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Bilaspur News: ढुलान कार्य देने की मांग को लेकर टिपर यूनियन धरना जारी
संवाद न्यूज एजेंसी, बिलासपुर
Updated Wed, 17 Dec 2025 11:50 PM IST
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कोठीपुरा में मांगों को लेकर धरने पर बैठे टिपर यूनियन के पदाधिकारी व पहुंचे विधायक त्रिलोक जमवाल
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सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल ने भी किया यूनियन का समर्थन
संवाद न्यूज एजेंसी
बिलासपुर। निर्माणाधीन शिमला-मटौर फोरलेन में ढुलान कार्य देने की मांग को लेकर टिपर यूनियन बिलासपुर का धरना-प्रदर्शन जारी है। बुधवार को दसवें दिन सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल भी नौणी के पास धरना स्थल पर पहुंचे।
उन्होंने यूनियन की मांग को जायज करार देते हुए कहा कि वे फोरलेन का निर्माण कर रही कंपनी से भीख नहीं, बल्कि काम मांग रहे हैं। यह उनका हक भी है। उन्होंने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से मांग की कि यूनियन के आंदोलन को गंभीरता से लेकर उन्हें फोरलेन में काम दिलवाया जाए। त्रिलोक जमवाल ने कहा कि शिमला-मटौर फोरलेन का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस फोरलेन का नौणी से नम्होल तक का हिस्सा बिलासपुर में आता है। ऐसे में रोजगार के लिहाज से पहला हक प्रभावित और स्थानीय लोगों का है। केंद्र और प्रदेश सरकार की पॉलिसी भी यही है कि किसी भी प्रोजेक्ट में 70 फीसदी रोजगार या काम स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए। ऐसे में ढुलान कार्य को लेकर यूनियन की मांग पूरी तरह से जायज है। उधर, यूनियन के प्रधान चंदन चंदेल ने कहा कि ढुलाई कार्य देने की मांग को लेकर यूनियन पिछले 10 दिनों से धरने पर है, लेकिन कंपनी उनसे वार्ता करने की जहमत तक नहीं उठा रही है। उन्होंने बताया कि इसके चलते उन्होंने ब्रह्मपुखर के पास स्थित कंपनी के प्लांट का कार्य बंद करा दिया है। यदि शीघ्र मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा।
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बिलासपुर। निर्माणाधीन शिमला-मटौर फोरलेन में ढुलान कार्य देने की मांग को लेकर टिपर यूनियन बिलासपुर का धरना-प्रदर्शन जारी है। बुधवार को दसवें दिन सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल भी नौणी के पास धरना स्थल पर पहुंचे।
उन्होंने यूनियन की मांग को जायज करार देते हुए कहा कि वे फोरलेन का निर्माण कर रही कंपनी से भीख नहीं, बल्कि काम मांग रहे हैं। यह उनका हक भी है। उन्होंने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से मांग की कि यूनियन के आंदोलन को गंभीरता से लेकर उन्हें फोरलेन में काम दिलवाया जाए। त्रिलोक जमवाल ने कहा कि शिमला-मटौर फोरलेन का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस फोरलेन का नौणी से नम्होल तक का हिस्सा बिलासपुर में आता है। ऐसे में रोजगार के लिहाज से पहला हक प्रभावित और स्थानीय लोगों का है। केंद्र और प्रदेश सरकार की पॉलिसी भी यही है कि किसी भी प्रोजेक्ट में 70 फीसदी रोजगार या काम स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए। ऐसे में ढुलान कार्य को लेकर यूनियन की मांग पूरी तरह से जायज है। उधर, यूनियन के प्रधान चंदन चंदेल ने कहा कि ढुलाई कार्य देने की मांग को लेकर यूनियन पिछले 10 दिनों से धरने पर है, लेकिन कंपनी उनसे वार्ता करने की जहमत तक नहीं उठा रही है। उन्होंने बताया कि इसके चलते उन्होंने ब्रह्मपुखर के पास स्थित कंपनी के प्लांट का कार्य बंद करा दिया है। यदि शीघ्र मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा।
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