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Bilaspur News: दिल्ली में बीएस-4 डीजल कमर्शियल वाहनों पर रोक से बीडीटीएस भी प्रभावित
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Wed, 17 Dec 2025 11:58 PM IST
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डिजिटल न चलाएं
बीएस-6 की श्रेणी के नहीं हैं बिलासपुर ट्रक सहकारी सभा के अधिकतर वाहन
सेब, सब्जी सीजन में कुल्लू, सिरमौर, शिमला से दिल्ली के लिए करते हैं माल ढुलाई
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों के तहत दिल्ली प्रशासन ने कॉमर्शियल वाहनों के प्रवेश को लेकर कड़े नियम लागू कर दिए हैं। इन नए नियमों का सीधा व्यापक असर प्रदेश की बड़ी ट्रांसपोर्ट सभाओं में शामिल बिलासपुर ट्रक परिवहन सहकारी सभा बरमाणा से जुड़े ट्रक ऑपरेटरों पर पड़ रहा है।
दिल्ली प्रशासन की ओर जारी निर्देशों के अनुसार बीएस-4 डीजल कॅमर्शियल वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर रोक लगा दी गई है। अब राजधानी में केवल बीएस-6 या उससे उच्च श्रेणी के कॅमर्शियल वाहनों को ही आवागमन की अनुमति दी जा रही है। इससे पहले ही बीएस-3 और उससे पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लागू है, जिन्हें दिल्ली की सीमाओं से ही वापस मोड़ा जा रहा है। हालांकि, प्रशासन ने बीएस-4 डीजल कॅमर्शियल वाहनों को 31 अक्तूबर 2026 तक सीमित व अस्थायी छूट दी है, जबकि प्राइवेट बीएस-4 कारों को उनके पंजीकरण की वैधता अवधि तक चलाने की अनुमति दी गई है। इसके बावजूद, आने वाले समय में बीएस-4 वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध की संभावना ने ट्रक ऑपरेटरों की चिंता बढ़ा दी है। इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए बीडीटीएस बरमाणा के पदाधिकारी सुरेश चौधरी ने बताया कि सोसायटी से जुड़े लगभग 3500 ट्रक विभिन्न राज्यों में माल ढुलाई के कार्य में लगे हुए हैं। वर्तमान में सड़कों पर चल रहे ट्रकों का एक बड़ा हिस्सा बीएस-4 श्रेणी का है। ऐसे में दिल्ली में बीएस-6 वाहनों की अनिवार्यता से उन ट्रक मालिकों के सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, जिन्होंने अभी तक नए वाहन नहीं खरीदे हैं। बीडीटीएस के ट्रक मुख्य रूप से पंजाब और दिल्ली रूट पर कृषि उपज की ढुलाई करते हैं। इनमें आलू,मटर, विशेषकर कुल्लू,सिरमौर और शिमला जिलों के सेब और सब्जियां शामिल हैं। यदि बीएस-4 ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश बंद होता है,तो इसका सीधा असर न केवल ट्रांसपोर्टरों पर पड़ेगा,बल्कि बागवानों और किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे संपूर्ण सप्लाई चेन प्रभावित होने की आशंका है।
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संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों के तहत दिल्ली प्रशासन ने कॉमर्शियल वाहनों के प्रवेश को लेकर कड़े नियम लागू कर दिए हैं। इन नए नियमों का सीधा व्यापक असर प्रदेश की बड़ी ट्रांसपोर्ट सभाओं में शामिल बिलासपुर ट्रक परिवहन सहकारी सभा बरमाणा से जुड़े ट्रक ऑपरेटरों पर पड़ रहा है।
दिल्ली प्रशासन की ओर जारी निर्देशों के अनुसार बीएस-4 डीजल कॅमर्शियल वाहनों की दिल्ली में एंट्री पर रोक लगा दी गई है। अब राजधानी में केवल बीएस-6 या उससे उच्च श्रेणी के कॅमर्शियल वाहनों को ही आवागमन की अनुमति दी जा रही है। इससे पहले ही बीएस-3 और उससे पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लागू है, जिन्हें दिल्ली की सीमाओं से ही वापस मोड़ा जा रहा है। हालांकि, प्रशासन ने बीएस-4 डीजल कॅमर्शियल वाहनों को 31 अक्तूबर 2026 तक सीमित व अस्थायी छूट दी है, जबकि प्राइवेट बीएस-4 कारों को उनके पंजीकरण की वैधता अवधि तक चलाने की अनुमति दी गई है। इसके बावजूद, आने वाले समय में बीएस-4 वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध की संभावना ने ट्रक ऑपरेटरों की चिंता बढ़ा दी है। इस विषय पर प्रतिक्रिया देते हुए बीडीटीएस बरमाणा के पदाधिकारी सुरेश चौधरी ने बताया कि सोसायटी से जुड़े लगभग 3500 ट्रक विभिन्न राज्यों में माल ढुलाई के कार्य में लगे हुए हैं। वर्तमान में सड़कों पर चल रहे ट्रकों का एक बड़ा हिस्सा बीएस-4 श्रेणी का है। ऐसे में दिल्ली में बीएस-6 वाहनों की अनिवार्यता से उन ट्रक मालिकों के सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है, जिन्होंने अभी तक नए वाहन नहीं खरीदे हैं। बीडीटीएस के ट्रक मुख्य रूप से पंजाब और दिल्ली रूट पर कृषि उपज की ढुलाई करते हैं। इनमें आलू,मटर, विशेषकर कुल्लू,सिरमौर और शिमला जिलों के सेब और सब्जियां शामिल हैं। यदि बीएस-4 ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश बंद होता है,तो इसका सीधा असर न केवल ट्रांसपोर्टरों पर पड़ेगा,बल्कि बागवानों और किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे संपूर्ण सप्लाई चेन प्रभावित होने की आशंका है।
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