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Chandigarh-Haryana News: ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर को स्टीयरिंग समिति की स्वीकृति, सोनीपत से गाैतम बुद्ध नगर तक होगा निर्माण
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- कुरुक्षेत्र एलिवेटेड ट्रैक परियोजना का कार्य जारी, प्लेटफाॅर्म का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंचा
- हरियाणा के मुख्य सचिव ने हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना को लेकर भी की समीक्षा
चंडीगढ़। हरियाणा में रेल अवसंरचनाओं के विकास के लिए तेजी से काम कराने की तैयारी है। जो योजनाएं जारी हैं उन्हें पूरा कराने और जिनकी शुरुआत नहीं हुई है उन योजनाओं पर आगामी चरण में काम शुरू कराया जाएगा। बुधवार को रेल अवसंरचनाओं परियोजनाओं की समीक्षा की गई। समीक्षा के दाैरान ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टीयरिंग समिति की तरफ से स्वीकृति की जानकारी दी गई। हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना की भी समीक्षा की गई। कुरुक्षेत्र में स्थापित किए जा रहे एलिवेटेड ट्रैक के कार्य की विस्तृत रिपोर्ट भी बैठक में रखी गई।
हरियाणा के मुख्य सचिव और हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम (एचआरआईडीसी) के अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी ने एचआरआईडीसी के निदेशक मंडल की 33वीं बैठक के दौरान विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि कुरुक्षेत्र एलिवेटेड ट्रैक परियोजना का कार्य तेजी से जारी है। योजना के तहत सभी सिविल कार्य, ट्रैक, सिग्नलिंग एवं टेलीकम्युनिकेशन और ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य पूरे कर लिए गए हैं। एलिवेटेड प्लेटफॉर्म का निर्माण भी अंतिम चरण में है। जल्द ही सभी पूरे किए गए कार्यों की धरातलीय स्थिति का अवलोकन करने के लिए उत्तरी रेलवे के अधिकारी तकनीकी निरीक्षण करेंगे। इसके बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त निरीक्षण करेंगे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को शेष कार्यों को और तेजी के साथ कराने के आदेश दिए हैं। सोनीपत से पलवल वाया बागपत, गाजियाबाद एवं गौतम बुद्ध नगर प्रस्तावित ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के अध्ययन के लिए संरेखण (एलाइनमेंट) को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टीयरिंग समिति ने स्वीकृति दे दी है। कॉरिडोर का व्यवहार्यता अध्ययन अग्रिम चरण में है। मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के विभिन्न घटकों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता और लोक निर्माण (भवन एवं सड़क) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल आदि शामिल रहे।
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राजस्व मिलना हुआ शुरू, क्षेत्र के लिहाजे से सबसे बड़ी यातायात सुरंग बनेगी
परियोजना का मानेसर–पातली खंड तथा मारुति रेलवे यार्ड जून 2025 में चालू किया जा चुका है। अब तक मानेसर स्थित मारुति प्लांट से 372 रैक लोड किए जा चुके हैं। हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरपोरेशन को राजस्व प्राप्त होना भी शुरू हो गया है। परियोजना के लिए चरण-1 (सैद्धांतिक) वन स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। अरावली संबंधी स्वीकृति के लिए अनुमोदन के लिए आवेदन किया गया है। भूमि मुआवजा वितरण भी हो रहा है। भूमि अवार्ड की कुल 1,878 करोड़ रुपये की राशि के मुकाबले अब तक 1,533 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। मध्यस्थता अवार्ड के तहत 99 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। बैठक में यह भी बताया गया कि एचओआरसी परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग, यात्री यातायात के लिए अपने क्रॉस-सेक्शन के लिहाज से क्षेत्र की सबसे बड़ी सुरंगों में से एक है। सुरंग का निर्माण कार्य संतोषजनक गति से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में आठ सक्रिय फेस से कार्य किया जा रहा है तथा दो अतिरिक्त फेस विकसित किए जा रहे हैं ताकि कार्य में और तेजी लाई जा सके। न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड के माध्यम से निर्मित की जाने वाली कुल 7,200 मीटर लंबी सुरंग में से अब तक 3,773 मीटर, यानी कुल लंबाई का 52 प्रतिशत से अधिक भाग की खुदाई की जा चुकी है। परियोजनाओं की समग्र प्रगति का जिक्र करते हुए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि ये परियोजनाएं आधुनिक, दक्ष एवं सतत रेल अवसंरचना विकसित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि इन रेल कॉरिडोरों से क्षेत्रीय संपर्क सुदृढ़ होगा, आर्थिक विकास को गति मिलेगी तथा नागरिकों के आवागमन में सुधार होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि एचआरआईडीसी समयबद्ध क्रियान्वयन के साथ-साथ गुणवत्ता, सुरक्षा और पर्यावरणीय मानकों का उच्च स्तर बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
