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Ambala News: एमटीपी केंद्रों पर अब हर सप्ताह होगी जांच
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अंबाला सिटी। जिला में लिंगानुपात के स्तर को सुधारने के लिए पीएनडीटी टीम ने अपनी तैयारियां दुरूस्त कर ली हैं। विभाग द्वारा अब एमटीपी सेंटरों पर सख्ती बरती जा रही है। जहां परले एमटीपी और अल्ट्रासाउंड केंद्रों की तीन महीने में जांच होती थी। वहीं अब यह जांच प्रत्येक सप्ताह करवाई जाएगी। जिसके लिए टीम ने सभी केंद्र संचालकों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही मेडिकल स्टोर पर अवैध तरीके से गर्भनिरोधक दवाएं और किट बेचने वालों के खिलाफ भी लगातार जांच जारी है।
गर्भपात करवाने वालों की होगी जांच
एमटीपी केंद्रों में अगर कोई महिला 12 सप्ताह से अधिक समय बाद गर्भपात करवाने वाली महिलाओं की जांच होगी। जिसमें यह भी देखा जाएगा कि महिला के इससे पहले कितने बच्चे थे। इसके साथ ही अस्पतालों को मिलने वाली एमटीपी किटों का रिकॉर्ड भी लगातार जांचा जाएगा। जिसमें होलसेलर के बिल से केंद्र के बिल का मिलान करवाया जा रहा है। इसके साथ ही महिला के सभी दस्तावेज भी जांचे जा रहे हैं। इसके साथ ही केंद्रों को एमटीपी किटों की सप्लाई में भी कटौती करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन केंद्रों में बीते लंबे समय से कोई गर्भपात नहीं हुआ है तो उन केंद्रों बंद करने के बारे में परामर्श दिया जाएगा।
फुटकर विक्रेता नहीं बेच सकते एमटीपी किटें
ड्रग्स इंस्पेक्टर हेमंत ग्रोवर ने बताया कि पीएनडीटी टीम के साथ- साथ वे भी अपनी जांच में जुटे हुए हैं। जिस भी मेडिकल स्टोर के बारे पर संदिग्ध गतिविधियां होने का अंदेशा मिलता है तो वे वहां पर दबिश देकर जांच करते हैं। जिले में करीब पांच हजार मेडिकल स्टोर संचालित हैं। उन्होंने बताया कि एमटीपी किट दुकानदार नहीं बेच सकता है। यह किट सिर्फ थोक विक्रेताओं की ओर से अस्पताल को ही बेची जा सकती है। संबंधित अस्पताल भी पंजीकृत होना चाहिए।
59 गांवों में 700 से कम लिंगानुपात
जिले के जिन गांवों में 700 से कम लिंगानुपात है। वहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से एसएमओ अपनी टीम के साथ गांवों में जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। उन परिवारों की काउंसलिंग भी करवाई जाएगी। इसमें महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम भी समन्वय करेंगी। जिले में करीब 59 गांव ऐसे हैं। जहां पर लिंगानुपात 700 से कम हैं।
वर्जन
निर्देशों के आधार पर अल्ट्रासाउंड केंद्राें के बाद एमटीपी केंद्रों पर अधिक नजर रखी जा रही है। मई महीने में सभी एमटीपी केंद्रों की जांच पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।-- -- - डॉ विपिन भंडारी, नोडल अधिकारी पीएनडीटी अंबाला।
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गर्भपात करवाने वालों की होगी जांच
एमटीपी केंद्रों में अगर कोई महिला 12 सप्ताह से अधिक समय बाद गर्भपात करवाने वाली महिलाओं की जांच होगी। जिसमें यह भी देखा जाएगा कि महिला के इससे पहले कितने बच्चे थे। इसके साथ ही अस्पतालों को मिलने वाली एमटीपी किटों का रिकॉर्ड भी लगातार जांचा जाएगा। जिसमें होलसेलर के बिल से केंद्र के बिल का मिलान करवाया जा रहा है। इसके साथ ही महिला के सभी दस्तावेज भी जांचे जा रहे हैं। इसके साथ ही केंद्रों को एमटीपी किटों की सप्लाई में भी कटौती करने के निर्देश दिए गए हैं। जिन केंद्रों में बीते लंबे समय से कोई गर्भपात नहीं हुआ है तो उन केंद्रों बंद करने के बारे में परामर्श दिया जाएगा।
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फुटकर विक्रेता नहीं बेच सकते एमटीपी किटें
ड्रग्स इंस्पेक्टर हेमंत ग्रोवर ने बताया कि पीएनडीटी टीम के साथ- साथ वे भी अपनी जांच में जुटे हुए हैं। जिस भी मेडिकल स्टोर के बारे पर संदिग्ध गतिविधियां होने का अंदेशा मिलता है तो वे वहां पर दबिश देकर जांच करते हैं। जिले में करीब पांच हजार मेडिकल स्टोर संचालित हैं। उन्होंने बताया कि एमटीपी किट दुकानदार नहीं बेच सकता है। यह किट सिर्फ थोक विक्रेताओं की ओर से अस्पताल को ही बेची जा सकती है। संबंधित अस्पताल भी पंजीकृत होना चाहिए।
59 गांवों में 700 से कम लिंगानुपात
जिले के जिन गांवों में 700 से कम लिंगानुपात है। वहां पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से एसएमओ अपनी टीम के साथ गांवों में जाकर लोगों को जागरूक करेंगे। उन परिवारों की काउंसलिंग भी करवाई जाएगी। इसमें महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम भी समन्वय करेंगी। जिले में करीब 59 गांव ऐसे हैं। जहां पर लिंगानुपात 700 से कम हैं।
वर्जन
निर्देशों के आधार पर अल्ट्रासाउंड केंद्राें के बाद एमटीपी केंद्रों पर अधिक नजर रखी जा रही है। मई महीने में सभी एमटीपी केंद्रों की जांच पूरी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।