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Fact-check-methodology

फैक्ट चेक का तरीका

हमारी टीम प्रसारण, प्रिंट और सोशल मीडिया पर तथ्य जांच योग्य दावों पर नजर रखती है। इसके साथ ही तथ्य जांच के लिए पाठकों से आने वाले सुझावों को भी जांच के लिए चुना जाता है। उन जानकारियों को पड़ताल के लिए चुना जाता हैं, जिनके तथ्य की जांच नहीं करने से वो समाज और सामाजिक तानेबाने को नुकसान पहुंच सकता है। तथ्यों की जांच के लिए हम अपने रिपोर्ट्स और स्ट्रिंगर्स के विस्तृत नेटवर्क, हमारे फैक्ट चेकर्स की टीम और अलग-अलग एक्सपर्ट्स का प्रयोग करते हैं। प्रत्येक संभावित दावे की तथ्य-जांच के लिए एक मजबूत कार्यप्रणाली का पालन करते हैं, जैसा कि नीचे दिया गया है…

अमर उजाला फैक्ट चेक टीम सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही गलत सूचनाओं और राजनीतिक दावों पर नजर रखती है। बिना किसी राजनीतिक संबद्धताएं और एजेंडा के हम केवल तथ्यों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इनमें से जो सूचनाएं या दावे जांच योग्य लगते हैं उनका चयन किया जाता है। इसके साथ ही हम अपने पाठकों से भी उन दावों या सूचनाओं को हमसे साझा करने के लिए कहते हैं जिनकी सत्यता पर उन्हें संदेह हो। हमारे पाठक factcheck@auw.co.in पर मेल करके ये जानकारी हमें साझा करते हैं। इन सभी स्रोतो से मिलने वाले दावों और सूचनाओं में किन पर काम करना है इसका फैसला अमर उजाला फैक्ट चेक की एडिटोरियल टीम की बैठक में तय होता है।

जांच के लिए दावा चुनते समय, हम निम्नलिखित मानदंडों पर विचार करते हैं:

  • जिस सूचना या दावे को तथ्य के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है वह स्पष्ट रूप से सत्यापन के लायक हो।
  • सूचना या दावे का समाज पर असर पड़ता हो और इसकी प्रासंगिकता हो।
  • अगर दावे में गलत सूचना है और इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो उससे समाज पर बुरा असर पड़ने की आशंका हो।
  • अमर उजाला फैक्ट चेक टीम किसी रिपोर्ताज का आंकलन नहीं करती है, न ही उस पर कोई निर्णय देती है। हमारी प्राथमिकता लोगों को सूचना देना और गलत सूचना को फैलने से रोकना है।
  • हम अमर उजाला के विचारधारा या पूर्वाग्रह से मुक्त स्वतंत्र, साक्ष्य आधारित निष्पक्ष समाचार रिपोर्टिंग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ पत्रकारिता करते हैं।

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