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बलवान-कस्वां के मास्टर स्ट्रोक से बीजेपी चारों खाने चित

अमित रूख्ााया/अमर उजाला, फतेहाबाद Updated Mon, 07 Mar 2016 12:32 AM IST
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बैठक - फोटो : fatehabad
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फतेहाबाद के विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया और जिप चुनाव में सर्वाधिक चर्चा का विषय रहे राजेश कस्वां के मास्टर स्ट्रोक के आगे सत्ताधारी बीजेपी चारों खाने चित हो गई है। अब तक जिप चेयरमैन बनाने का दावा करने वाली बीजेपी चुनाव के दिन अपने पार्षदों को लघु सचिवालय लेकर आने से भी डर गई।
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उधर, विरोधी गुट में कस्वां दंपति के शामिल होने से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर उनके गुट का ही कब्जा होना लगभग तय है। अध्यक्ष पद के लिए राजेश कस्वां का नाम तय माना जा रहा है। उपाध्यक्ष पद को लेकर माथापच्ची जारी है। विरोधी गुट के सदस्य शनिवार रात को ही स्थानीय आशीर्वाद पैलेस में इकट्ठे हो गए थे। रविवार सुबह भी पैलेस के पहली मंजिल स्थित कमरा नंबर 103 में सारा दिन बैठक चलती रही।
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विरोधी मोर्चे के पर्दे के पीछे थे बलवान और कस्वां
जिस विरोधी मोर्चे के बल  पर सत्तारूढ़ बीजेपी को चित्त किया गया है, उसके असल निर्देशक विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया और वार्ड-7 के पार्षद राजेश कस्वां हैं। विरोधी मोर्चे की प्रत्येक गतिविधि के पीछे इन्हीं दोनों की जुगलबंदी काम कर रही थी। जिप चुनाव के नतीजे आने के बाद बराला के ब्रेकफास्ट पार्टी में जाने के पीछे भी मकसद यही था कि बीजेपी की ताकत को जांचा जाए।

बीजेपी के जब पांच ही पार्षद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का नाश्ता करने पहुंचे तो जाकर विधायक और कस्वां को अपनी दाल गलती नजर आई। उसी वक्त से दोनों ने बीजेपी विरोधी पार्षदों को एकजुट करने की कोशिशें शुरू कर दी। इसका नतीजा यह रहा कि अब बीजेपी के खिलाफ 11 पार्षद एकजुट हो गए हैं।

दौलतपुरिया ने परमवीर-तंवर-गिल्लाखेड़ा को भी भरोसे में लिया
विरोधी मोर्चे की परिकल्पना को सच करने के लिए विधायक बलवान सिंह ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर, पूर्व विधायक प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा और पूर्व मंत्री परमवीर को भी भरोसे में लिया। अगर इन कांग्रेसी दिग्गजों की हां ना होती तो जाखल से बलजीत कौर, अजय मेहता, और विजेंद्र सिवाच किसी कीमत पर इस गुट में शामिल नहीं होते।

सुभाष बराला और वेद फुलां के लिए आगे की राह नहीं आसान
अपने गृह जिले में ही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को मुश्किल चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष पद पर अपने खासमखास वेद फुलां को बिठाकर उन्होंने ये दिखाने की कोशिश की थी कि हाईकमान ने गृह जिले में उनको फ्री हैंड दिया हुआ है। लेकिन अब अगर जिप चेयरमैन पद पर भाजपा समर्थित पार्षद नहीं बैठता है तो हाईकमान के सामने भी उनका कद कम होगा। हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों में आगे की राह उनके और उनके सिपहसलार वेद फुलां के लिए मुश्किल ही लगती है।

साथियों की उम्मीदों को पूरा कर पाए तो ही चेयरमैन बन पाएंगे कस्वां
भले ही राजेश कस्वां और बलवान सिंह दौलतपुरिया की जोड़ी ने शुरुआती लड़ाई में बीजेपी को मात दे दी है, लेकिन आगे की लड़ाई उनके लिए भी आसान नहीं है। इस भाजपा विरोधी मोर्चे में सभी दलों के सदस्य हैं। उनकी अपनी उम्मीदें हैं। उन उम्मीदों को पूरा करने के बाद ही राजेश कस्वां और अध्यक्ष पद की कुर्सी में दूरी खत्म हो सकती है।

उपाध्यक्ष पद को लेकर भी बर्तन खड़कने की संभावना है। बीजेपी से बगावत करने वाली मंदीप कौर गिल और बीबो इंदौरा भी उपाध्यक्ष पद की चाह रखती हैं तो कृष्ण स्वरूप गोरखपुरिया जैसे दिग्गज को चित करने वाले विजेंद्र सिवाच भी तंवर के मार्फत इस पद के लिए दावा ठोकेंगे।

बीजेपी को रोकने में कामयाब हुए हैं। विपक्षी मोर्चा एकजुट है। आपस में बैठक कर चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।
बलवान सिंह दौलतपुरिया, विधायक, फतेहाबाद

रविवार को हमारे पास बहुमत का आंकड़ा था लेकिन कोरम का आंकड़ा पूरा नहीं था। अगली बैठक में बीजेपी समर्थित पार्षद ही जिप चेयरमैन बनेगा।
वेद फुलां, भाजपा जिलाध्यक्ष, फतेहाबाद
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