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आरक्षण आंदोलन होगा तेज, दो मार्च को दिल्ली कूच करेंगे जाट
ब्यूरो/अमर उजाला, रोहतक
Updated Tue, 21 Feb 2017 06:33 PM IST
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ध्ारना स्थ्ाल पर माौजूद भ्ााड
- फोटो : amar ujala
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जाट आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर चल रहे धरने में जाटों ने एक बार फिर एकजुटता दिखाई। जसिया धरना स्थल पर मनाए गए बलिदान दिवस में बड़ी तादात में लोग पहुंचे और आंदोलन में मारे गए युवाओं और सेना के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। बलिदान दिवस पर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने घोषणा करते हुए कहा कि सरकार जितनी चाहे उतनी फोर्स लगा लें, अब आंदोलन का दायरा बढ़ाकर जाट दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। सरकार की हठधर्मिता से जाट पीछे हटने वाले नहीं है।
पूर्व निर्धारित घोषणा के अनुसार, जसिया धरना स्थल पर लोगों की भीड़ पहुंचनी शुरू हो गई। दोपहर तक भीड़ की संख्या इतनी बढ़ गई कि रोहतक-पानीपत हाईवे पर भी उनका कब्जा हो गया। हाइवे के दोनों तरफ कई-कई किलोमीटर दूर तक भीड़ इकट्ठा हो गई। इस दौरान वक्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। यहां तक कि महिलाओं ने भी मंच पर आकर सरकार को कोसा। करीब दो बजे समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने सरकार को खुला अल्टीमेटम दिया कि अब जो चाहे कर लें, मांग पूरी होने तक जाट पीछे नहीं हटेंगे। इसके बाद उन्होंने भीड़ से अनुमति लेकर आंदोलन की आगामी रणनीति का खुलासा किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अभी तक प्रदेश में 20 स्थानों पर धरने चल रहे हैं। एक मार्च से इनकी संख्या बढ़ाकर 30 कर दी जाएगी। 2 मार्च को दिल्ली में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया जाएगा और उसी दिन संसद घेराव की तारीख भी तय कर दी जाएगी। सरकार के खिलाफ एक मार्च से असहयोग आंदोलन करने का भी घोषणा की गई। एक दिन दिल्ली में दूध की सप्लाई भी बंद कर की जाएगी। मंच के माध्यम से नेताओं को भी चेतावनी दी गई।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि 27 फरवरी से पहले लिखित में धरने को समर्थन दें, नहीं तो उनका चुनाव में बहिष्कार किया जाएगा। इसके अलावा भी कई अन्य प्रस्तावों पर सहमति जताई गई। धरने पर भारी संख्या में रामपाल के समर्थक भी पहुंचे। उन्होंने भी मंच पर आकर जाट समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आह्वान किया। उधर, पुलिस-प्रशासन भले ही सुरक्षा के दावे कर रहा हो, लेकिन धरना स्थल के आसपास एक भी पुलिसकर्मी की ड्यूटी नहीं थी। जसिया धरने के कई किलोमीटर दूर मकड़ौली टोल पर फोर्स को लगाया गया था।
यह प्रस्ताव हुए पास
1. प्रदेश में भिवानी, जींद, पानीपत, हिसार, करनाल, दादरी, कुरुक्षेत्र, मेवात और पंचकूला में धरनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
2. दिल्ली में 2 मार्च को यूपी और हरियाणा के लोग प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे और अगली रणनीति का खुलासा करेंगे।
3. 21 फरवरी से हर धरना स्थल पर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा, जिसके बाद संसद घेराव की तारीख तय कर सभी लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली से दिल्ली पहुंचेंगे।
4. एक मार्च से असहयोग आंदोलन शुरू होगा, जिसमें कोई भी व्यक्ति बिजली-पानी के बिल और लोन का भुगतान नहीं करेगा। इसके साथ ही एक दिन के लिए दिल्ली में दूध और सब्जी की सप्लाई बंद की जाएगी।
5. पंच, सरपंच, जिला परिषद, विधायक और सांसदों को 27 फरवरी से पहले लिखित में समर्थन देना होगा, नहीं तो चुनाव में उनका बहिष्कार किया जाएगा।
6. 36 बिरादरी के भाईचारे को मजबूत करने के लिए हरियाणा व अन्य प्रदेशों में भाईचारा मीटिंग और रैली का आयोजन किया जाएगा।
7. 26 फरवरी को हरियाणा सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदेश भर में काला दिवस मनाया जाएगा, जिसमें सभी लोग काले कपड़े पहनकर पहुंचेंगे। इसके अलावा हर साल फरवरी के तीसरे रविवार को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
8. सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए शादियों में डीजे पर प्रतिबंध, शराबबंदी, दहेज प्रथा खत्म करना, शादी में हथियारों का प्रदर्शन, मेहमानों की संख्या सीमित रखना और मृत्युभोज को बंद किया जाए।
वार्ता होती रहे, मांग पूरी होने के बाद ही रोकेंगे आंदोलन : यशपाल मलिक
