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Ambala News: मेल व एक्सप्रेस में घट रही जनरल कोच की संख्या, सफर करने वाले हजारों
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अंबाला। मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों में जनरल कोच की संख्या लगातार कम हो रही है। ऐसे में जनरल टिकट यात्रियों के लिए परेशानी भी बढ़ती जा रही है। हजारों टिकट रोजाना जनरल श्रेणी के काटे जा रहे हैं, बावजूद इसके जनरल श्रेणी के यात्रियों को मूलभूत सुविधाएं तो क्या, कोच में सीट पर बैठने का मौका भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में ट्रेनों के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। मजबूरन जनरल श्रेणी के यात्रियों को आरक्षित कोचों पर कब्जा करना पड़ रहा है जबकि अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से रोजाना लगभग 30 से 35 हजार टिकटें जनरल यात्रियों की बनाई जा रही हैं।
आम्रपाली में कम किए कोच
अमृसतर से सहरसा के बीच चलने वाली ट्रेन नंबर 15708 में पहले छह कोच लगे होते थे। इसमें तीन आगे और तीन पीछे। इसी प्रकार स्लीपर कोच की संख्या भी 10 से अधिक होती थी। लेकिन मौजूद समय में रेलवे ने राजस्व में बढ़ौतरी को देखते हुए ट्रेन में मात्र चार जनरल कोच कर दिए हैं। वहीं स्लीपर की संख्या भी कम कर दी गई है। इसके विपरीत एसी कोच की संख्या में इजाफा कर दिया गया है।
विशेष ट्रेनों के भी ये ही हालात
रेलवे ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए जो विशेष ट्रेनें चलाई हैं। उनमें भी आरक्षित कोचों की संख्या अधिक है और जनरल कोच मात्र दो या तीन ही हैं। ऐसे में जनरल टिकट यात्रियों को धक्के खाते हुए गंतव्य स्टेशन तक पहुंचना पड़ रहा है। वहीं दरवाजे पर लटके यात्रियों को भी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है।
ट्रेनों का आंकलन
रेलवे ने ऐसी भीड़भाड़ वाली कुछ ट्रेनों का आंकलन शुरु कर दिया है। इसमें आम्रपाली, मालवा, सचखंड, जम्मू मेल, शालीमार एक्सप्रेस आदि कई लंबी दूरी की ट्रेनें शामिल हैं। जरूरत पड़ने पर इन ट्रेनों में जनरल कोच की संख्या को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत दूसरा विकल्प भी ढूंढा जा रहा है कि ज्यादा भीड़भाड़ वाली ट्रेन से पहले एक विशेष ट्रेन का संचालन कर दिया जाए ताकि पूर्व में चल रही दैनिक ट्रेन में भीड़भाड़ की स्थिति पैदा न हो।
रेलवे ने ग्रीष्मकालीन अवकाश को देखते हुए भीड़भाड़ वाले रेल मार्गाें पर कई ट्रेनों का संचालन शुरु कर दिया है। इन ट्रेनों में अभी काफी सीटें खाली पड़ी हुई हैं। इसलिए यात्री पूर्व में संचालित ट्रेनों के बजाए विशेष ट्रेनों में सफर करें ताकि उनकी परेशानी दूर हो जाए।
नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल।
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आम्रपाली में कम किए कोच
अमृसतर से सहरसा के बीच चलने वाली ट्रेन नंबर 15708 में पहले छह कोच लगे होते थे। इसमें तीन आगे और तीन पीछे। इसी प्रकार स्लीपर कोच की संख्या भी 10 से अधिक होती थी। लेकिन मौजूद समय में रेलवे ने राजस्व में बढ़ौतरी को देखते हुए ट्रेन में मात्र चार जनरल कोच कर दिए हैं। वहीं स्लीपर की संख्या भी कम कर दी गई है। इसके विपरीत एसी कोच की संख्या में इजाफा कर दिया गया है।
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विशेष ट्रेनों के भी ये ही हालात
रेलवे ने ग्रीष्मकालीन अवकाश के लिए जो विशेष ट्रेनें चलाई हैं। उनमें भी आरक्षित कोचों की संख्या अधिक है और जनरल कोच मात्र दो या तीन ही हैं। ऐसे में जनरल टिकट यात्रियों को धक्के खाते हुए गंतव्य स्टेशन तक पहुंचना पड़ रहा है। वहीं दरवाजे पर लटके यात्रियों को भी जान जोखिम में डालनी पड़ रही है।
ट्रेनों का आंकलन
रेलवे ने ऐसी भीड़भाड़ वाली कुछ ट्रेनों का आंकलन शुरु कर दिया है। इसमें आम्रपाली, मालवा, सचखंड, जम्मू मेल, शालीमार एक्सप्रेस आदि कई लंबी दूरी की ट्रेनें शामिल हैं। जरूरत पड़ने पर इन ट्रेनों में जनरल कोच की संख्या को बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। इसके तहत दूसरा विकल्प भी ढूंढा जा रहा है कि ज्यादा भीड़भाड़ वाली ट्रेन से पहले एक विशेष ट्रेन का संचालन कर दिया जाए ताकि पूर्व में चल रही दैनिक ट्रेन में भीड़भाड़ की स्थिति पैदा न हो।
रेलवे ने ग्रीष्मकालीन अवकाश को देखते हुए भीड़भाड़ वाले रेल मार्गाें पर कई ट्रेनों का संचालन शुरु कर दिया है। इन ट्रेनों में अभी काफी सीटें खाली पड़ी हुई हैं। इसलिए यात्री पूर्व में संचालित ट्रेनों के बजाए विशेष ट्रेनों में सफर करें ताकि उनकी परेशानी दूर हो जाए।
नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, अंबाला मंडल।