हरियाणा: खुले में खराब नहीं होगा अनाज, पड़ोसी जिलों के गोदामों में भी होगा गेहूं का भंडारण, किराये पर लिए जाएंगे गोदाम
रबी खरीद सीजन में इस बार गेहूं का भंडारण खुले में नहीं होगा। गेहूं को गोदामों में ही रखा जाएगा। भिवानी, फतेहाबाद, करनाल, जगाधरी, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, रोहतक, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, झज्जर में भंडारण की व्यवस्था होगी। दूसरे जिलों में निजी गोदामों को किराये पर लेकर भी गेहूं भंडारण किया जाएगा।
विस्तार
अनाज का खुले में भंडारण होने के कारण हर साल हजारों मीट्रिक टन गेहूं बर्बाद हो जाता है। इस बर्बादी को बचाने के लिए नई व्यवस्था की गई है। अब गेहूं का भंडारण सिर्फ गोदामों में ही होगा। इसके लिए पड़ोसी जिलों के गोदामों में भी गेहूं भेजा जाएगा।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। अब हरियाणा में गेहूं भंडारण के लिए दूसरे जिलों में भी गोदाम किराये पर लिए जाएंगे, जिसके अंदर खरीद होने वाले गेहूं के स्टैक लगेंगे। अकेले भिवानी जिले में 11 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं खुले में भंडारित किया जाता रहा है, ऐसा इसलिए किया जाता था, क्योंकि विभाग और खरीद एजेंसियों के पास गोदाम नहीं थे। अब गोदाम नहीं होने का बहाना नहीं चलेगा, क्योंकि गेहूं की खरीद किसी भी जिले में हो, जहां गोदाम खाली होंगे, वहां उसका सुरक्षित भंडारण होगा।
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने सभी सरकारी खरीद एजेंसियों को रबी खरीद सीजन 2022-23 में गेहूं भंडारण को लेकर अभी से सख्त हिदायतें जारी कर दी हैं। भारतीय खाद्य निगम और भारत सरकार की हिदायतों के अनुसार रबी सीजन के दौरान गेहूं का भंडारण खुले में नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं कवर्ड गोदाम में गेहूं भंडारण क्षमता 15 प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्टैक की ऊंचाई भी बढ़ाई गई है।
भारतीय खाद्य निगम की रिपोर्ट के अनुसार भिवानी, फतेहाबाद, करनाल, जगाधरी, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, रोहतक में कवर्ड भंडारण क्षमता का अंतर ज्यादा हैं, यानी खरीद ज्यादा होती है, जबकि भंडारण के लिए गोदामों में जगह कम है। ऐसे में यहां राइस मिल, शुगर मिल, सहकारी समितियों, कोल्ड स्टोरेज व अन्य समितियों की सहायता से कवर्ड गोदाम भी किराये पर लिए जाएंगे।
रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ जिलों में भंडारण क्षमता के अनुसार साथ लगते जिले मेवात, झज्जर, भिवानी व अन्य जिलों में खरीद किया गया गेहूं भंडारण कराया जाएगा। यानी रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिले में गेहूं की ज्यादा पैदावार नहीं होती है, ऐसे में इन दोनों जिलों के गोदामों में नजदीकी जिलों में खरीदा गया गेहूं भी भंडारण के दायरे में आएगा।
भिवानी की चारा मंडी में लाखों मीट्रिक टन अनाज का होता है भंडारण
भिवानी में रबी खरीद सीजन के दौरान करीब नौ से 12 खरीद केंद्र बनाए जाते हैं। इनमें खरीदा गया अधिकतर गेहूं का खुले में भंडारण ही किया जाता है। भिवानी की चारा मंडी में करीब 11 लाख मीट्रिक टन गेहूं का भंडारण खुले में ही किया जाता है। इस गेहूं पर मौसम की मार भी पड़ती है, कई बार गेहूं बारिश में भी भीग जाता है। जिसकी वजह से उसकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है।
डिपो पर पहुंचा सड़ा हुआ गेहूं तो खैर नहीं
सरकारी राशन डिपो पर सड़ा हुआ गेहूं पहुंचा तो संबंधित अधिकारियों की भी खैर नहीं होगी, क्योंकि खुले में भंडारण की वजह से गेहूं खराब होने का बहाना नहीं चलेगा, बल्कि अधिकारी नपेंगे। गोदाम में सुरक्षित भंडारण में रखे गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित होती है तो उसकी जवाबदेही भी संबंधित अधिकारियों की ही होगी।
पड़ोसी जिलों में होगा भंडारण
इस बार खरीद होने वाले गेहूं का भंडारण खुले में नहीं किया जाएगा। इस संबंध में निदेशालय से स्पष्ट हिदायतें आ चुकी हैं। गोदामों को किराये पर लेने के संबंध में भी हिदायतें दी गई हैं। पड़ोसी जिलों में गोदामों के अंदर भंडारण क्षमता के अनुसार गेहूं सुरक्षित भंडारित किया जाएगा। - मनीषा मेहरा, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक भिवानी।