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Sirsa: 15 अगस्त को जेल से चार कैदियों और 73 आरोपियों को मिलेगी रिहाई, यह है वजह
हितेश चतुर्वेदी, संवाद न्यूज एजेंसी, सिरसा (हरियाणा)
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Wed, 10 Aug 2022 01:39 AM IST
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सार
जुर्माना राशि नहीं भरने के कारण अतिरिक्त कारावास काट रहे चार कैदियों के नाम जेल प्रशासन ने भेजे हैं। जमानत मंजूर होने के बाद राशि नहीं होने के कारण जेल में बंद 73 बंदी भी रिहा होंगे।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आजादी का 75वां अमृत महोत्सव पर आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों व कैदियों के लिए खुशियां लेकर आया। जुर्माना और जमानत राशि भरने के लिए पैसे नहीं होने के कारण जेल में कैद इन कैदियों और बंदियों 15 अगस्त को रिहाई मिलेग। हरियाणा के सिरसा जेल प्रशासन व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आर्थिक रूप से कमजोर कैदियों व बंदियों की सूची तैयार की जा रही है।
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सिरसा जेल में 4 कैदी ऐसे मिले हैं जिसकी सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन जुर्माना राशि भरने के लिए पैसे नहीं होने के कारण वे अतिरिक्त कारावास काट रहे हैं। उक्त चारों कैदियों के नाम जेल प्रशासन ने महानिदेशक जेल हरियाणा को भेज दिए हैं। वहीं, छोटे आपराधिक मामलों में जमानत मंजूर होने के बावजूद जमानत राशि न भरने के कारण जेल में कैद बंदियों की सूची जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने तैयार की है। अभी तक विभिन्न छोटे आपराधिक मामलों में जेल में बंद करीब 73 आरोपियों को चिह्नित किया गया है। ये सूची राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से केंद्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजी जाएगी।
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सिरसा जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की चेयरपर्सन वाणी गोपाल शर्मा की अध्यक्षता में एक अगस्त को इस संबंध में बैठक हुई थी। इसके बाद विभिन्न न्यायालयों से ऐसे छोटे आपराधिक मामलों का ब्योरा मांगा गया, जिसमें आरोपी की जमानत मंजूर हो चुकी है, लेकिन उसके पास बेल बांड भरने के पैसे नहीं हैं।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अनुराधा ने बताया कि अभी 73 विचाराधीन आरोपियों को चिह्नित किया गया है। ये जमानत राशि जमा करने में असमर्थ हैं, आरोपियों को राहत देते हुए जमानत राशि कम हो सकती है।
इसके अलावा पहली बार छोटे अपराधों के दोषियों को अच्छे व्यवहार के बांड पर रिहा किया जा सकता। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर पात्र कैदियों को रिहा करने को कहा है। कैदियों की रिहाई तीन चरणों में की जाएगी। पहले चरण में 15 अगस्त को रिहाई की जानी है।
ये भी है मुख्य कारण
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आर्थिक रूप से कमजोर बंदियों व कैदियों की सहायता करता है। जांच में ये बात भी सामने आई कि कई बंदी व कैदी कई केसों में आरोपी या दोषी हैं। इसलिए वे जुर्माना राशि नहीं भरते या जमानत राशि न भरते। इसके अलावा सिरसा में मादक पदार्थ तस्करी के मामले काफी ज्यादा हैं। आरोपी की जमानत मंजूर होने के बाद भी घरवाले जमानत नहीं करवाते, क्योंकि उनके सामने कई मजबूरियां होती हैं।
गुजरात की कंपनी ने नहीं भेजा माल, कपड़े के अभाव में कैदी नहीं बना पा रहे तिरंगा झंडा
हर घर तिरंगा अभियान के तहत सिरसा जेल में कैदियों का तिरंगा झंडा बनाने का सपना पूरा नहीं पाएगा। जेल प्रशासन को तिरंगा झंडा बनाने के लिए कपड़ा नहीं मिला है। जेल प्रशासन ने गुजरात की कंपनी से बात की तो उन्होंने माल नहीं होने की बात कही है। कंपनी का सारा माल दिल्ली व अन्य महानगरों में बिक चुका है। हर घर अभियान के तहत सिरसा जेल के कैदियों को 25 हजार तिरंगा झंडा बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन झंडे के लिए कपड़ा नहीं मिलने से कैदी तिरंगा नहीं बना सकते। जेल अधिकारियों ने विभाग को इस बारे में अवगत करा दिया है।

छोटे आपराधिक मामलों में जिन आरोपियों की जमानत मंजूर हो चुकी है, लेकिन उनके पास जमानत राशि लायक पैसे नहीं। अभी तक ऐसे 73 आरोपियों को चिह्नित किया गया है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की चेयरपर्सन वाणी गोपाल शर्मा की अध्यक्षता में एक अगस्त को इस संबंध में बैठक हुई थी। - अनुराधा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरसा।
जुर्माना राशि न भरने के कारण अतिरिक्त कारावास भुगतने वाले 4 कैदियों को चिह्नित किया गया है। ये सूची विभाग को भेजी गई है, आगे की कार्यवाही विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जानी है। कैदियों में खुशी है कि सरकार उन्हें रिहाई देने वाली है। - मोहन लाल, उप जेल अधीक्षक, सिरसा जेल।