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- हरियाणा के मुख्य सचिव ने हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना को लेकर भी की समीक्षा
चंडीगढ़। हरियाणा में रेल अवसंरचनाओं के विकास के लिए तेजी से काम कराने की तैयारी है। जो योजनाएं जारी हैं उन्हें पूरा कराने और जिनकी शुरुआत नहीं हुई है उन योजनाओं पर आगामी चरण में काम शुरू कराया जाएगा। बुधवार को रेल अवसंरचनाओं परियोजनाओं की समीक्षा की गई। समीक्षा के दाैरान ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की उत्तर प्रदेश में मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टीयरिंग समिति की तरफ से स्वीकृति की जानकारी दी गई। हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना की भी समीक्षा की गई। कुरुक्षेत्र में स्थापित किए जा रहे एलिवेटेड ट्रैक के कार्य की विस्तृत रिपोर्ट भी बैठक में रखी गई।
हरियाणा के मुख्य सचिव और हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम (एचआरआईडीसी) के अध्यक्ष अनुराग रस्तोगी ने एचआरआईडीसी के निदेशक मंडल की 33वीं बैठक के दौरान विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि कुरुक्षेत्र एलिवेटेड ट्रैक परियोजना का कार्य तेजी से जारी है। योजना के तहत सभी सिविल कार्य, ट्रैक, सिग्नलिंग एवं टेलीकम्युनिकेशन और ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन कार्य पूरे कर लिए गए हैं। एलिवेटेड प्लेटफॉर्म का निर्माण भी अंतिम चरण में है। जल्द ही सभी पूरे किए गए कार्यों की धरातलीय स्थिति का अवलोकन करने के लिए उत्तरी रेलवे के अधिकारी तकनीकी निरीक्षण करेंगे। इसके बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त निरीक्षण करेंगे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को शेष कार्यों को और तेजी के साथ कराने के आदेश दिए हैं। सोनीपत से पलवल वाया बागपत, गाजियाबाद एवं गौतम बुद्ध नगर प्रस्तावित ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के अध्ययन के लिए संरेखण (एलाइनमेंट) को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली स्टीयरिंग समिति ने स्वीकृति दे दी है। कॉरिडोर का व्यवहार्यता अध्ययन अग्रिम चरण में है। मुख्य सचिव ने बताया कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के विभिन्न घटकों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता और लोक निर्माण (भवन एवं सड़क) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल आदि शामिल रहे।
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राजस्व मिलना हुआ शुरू, क्षेत्र के लिहाजे से सबसे बड़ी यातायात सुरंग बनेगी
परियोजना का मानेसर–पातली खंड तथा मारुति रेलवे यार्ड जून 2025 में चालू किया जा चुका है। अब तक मानेसर स्थित मारुति प्लांट से 372 रैक लोड किए जा चुके हैं। हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरपोरेशन को राजस्व प्राप्त होना भी शुरू हो गया है। परियोजना के लिए चरण-1 (सैद्धांतिक) वन स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। अरावली संबंधी स्वीकृति के लिए अनुमोदन के लिए आवेदन किया गया है। भूमि मुआवजा वितरण भी हो रहा है। भूमि अवार्ड की कुल 1,878 करोड़ रुपये की राशि के मुकाबले अब तक 1,533 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। मध्यस्थता अवार्ड के तहत 99 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। बैठक में यह भी बताया गया कि एचओआरसी परियोजना के तहत निर्माणाधीन सुरंग, यात्री यातायात के लिए अपने क्रॉस-सेक्शन के लिहाज से क्षेत्र की सबसे बड़ी सुरंगों में से एक है। सुरंग का निर्माण कार्य संतोषजनक गति से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में आठ सक्रिय फेस से कार्य किया जा रहा है तथा दो अतिरिक्त फेस विकसित किए जा रहे हैं ताकि कार्य में और तेजी लाई जा सके। न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड के माध्यम से निर्मित की जाने वाली कुल 7,200 मीटर लंबी सुरंग में से अब तक 3,773 मीटर, यानी कुल लंबाई का 52 प्रतिशत से अधिक भाग की खुदाई की जा चुकी है। परियोजनाओं की समग्र प्रगति का जिक्र करते हुए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने कहा कि ये परियोजनाएं आधुनिक, दक्ष एवं सतत रेल अवसंरचना विकसित करने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि इन रेल कॉरिडोरों से क्षेत्रीय संपर्क सुदृढ़ होगा, आर्थिक विकास को गति मिलेगी तथा नागरिकों के आवागमन में सुधार होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि एचआरआईडीसी समयबद्ध क्रियान्वयन के साथ-साथ गुणवत्ता, सुरक्षा और पर्यावरणीय मानकों का उच्च स्तर बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।