Fact Check: किंग चार्ल्स ने ईरान पर अमेरिकी हमले को लेकर बयान नहीं दिया, पुराने वीडियो में की गई है छेड़छाड़
Fact Check: सोशल मीडिया पर ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय का वीडियो शेयर दावा किया जा रहा है कि उन्होंने ईरान पर अमेरिका के हमले पर बयान दिया है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ है।

विस्तार
सोशल मीडिया पर ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में वह कुछ बोलते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि किंग चार्ल्स ने अमेरिका की ओर से ईरान पर किए गए हमले पर बयान दिया है। इसके साथ ही इसकी निंदा भी की है।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया है कि वायरल वीडियो की अवाज को एआई से जनरेट किया गया है। इसके साथ ही हमने पाया कि वायरल वीडियो दो साल पुराना है। यह वीडियो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद का है, जब किंग चार्ल्स ने पहली बार देश को संबोधित किया था।
बता दें कि बकिंघम पैलेस ने बुधवार को पुष्टि की है कि ब्रिटेन के राजा चार्ल्स इस साल के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राजकीय यात्रा की मेजबानी करेंगे। ट्रंप ने फरवरी में चार्ल्स के दूसरे राजकीय दौरे के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप आधुनिक समय के पहले निर्वाचित राजनेता बन गए, जिनकी ब्रिटिश सम्राट द्वारा दो राजकीय यात्राओं की मेजबानी की जाएगी।
दावा क्या है
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ब्रिटेन के किंग चार्ल्स ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर टिप्पणी की है।
मागा एक्स टाइम्स डेली न्यूज नाम के एक्स यूजर ने चार्ल्स का एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह डोनाल्ड ट्रंप के बारे में बोल रहें थे। वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, "डोनाल्ड ट्रंप कहते हैं कि ईरान को मिटाया जा सकता है। इसके साथ ही वह, जब जनरल बंकर बस्टर और सामरिक गोलाबारी की बात करते हैं, तो मैं चुप नहीं रह सकता है। मैं दुनिया को उन लोगों द्वारा अराजकता में नहीं घसीटने दूंगा, जो जितना सोचते हैं उससे ज्यादा बोलते हैं। ट्रंप यह मिसाइलों का खेल नहीं है। यह लाखों लोगों के भविष्य की बात है…"
इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले द रॉयल फैमिली की वेबसाइट पर सर्च किया। इस दौरान हमें वेबसाइट पर वायरल वीडियो या वीडियो से संबंधित कुछ नहींं मिला।
इसके बाद हमें रॉयल इनसाइडर की एक रिपोर्ट मिली। रॉयल इनसाइटर ब्रिटिश शाही परिवार से जुड़ी खबरें प्रकाशित करता है। यह रिपोर्ट 23 जून 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में वायरल वीडियो को गलत बताया गया है। इसके साथ ही बताया गया है कि किंग के रूप में चार्ल्स शायद ही कभी राजनीतिक बयान देते हैं, क्योंकि शाही परिवार के सदस्यों विशेष रूप से राजा को राजनीतिक रूप से तटस्थ रहना चाहिए, इसलिए ईरान वाला बयान या भाषण गलत है।
यहां से हमें स्पष्ट हो गया था कि वायरल वीडियो झूठा है। इसे शेयर कर लोगों में भ्रम फैलाया जा रहा है। हमने वीडियो को ध्यान से देखा और सुना। इस दौरान हमें वीडियो का आवाज एआई जनरेटेड होने का संदेह हुआ। हमने वीडियो को एआई डिटेक्शन टूल हाइव मॉडरेशन पर सर्च किया। इस दौरान वायरल वीडियो के 99.8 फीसदी एआई से बने होने की संभावना जताई गई।
इसके बाद से हमने वीडियो की पड़ताल करने के लिए वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें द रॉयल फैमिली चैनल के यूट्यूब अकाउंट पर वायरल वीडियो देखने को मिला। वीडियो दो साल पहले 9 सितंबर 2022 को साझा किया गया था। यह वीडियो महरानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद की है। किंग चार्ल्स ने ब्रिटेन की महरानी और अपनी मां के निधन के बाद से पहली बार देश को संबोधित किया था।
यहां हम वायरल वीडियो और ओरिजिनल वीडियो के बीच दिख रहें फर्क को साफ देख सकते है। वायरल वीडियो की आवाज को एआई से बनाकर शेयर किया जा रहा है।
पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को एआई जनरेटेड पाया है। किंग चार्ल्स ने अमेरिका की ओर से ईरान पर किए गए हमले पर कोई बयान नहीं दिया है।