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    Panchkula News: वेलकम तेजस........कंधों पर है बड़ी जिम्मेदारी
            सार 
            
            
        
                                    
                चंडीगढ़ में मिग-21 की विदाई पर स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान ने फ्लाईपास्ट कर भारतीय वायुसेना में बदलाव का संकेत दिया। रक्षा मंत्री और पूर्व वायुसेना प्रमुखों ने तेजस की तकनीकी क्षमताओं की सराहना की। तेजस के आने से वायुसेना की ताकत बढ़ने की उम्मीद है।
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विस्तार
                                                 
                अमर उजाला ब्यूरो
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                                
                                 
                
चंडीगढ़। मिग-21 की अलविदा उड़ान में स्वदेशी एलसीए विमान तेजस उन्हें एस्कॉर्ट कर रहे थे। संदेश साफ था कि इसी विमान ने अब मिग-21 को रिप्लेस करना है। रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में स्वदेशी एलसीए-तेजस और आगामी उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान एएमसीए के बारे में गर्व से बताया भी। विदाई के दौरान शुक्रवार को मिग-21 और एलसीए तेजस के संयुक्त फ्लाईपास्ट ने दर्शा दिया कि अब प्रसिद्ध बाइसन से स्वदेशी तेजस में परिवर्तन का दौर आ गया है।
वायुसेना सूत्र बताते हैं कि भारतीय वायुसेना के पास करीब 38 मल्टी रोल काॅम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस हैं। इसका दूसरा वेरियंट एमसीए टू भी तैयार किया जा रहा है। वायुसेना के अफसर भी तेजस की खेप बढ़ने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 83 तेजस जेट्स में भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित सिस्टम लगाए जा रहे हैं।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
हल्के लड़ाकू विमान तेजस का नया वेरिएंट कुछ नई तकनीकों के साथ आएगा। इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम के साथ तेजस दुश्मन के रडार और मिसाइल को बेअसर करने की ताकत रखेगा। डर्बी रडार-गाइडेड मिसाइलों से इसकी ताकत और बढ़ जाएगी। ये मिसाइलें कम दूरी से लेकर दृश्य सीमा से परे हवाई खतरों से निपट लेती हैं। पूर्व वायु सेनाध्यक्ष बीएस धनोआ कहते हैं कि तेजस विमान मिग-21 को रिप्लेस कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि ये विमान पर्याप्त संख्या में एयरफोर्स के जंगी बेड़े में पहुंच जाएं।
पूर्व एयर चीफ मार्शल श्री वासापुरम कृष्णास्वामी बताते हैं कि समय के साथ बदलाव और तकनीक के साथ चलना बहुत जरूरी है। उम्मीद है तेजस अब वायुसेना की ताकत और बढ़ाएंगे। यह विमान कई एडवांस तकनीकों के साथ लगातार अपग्रेड हो रहा है। पूर्व एयर चीफ मार्शल सर्वजीत सिंह होथी कहते हैं कि तेजस एक सक्षम लड़ाकू विमान है। भावी खतरों को देखते हुए इसे तैयार किया जा रहा है। निश्चित तौर पर विमान भी दुश्मन की नींदें उड़ा देगा मगर हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा तेजस एयरफोर्स को मिल जाएं।
पूर्व ग्रुप कैप्टन तरुण कुमार सिंघा कहते हैं कि पहले एयर-टू-एयर अटैक होता था। अब बियांन्ड विजुअल रेंज का जमाना है। तेजस की एक अलग क्लास है यह विमान की मिग-21 की जगह नहीं ले सकता। मिग एक अलग अंदाज का विमान था, जिसे एचएएल के विशेषज्ञों ने समय-समय पर अपग्रेड कर उसे घातक बनाए रखा। उम्मीद है तेजस भी ऐसा ही कमाल करेगा।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
चंडीगढ़। मिग-21 की अलविदा उड़ान में स्वदेशी एलसीए विमान तेजस उन्हें एस्कॉर्ट कर रहे थे। संदेश साफ था कि इसी विमान ने अब मिग-21 को रिप्लेस करना है। रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में स्वदेशी एलसीए-तेजस और आगामी उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान एएमसीए के बारे में गर्व से बताया भी। विदाई के दौरान शुक्रवार को मिग-21 और एलसीए तेजस के संयुक्त फ्लाईपास्ट ने दर्शा दिया कि अब प्रसिद्ध बाइसन से स्वदेशी तेजस में परिवर्तन का दौर आ गया है।
वायुसेना सूत्र बताते हैं कि भारतीय वायुसेना के पास करीब 38 मल्टी रोल काॅम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस हैं। इसका दूसरा वेरियंट एमसीए टू भी तैयार किया जा रहा है। वायुसेना के अफसर भी तेजस की खेप बढ़ने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 83 तेजस जेट्स में भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित सिस्टम लगाए जा रहे हैं।
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            हल्के लड़ाकू विमान तेजस का नया वेरिएंट कुछ नई तकनीकों के साथ आएगा। इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम के साथ तेजस दुश्मन के रडार और मिसाइल को बेअसर करने की ताकत रखेगा। डर्बी रडार-गाइडेड मिसाइलों से इसकी ताकत और बढ़ जाएगी। ये मिसाइलें कम दूरी से लेकर दृश्य सीमा से परे हवाई खतरों से निपट लेती हैं। पूर्व वायु सेनाध्यक्ष बीएस धनोआ कहते हैं कि तेजस विमान मिग-21 को रिप्लेस कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि ये विमान पर्याप्त संख्या में एयरफोर्स के जंगी बेड़े में पहुंच जाएं।
पूर्व एयर चीफ मार्शल श्री वासापुरम कृष्णास्वामी बताते हैं कि समय के साथ बदलाव और तकनीक के साथ चलना बहुत जरूरी है। उम्मीद है तेजस अब वायुसेना की ताकत और बढ़ाएंगे। यह विमान कई एडवांस तकनीकों के साथ लगातार अपग्रेड हो रहा है। पूर्व एयर चीफ मार्शल सर्वजीत सिंह होथी कहते हैं कि तेजस एक सक्षम लड़ाकू विमान है। भावी खतरों को देखते हुए इसे तैयार किया जा रहा है। निश्चित तौर पर विमान भी दुश्मन की नींदें उड़ा देगा मगर हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द और ज्यादा से ज्यादा तेजस एयरफोर्स को मिल जाएं।
पूर्व ग्रुप कैप्टन तरुण कुमार सिंघा कहते हैं कि पहले एयर-टू-एयर अटैक होता था। अब बियांन्ड विजुअल रेंज का जमाना है। तेजस की एक अलग क्लास है यह विमान की मिग-21 की जगह नहीं ले सकता। मिग एक अलग अंदाज का विमान था, जिसे एचएएल के विशेषज्ञों ने समय-समय पर अपग्रेड कर उसे घातक बनाए रखा। उम्मीद है तेजस भी ऐसा ही कमाल करेगा।
