{"_id":"62c56f50b3b7fb65805ed817","slug":"bail-plea-of-accused-in-rajesh-murder-case-rejected","type":"story","status":"publish","title_hn":"बहुचर्चित राजेश हत्याकांड: लड़की के पिता की जमानत याचिका खारिज, अंतरजातीय विवाह करने पर 2017 में हुआ था कत्ल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
बहुचर्चित राजेश हत्याकांड: लड़की के पिता की जमानत याचिका खारिज, अंतरजातीय विवाह करने पर 2017 में हुआ था कत्ल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हिसार (हरियाणा)
Published by: ajay kumar
Updated Wed, 06 Jul 2022 04:47 PM IST
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सार
संजय चौहान ने बताया कि उन्होंने छह अगस्त 2018 को एडवोकेट रामनिवास कुश के माध्यम से हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की अर्जी दाखिल की थी। इसके बाद तीन अक्तूबर 2018 को हिसार के तत्कालीन एसपी और एसएचओ को हाईकोर्ट ने तलब भी किया था। उच्च न्यायालय ने तीन दिसंबर 2018 को सीबीआई का आदेश दिया था और अब केस सीबीआई अदालत में चल रहा है।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : istock
विस्तार
हिसार के बहुचर्चित राजेश ऑनर कीलिंग मामले में पंचकूला सीबीआई कोर्ट के स्पेशल जज सुधीर परमार ने लड़की पूनम के पिता शमशेर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। पीड़ित परिवार की ओर से केस की पैरवी हाईकोर्ट के वकील रोहित धीर कर रहे हैं। जय भीम आर्मी ट्रस्ट के चेयरमैन संजय चौहान ने बताया एक जुलाई को सुनवाई के समय आरोपी शमशेर ने अपनी जमानत की अर्जी लगाई थी। पांच जुलाई को अदालत ने आरोपी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
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संजय चौहान ने बताया कि राजेश व पूनम ने उनकी ट्रस्ट सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से ही अंतरजातीय विवाह किया था। इससे लड़की के परिजन नाराज थे और इसी के चलते वर्ष 2017 में राजेश की हत्या कर दी गई थी। मामले में हिसार पुलिस के निष्पक्ष जांच व कार्रवाई न करने पर सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट ने उच्च न्यायालय में मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।
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इसके बाद जांच सीबीआई को सौंप दी गई और टीम ने जांच शुरू कर जघन्य हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तार किया था। संजय चौहान ने बताया कि राजेश की हत्या में शामिल एक आरोपी की मौत भी हो चुकी है। वहीं हत्या में शामिल एक आरोपी जेल जाने के डर से आत्महत्या कर चुका है। संजय चौहान ने बताया कि जय भीम आर्मी राजेश की हत्या के बाद से ही पीडि़त परिवार के साथ है।
संजय चौहान ने बताया कि उन्होंने छह अगस्त 2018 को एडवोकेट रामनिवास कुश के माध्यम से हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की अर्जी दाखिल की थी। इसके बाद तीन अक्तूबर 2018 को हिसार के तत्कालीन एसपी और एसएचओ को हाईकोर्ट ने तलब भी किया था। उच्च न्यायालय ने तीन दिसंबर 2018 को सीबीआई का आदेश दिया था और अब केस सीबीआई अदालत में चल रहा है।