।
जॉनी गद्दार
निर्देशक श्रीराम राघवन की फिल्म 'जॉनी गद्दार' में धर्मेंद्र ने गैंग लीडर शेषाद्रि 'सेशु' की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में धर्मेंद्र और नील नितिन मुकेश के अलावा रिमी सेन, विनय पाठक और जाकिर हुसैन की मुख्य भूमिकाएं थी।
फूल और पत्थर
फिल्म ‘फूल और पत्थर’ में धर्मेंद्र ने एक युवा अपराधी की भूमिका निभाई थी, जिनका नाम शक्ति सिंह ‘शाका’ था। फिल्म में शाका एक विधवा महिला के खातिर अपनी सारी बुरी आदतें छोड़ देता है और सुधर जाता है। इस फिल्म ने कई सामाजिक मान्यताओं को चुनौती दी और दर्शकों को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सीता और गीता
फिल्म 'सीता और गीता' में धर्मेंद्र राका की भूमिका में नजर आए थे। फिल्म में धर्मेंद्र के किरदार को खूब पसंद किया गया था। इसके अलावा इसमें उनके साथ हेमा मालिनी थीं, जिन्होंने डबल रोल किया था।

यादों की बारात
फिल्म 'यादों की बारात' में धर्मेंद्र ने शंकर की भूमिका निभाई थी। यह पहली मसाला फिल्म थी, जिसमें एक्शन, नाट्य, रोमांस, संगीत, अपराध और थ्रिलर शैलियों का समावेश था। इस फिल्म का निर्देशन नासिर हुसैन ने किया था, जो 1973 में रिलीज हुई थी।
धरम वीर
मनमोहन देसाई के निर्देशन में साल 1977 में फिल्म ‘धरम वीर’ रिलीज हुई थी। इस फिल्म में धर्मेंद्र ने धरम का किरदार निभाया था। फिल्म में धर्मेंद्र और जितेन्द्र की जोड़ी को दर्शकों को खूब पसंद किया था।

लोफर
'लोफर’ में धर्मेंद्र ने एक स्टाइलिश और करिश्माई हीरो का रोल निभाया था, जो अपराध की दुनिया में फंसा हुआ है लेकिन दिल से नेक है। अभिनेता ने रंजीत का किरदार निभाया था। फिल्म में धर्मेंद्र की भूमिका की काफी सरहाना की गई थी।