सोमवार को पानीपत में सरकार के साथ होने वाली वार्ता पर भी समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दो टूक कहा। उन्होंने कहा कि सरका से वार्ता चलती रहेगी, लेकिन जब तक सभी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक धरने खत्म नहीं होंगे। सरकार हर बार वादा करती है। इस बार वादे से काम नहीं चलेगा। जेलों में बंद युवाओं के मुकदमे खारिज कर उन्हें रिहा करना होगा, तभी जाट समाज धरने खत्म करेगा। उन्होंने दावा किया कि धरने पर पांच लाख लोग शामिल हुए हैं।
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पूर्व निर्धारित घोषणा के अनुसार, जसिया धरना स्थल पर लोगों की भीड़ पहुंचनी शुरू हो गई। दोपहर तक भीड़ की संख्या इतनी बढ़ गई कि रोहतक-पानीपत हाईवे पर भी उनका कब्जा हो गया। हाइवे के दोनों तरफ कई-कई किलोमीटर दूर तक भीड़ इकट्ठा हो गई। इस दौरान वक्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। यहां तक कि महिलाओं ने भी मंच पर आकर सरकार को कोसा। करीब दो बजे समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने सरकार को खुला अल्टीमेटम दिया कि अब जो चाहे कर लें, मांग पूरी होने तक जाट पीछे नहीं हटेंगे। इसके बाद उन्होंने भीड़ से अनुमति लेकर आंदोलन की आगामी रणनीति का खुलासा किया।
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राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अभी तक प्रदेश में 20 स्थानों पर धरने चल रहे हैं। एक मार्च से इनकी संख्या बढ़ाकर 30 कर दी जाएगी। 2 मार्च को दिल्ली में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया जाएगा और उसी दिन संसद घेराव की तारीख भी तय कर दी जाएगी। सरकार के खिलाफ एक मार्च से असहयोग आंदोलन करने का भी घोषणा की गई। एक दिन दिल्ली में दूध की सप्लाई भी बंद कर की जाएगी। मंच के माध्यम से नेताओं को भी चेतावनी दी गई।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधि 27 फरवरी से पहले लिखित में धरने को समर्थन दें, नहीं तो उनका चुनाव में बहिष्कार किया जाएगा। इसके अलावा भी कई अन्य प्रस्तावों पर सहमति जताई गई। धरने पर भारी संख्या में रामपाल के समर्थक भी पहुंचे। उन्होंने भी मंच पर आकर जाट समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आह्वान किया। उधर, पुलिस-प्रशासन भले ही सुरक्षा के दावे कर रहा हो, लेकिन धरना स्थल के आसपास एक भी पुलिसकर्मी की ड्यूटी नहीं थी। जसिया धरने के कई किलोमीटर दूर मकड़ौली टोल पर फोर्स को लगाया गया था।
यह प्रस्ताव हुए पास
1. प्रदेश में भिवानी, जींद, पानीपत, हिसार, करनाल, दादरी, कुरुक्षेत्र, मेवात और पंचकूला में धरनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
2. दिल्ली में 2 मार्च को यूपी और हरियाणा के लोग प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को ज्ञापन देंगे और अगली रणनीति का खुलासा करेंगे।
3. 21 फरवरी से हर धरना स्थल पर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा, जिसके बाद संसद घेराव की तारीख तय कर सभी लोग ट्रैक्टर-ट्रॉली से दिल्ली पहुंचेंगे।
4. एक मार्च से असहयोग आंदोलन शुरू होगा, जिसमें कोई भी व्यक्ति बिजली-पानी के बिल और लोन का भुगतान नहीं करेगा। इसके साथ ही एक दिन के लिए दिल्ली में दूध और सब्जी की सप्लाई बंद की जाएगी।
5. पंच, सरपंच, जिला परिषद, विधायक और सांसदों को 27 फरवरी से पहले लिखित में समर्थन देना होगा, नहीं तो चुनाव में उनका बहिष्कार किया जाएगा।
6. 36 बिरादरी के भाईचारे को मजबूत करने के लिए हरियाणा व अन्य प्रदेशों में भाईचारा मीटिंग और रैली का आयोजन किया जाएगा।
7. 26 फरवरी को हरियाणा सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदेश भर में काला दिवस मनाया जाएगा, जिसमें सभी लोग काले कपड़े पहनकर पहुंचेंगे। इसके अलावा हर साल फरवरी के तीसरे रविवार को बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
8. सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने के लिए शादियों में डीजे पर प्रतिबंध, शराबबंदी, दहेज प्रथा खत्म करना, शादी में हथियारों का प्रदर्शन, मेहमानों की संख्या सीमित रखना और मृत्युभोज को बंद किया जाए।
वार्ता होती रहे, मांग पूरी होने के बाद ही रोकेंगे आंदोलन : यशपाल मलिक
सोमवार को पानीपत में सरकार के साथ होने वाली वार्ता पर भी समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दो टूक कहा। उन्होंने कहा कि सरका से वार्ता चलती रहेगी, लेकिन जब तक सभी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक धरने खत्म नहीं होंगे। सरकार हर बार वादा करती है। इस बार वादे से काम नहीं चलेगा। जेलों में बंद युवाओं के मुकदमे खारिज कर उन्हें रिहा करना होगा, तभी जाट समाज धरने खत्म करेगा। उन्होंने दावा किया कि धरने पर पांच लाख लोग शामिल हुए हैं।