पानीपत में पांच ब्लैक स्पॉट बने मुसीबत: 11 माह में 529 हादसे, 326 की गई जान; फिर भी प्रशासन नहीं कर रहा काम
पानीपत में साल-दर-साल सड़क हादसों में होने वाली मौत का ग्राफ बढ़ रहा है। वर्ष 2023 में जिले में सड़क हादसों में 282 लोगों की मौत हुई थी। जो वर्ष 2024 में बढ़कर 308 तक पहुंच गई थी। वहीं वर्ष 2025 में यह आंकड़ा और अधिक रहा।
विस्तार
औद्योगिक नगरी पानीपत जिले से तीन नेशनल हाईवे और एक स्टेट हाईवे गुजरता है। जिले में सड़क हादसों का ग्राफ साल-दर-साल बढ़ रहा है। वर्ष 2025 में जनवरी से नवंबर माह तक जिले में 529 सड़क हादसे हो चुके हैं। इनमें 326 मौत हो चुकी हैं। वर्ष 2024 में यह आंकड़ा पूर्व वर्ष 308 मौत था। जिला पुलिस ने द्वारा पांच ब्लैक स्टॉप चिह्नित किए गए हैं। जिसमें चार ब्लैक स्पॉट नेशनल हाईवे-44 पर हैं। वहीं नेशनल हाईवे 709 रोहतक हाईवे पर एक ब्लैक स्पॉट है।
जहां पर हादसों का खतरा सबसे अधिक रहता है। पुलिस कई बार ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में प्रस्ताव रख चुकी है। जिसमें हाईवे के बीच में लगी ग्रिल को मजबूत करने, अवैध कट बंद करने के प्रस्ताव रखे गए हैं। लेकिन जिम्मेदार विभागों द्वारा इस पर गंभीरता से काम नहीं किया जा रहा है।
जिले में तीन नेशनल हाईवे गुजर रहे हैं। इनमें जीटी रोड नेशनल हाईवे-44, रोहतक-पानीपत नेशनल हाईवे और पानीपत-खटीमा नेशनल हाईवे हैं। जीटी रोड हाईवे की जिले में लंबाई 34 किमी है और यह जिले के बीच से गुजरता है। सबसे अधिक हादसे भी इसी हाईवे पर होते हैं। हाईवे किनारे बैरिकेटिंग की गई है। पुलिस के रिकॉर्ड में हाईवे पर चार ब्लैक स्पॉट हैं। जिनमें बाबरपुर टोल प्लाजा, मलिक पेट्रोल पंप, नांगलखेड़ी गांव के पास वाला कट, सिवाह बस स्टैंड के आस-पास हैं। इसके साथ ही रोहतक नेशरल हाईवे पर डाहर चौक भी ब्लैक स्पॉट है। बाबरपुर टोल प्लाजा पर सेक्टर 18 की ओर से भी वाहन हाइवे पर आते हैं।
करनाल की ओर जाने वाले वाहन उल्टी दिशा से हाईवे पर आते हैं। जिससे कई बार वाहनों की आमने सामने क टक्कर हो जाती है। इसके साथ ही पैदल यात्री भी बड़ी संख्या में हाईवे पार करते है और वाहनों की गति अधिक होने के कारण हादसों का शिकार होते हैं। इसके साथ ही मलिक पेट्रोल पंप के पास एलिवेटेड हाइवे शुरू होता है। जिस कारण यहां पर वाहनों की गति अधिक रहती है। पानीपत की ओर जाने वाले वाहन यहां से सर्विस लेन पर पहुंचे हैं और अचानक से कट मारते हैं। जो हादसे का कारण बनता है।
वहीं, नांगलखेड़ी गांव के पास सबसे अधिक हादसे होते हैं। सेक्टर-29 औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रमिक काम करने जाते हैं। शॉर्टकट के चक्कर में लोग हाइवे पार करने लगते हैं। हाईवे के बीचचें ग्रिल टूटी हुई हैं। कई बार ग्रिल मजबूत करने का प्रस्ताव भेजा गया। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं डाहर चौक पर भी हाईवे पार करने की स्थिति में सबसे अधिक हादसे होते हैं।
साल-दर-साल बढ़ रहा हादसों का ग्राफ
पानीपत में साल-दर-साल सड़क हादसों में होने वाली मौत का ग्राफ बढ़ रहा है। वर्ष 2023 में जिले में सड़क हादसों में 282 लोगों की मौत हुई थी। जो वर्ष 2024 में बढ़कर 308 तक पहुंच गई थी। वहीं वर्ष 2025 में यह आंकड़ा और अधिक रहा। 11 माह में ही जिले में 529 सड़क हादसों में 326 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं 355 लोग घालय हुए हैं।
फैक्ट फाइल
- वर्ष 2023 में सड़क हादसे में हुई मौत- 282
- वर्ष 2024 में सड़क हादसों में हुई मौत- 308
- वर्ष 2025 में अब तक सड़क हादसों में हुई मौत- 317
अधिकारी के अनुसार
कोहरे के मौसम से पहले नेशनल हाईवे समेत सभी सड़को पर सफेद पट्टी बनवाने के लिए संबंधित विभागों को पत्र भेजा गया है। पानीपत-जींद हाईवे पर सड़क किनारे खड़े पेड़ों पर भी रिफ्लेक्टर टेप लगाई जा रही है। हाईवे के बीच ग्रिल मजबूत करने का प्रस्ताव भी संबंधित विभाग को भेजा जा चुका है। -सुरेश कुमार सैनी, डीएसपी यातायात।