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Ambala News: प्रदेश के एक मात्र होम्योपैथिक अस्पताल, पौने दो साल से स्टाफ की कमी के चलते खो रहा पहचान

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Fri, 09 May 2025 01:37 AM IST
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The only homeopathic hospital in the state is losing its identity due to lack of staff for the last two years
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अंबाला। उत्तर भारत के पहले होम्योपैथिक मेडिकल कालेज का राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल जनता को समर्पित हुए भले ही पौने दो साल का समय बीता चुका है। लेकिन आज अनदेखी का शिकार होने के कारण अपनी पहचान खोता जा रहा है। अंबाला कैंट के रामपुर गांव स्थित सामुदायिक केंद्र में अस्थाई रूप से चल रहे अस्पताल में अभी तक स्टाफ की संख्या ही पूरी नहीं हो पाई है। उद्घाटन के समय से अभी तक 54 स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद ही खाली पड़े हैं। अंबाला के अलावा दूरदराज से आने वाले मरीजों को महज ओपीडी की ही सुविधा मिल पा रही है।
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जबकि मरीजों के लिए जरूरी बैड यानी मरीजों का दाखिल कर उपचार की सुविधा ही शुरू नहीं हो पाई है। जो वार्ड उद्घाटन के समय तैयार किए गए है वो महज दिखावे तक ही सिमट कर रहे गए है। हर बार इस सुविधा के बारे में पूछा जाता है तो स्टाफ की कमी आड़े आ जाती है।
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अभी तक ऑनलाइन पंजीकरण भी नहीं, 50 से 60 तक सिमटी ओपीडी

होम्योपैथिक अस्पताल में मरीजों की ओपीडी महज 50 से 60 तक ही सिमटी हुई है। आने वाले मरीजों की बीमारी पूछने के बाद एचबी, शुगर की जांच व दवा दी जाती है। दोपहर करीब दो बजे तक ही यह ओपीडी चलती है। जबकि यह अस्पताल प्रदेशभर में अपनी पहचान बनाता है।
मजबूरन मरीजों को इस उपचार के बाद वापस लौटना पड़ता है। यहां तक कि अभी तक मरीजों के रिकॉर्ड को रखने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण तक की सुविधा नहीं है। मैनुअल यानी रजिस्टर पर ही एंट्री कर पल्ला झाड़ा जा रहा है।अस्पताल में उद्घाटन के समय ही अलग-अलग कमरों में करीब 25 बेड की सुविधा है जो महज दिखावे तक सिमट कर रहे गए हैं।
अल्ट्रासाउंड से लेकर एक्स-रे तक की मशीनें नहीं पहुंची

25 बेड के राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने का दावा किया गया था। 20 बेड के साथ-साथ दो निजी कमरे, माइनर ओपीडी और एक अन्य कमरा भी शामिल है। इसके अलावा अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड से लेकर एक्स-रे तक की सुविधा मिलनी थी। अभी तक यह मशीनें महज पत्राचार की भेंट चढ़कर रह गई है।
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चंद्रपुरी में बन रहा नया भवन रि-टेंडरिंग में उलझा

दरअसल, चंद्रपुरी में बन रही अस्पताल और कॉलेज की नई बिल्डिंग के बाद रामपुर गांव के सामुदायिक केंद्र में चल रहे इस अस्पताल को वहां पर शिफ्ट किया जाएगा। यह बिल्डिंग निर्माणाधीन थी और करीब दो साल में इसका
महज 10 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है। अब इस रि-टेडरिंग होनी है। ऐसे में अभी काफी समय लग सकता है। बता दें कि 100 बेड के अस्पताल का निर्माण कार्य करीब 55.85 करोड़ रुपये की लागत से होना है। तीन मंजिला अस्पताल और दो मंजिला कॉलेज की इमारत अलग-अलग होंगी। 6-6 मंजिला ब्वॉयज और गर्ल्स होस्टल का निर्माण होगा। 16 स्टाफ क्वार्टरों का निर्माण किया जाएगा।
वर्जन

राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल के रिक्त पदों के लिए लगातार मुख्यालय से पत्राचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द स्टाफ मिल जाएगा। स्टाफ के आते ही बेड की सुविधा को भी शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही एक्स-रे सहित अन्य मशीनों को भी जल्द ही उपलब्ध करवाया जाएगा।
डॉ. शशिकांत, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, अंबाला।
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